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डूंगरपुर की 1 हजार बेटियों को 2 साल से नहीं मिली स्कूटी, 8 करोड़ की स्कूटियां झाड़ियों के बीच फांक रही धूल - GIRLS STUDENTS WAITING FOR SCOOTY

डूंगरपुर की 1000 छात्राओं को 2 साल से स्कूटी वितरित नहीं की गई है. 8 करोड़ की ये स्कूटियां बाड़े में धूल फांक रही है.

Girls Students waiting for Scooty
छात्राओं को स्कूटी का इंतजार (ETV Bharat Dungarpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 6, 2025, 5:31 PM IST

डूंगरपुर: राज्य सरकार की कालीबाई स्कूटी योजना और देवनारायण स्कूटी को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग और कॉलेज शिक्षा विभाग के अधिकारी पलीता लगा रहे हैं. डूंगरपुर जिले की 1 हजार होनहार बेटियां योजना के तहत जिन स्कूटियों के मिलने का इंतजार कर रही हैं, वे 8 करोड़ की स्कूटी गोकुलपुरा स्थित एक कम्पनी के डीलर के बाड़े में कबाड़ बन रही हैं. लापरवाही की हद ये है कि विभाग के अधिकारियों को इन स्कूटियों की जानकारी तक नहीं है. इसके अलावा उदयपुर के एमजी कॉलेज में भी स्कूटी पड़े-पड़े ही खराब हो रही हैं.

छात्राओं के हक पर बड़ी लापरवाही (ETV Bharat Dungarpur)

राज्य सरकार कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना और देवनारायण योजना के तहत 12वीं कक्षा में अच्छे अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटियां देती है. कॉलेज निदेशालय की ओर से सत्र 2023-24 की छात्राओं को स्कूटियां दी जा रही हैं. लेकिन सत्र 2022-23 में चयनित 1000 छात्राओं को अब तक स्कूटियां नहीं मिली हैं. विधानसभा चुनाव से पहले 168 छात्राओं को स्कूटी का वितरण कर दिया गया था. लेकिन शेष एक हजार छात्राओं को आज भी इन स्कूटियों का इंतजार है. 8 करोड़ की स्कूटियां बाड़े में धूल फांक रही हैं. लंबे समय से यहां रखी स्कूटियां अब कबाड़ बनती जा रही हैं.

पढ़ें: Rajasthan: सरकार की ये कैसी बेरुखी: बांसवाड़ा में छात्राओं को बांटने वाली स्कूटियां झाड़ियों में फांक रही है धूल - स्कूटी का वितरण बंद

छात्राएं कर रही प्रदर्शन: सत्र 2022-23 में स्कूटी योजना के तहत पात्र छात्राओं ने कई बार प्रदर्शन करते हुए स्कूटी देने की गुहार लगाई. लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला. जबकि ये स्कूटियां सरकार की ओर से 28 मार्च, 2024 को खरीद ली गई थी. वहीं 19 मई को प्रत्येक छात्रा के नाम से आरटीओ रजिस्ट्रेशन व बीमा तक भी चुका है. स्कूटियां कम्पनी के एक डीलर के बाड़े में 9 माह पहले ही आ गई थी. लेकिन इन स्कूटियों को वितरण करने की जहमत ना तो टीएडी विभाग और न ही कॉलेज निदेशालय ने उठाई. बाड़े में खड़ी इन स्कूटियों की फ्यूल नलियां व तार भी टूट चुके हैं.

पढ़ें: विशेष योग्यजनों के अच्छी खबर: राज्य सरकार ने पात्रता में बढ़ाया उम्र का दायरा, अब 5 हजार विशेष योग्यजनों मिलेंगी स्कूटियां

अधिकारियों को नहीं जानकारी: स्कूटियों के संबंध में वीकेबी गर्ल्स कॉलेज के प्राचार्य व नोडल अधिकारी पीएल डामोर से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि उनके पास सत्र 2022-23 की विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ 168 स्कूटियां आई थी. जिनका वितरण कर दिया गया था. वहीं इसके बाद सत्र 2022-23 की कोई स्कूटी नहीं है और न ही उनके सम्बन्ध में कॉलेज निदेशालय की ओर से कोई निर्देश मिले हैं. डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोगरा ने राज्य सरकार पर इसे लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये भाजपा सरकार की आदिवासियों के प्रति सोच को उजागर करता है.

पढ़ें: मंत्री रमेश मीणा ने अनुसूचित जनजाति की 53 छात्राओं को वितरित की निःशुल्क स्कूटियां - खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा

उदयपुर के एमजी कॉलेज में भी पड़ी हैं स्कूटियां: डूंगरपुर ही नहीं उदयपुर के एमजी कॉलेज में करोड़ों की स्कूटियां धूल खा रही हैं. ये स्कूटियां भी करीब सालभर से कॉलेज में पड़ी होने की बात सामने आई है. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की वजह से पात्र छात्राओं तक ये स्कूटियां नहीं पहुंची. वहीं छात्राएं स्कूटियां नहीं आने की वजह से कलेक्ट्री और विभागों के चक्कर काटती रही.

डूंगरपुर: राज्य सरकार की कालीबाई स्कूटी योजना और देवनारायण स्कूटी को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग और कॉलेज शिक्षा विभाग के अधिकारी पलीता लगा रहे हैं. डूंगरपुर जिले की 1 हजार होनहार बेटियां योजना के तहत जिन स्कूटियों के मिलने का इंतजार कर रही हैं, वे 8 करोड़ की स्कूटी गोकुलपुरा स्थित एक कम्पनी के डीलर के बाड़े में कबाड़ बन रही हैं. लापरवाही की हद ये है कि विभाग के अधिकारियों को इन स्कूटियों की जानकारी तक नहीं है. इसके अलावा उदयपुर के एमजी कॉलेज में भी स्कूटी पड़े-पड़े ही खराब हो रही हैं.

छात्राओं के हक पर बड़ी लापरवाही (ETV Bharat Dungarpur)

राज्य सरकार कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना और देवनारायण योजना के तहत 12वीं कक्षा में अच्छे अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटियां देती है. कॉलेज निदेशालय की ओर से सत्र 2023-24 की छात्राओं को स्कूटियां दी जा रही हैं. लेकिन सत्र 2022-23 में चयनित 1000 छात्राओं को अब तक स्कूटियां नहीं मिली हैं. विधानसभा चुनाव से पहले 168 छात्राओं को स्कूटी का वितरण कर दिया गया था. लेकिन शेष एक हजार छात्राओं को आज भी इन स्कूटियों का इंतजार है. 8 करोड़ की स्कूटियां बाड़े में धूल फांक रही हैं. लंबे समय से यहां रखी स्कूटियां अब कबाड़ बनती जा रही हैं.

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छात्राएं कर रही प्रदर्शन: सत्र 2022-23 में स्कूटी योजना के तहत पात्र छात्राओं ने कई बार प्रदर्शन करते हुए स्कूटी देने की गुहार लगाई. लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला. जबकि ये स्कूटियां सरकार की ओर से 28 मार्च, 2024 को खरीद ली गई थी. वहीं 19 मई को प्रत्येक छात्रा के नाम से आरटीओ रजिस्ट्रेशन व बीमा तक भी चुका है. स्कूटियां कम्पनी के एक डीलर के बाड़े में 9 माह पहले ही आ गई थी. लेकिन इन स्कूटियों को वितरण करने की जहमत ना तो टीएडी विभाग और न ही कॉलेज निदेशालय ने उठाई. बाड़े में खड़ी इन स्कूटियों की फ्यूल नलियां व तार भी टूट चुके हैं.

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अधिकारियों को नहीं जानकारी: स्कूटियों के संबंध में वीकेबी गर्ल्स कॉलेज के प्राचार्य व नोडल अधिकारी पीएल डामोर से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि उनके पास सत्र 2022-23 की विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ 168 स्कूटियां आई थी. जिनका वितरण कर दिया गया था. वहीं इसके बाद सत्र 2022-23 की कोई स्कूटी नहीं है और न ही उनके सम्बन्ध में कॉलेज निदेशालय की ओर से कोई निर्देश मिले हैं. डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोगरा ने राज्य सरकार पर इसे लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये भाजपा सरकार की आदिवासियों के प्रति सोच को उजागर करता है.

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उदयपुर के एमजी कॉलेज में भी पड़ी हैं स्कूटियां: डूंगरपुर ही नहीं उदयपुर के एमजी कॉलेज में करोड़ों की स्कूटियां धूल खा रही हैं. ये स्कूटियां भी करीब सालभर से कॉलेज में पड़ी होने की बात सामने आई है. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की वजह से पात्र छात्राओं तक ये स्कूटियां नहीं पहुंची. वहीं छात्राएं स्कूटियां नहीं आने की वजह से कलेक्ट्री और विभागों के चक्कर काटती रही.

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