ETV Bharat / state

महाकुंभ के इस शिविर में मिल रहे पशुपतिनाथ से आए सवा करोड़ रुद्राक्ष, निशुल्क ज्योतिषी परामर्श भी मिल रहा - SWAMI SHIV GYANANAND SARASWATI

फ्री में कुंडली बनाकर भविष्य की राह दिखाने के साथ दुर्लभ संयोग में जन्में बच्चों को महान बनाने में जुटे नागा सन्यासी शिव ज्ञानानंद सरस्वती.

ETV Bharat
महाकुम्भ में भक्तों को निशुल्क रुद्राक्ष वितरित करते संत स्वामी शिव ज्ञाना नंद सरस्वती महाराज (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 25, 2025, 2:07 PM IST

प्रयागराज : महाकुंभ में देशभर से साधु संत महंत आए हुए हैं. ये सभी संत महात्मा सनातन धर्म की मजबूती और उसके प्रचार प्रसार के लिए अपने अपने अंदाज से कार्य कर रहे. इसी कड़ी में आनंद अखाड़े से जुड़े हुए नागा सन्यासी स्वामी शिव ज्ञानानंद सरस्वती पद यात्रा करते हुए त्रयंबकेश्वर से प्रयागराज आए हुए हैं. नेपाल के पशुपतिनाथ से सवा करोड़ रुद्राक्ष मंगवाए हैं जिन्हें निशुल्क रूप से श्रद्धालुओं को देने के साथ ही उनकी कुंडली भी निशुल्क बनाकर दे रहे हैं. इसके साथ महाकुंभ के इस शिविर में निशुल्क ज्योतिषी परामर्श, वैदिक मंत्रों के साथ हवन भी किया जा रहा है.

संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में त्रयंबकेश्वर से आये हुए स्वामी शिव ज्ञानानंद सरस्वती महाराज विश्व कल्याण और सनातन धर्म को जन जन तक पहुँचाने के लिए अनवरत प्रयास कर रहे हैं. महाकुम्भ की धरती से भारत भ्रमण करके लोगों को सनातन धर्म से जोड़ने का कार्य करेंगे. उनका कहना है कि सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करके ही हम फिर से विश्व गुरु बन सकते हैं. उसके लिए वो महाकुंभ में कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करने के साथ ही वैदिक ज्योतिष के जरिये लोगों की कुंडली बनाने के साथ ही उन्हें निशुल्क ज्योतिषी परामर्श भी दे रहे हैं.

ग्रह नक्षत्रों के अद्भुत संयोग में पैदा होने वालों को बताते हैं उनका महत्व : महाकुम्भ के इस शिविर में त्रयंम्बकेश्वर से आये हुए आनंद अखाड़े के संत स्वामी शिव ज्ञाना नंद सरस्वती महाराज का कहना है कि वो मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं का वैदिक ज्योतिष के माध्यम से कुंडली बनाकर निशुल्क ज्योतिषी परामर्श भी दे रहे हैं. यही नहीं वो कुंडली बनाते समय यह भी देखते हैं कि किस भक्त का जन्म किस नक्षत्र मुहूर्त और लग्न में हुआ है. इस दौरान अगर उन्हें कोई विलक्षण कुंडली दिखती है जो दुर्लभ संयोग में जन्में जातक का होता है, तो वो उस बच्चे के माता पिता परिवार वालों को उसकी विशेषता बताते हैं. उनका कहना है कि महान व्यक्तियों के जन्म के समय जो ग्रह नक्षत्रों की दशा दिशा होती है. उसी तरह के नक्षत्रों में जन्में जातकों के अंदर भी उस जैसे विशेष गुण होते हैं. यही वजह है कि वो ऐसे जातकों को सही राह दिखाने के लिए भी प्रयास करते हैं.

आनंद अखाड़े के संत स्वामी शिव ज्ञाना नंद सरस्वती महाराज (Video Credit; ETV Bharat)

उनका मानना है कि विलक्षण प्रतिभा वाले जातकों का पता लगाकर अगर उन्हें सही राह पर चलने के लिए प्रेरित किया जाए, तो हमारे देश के अंदर तमाम तरह के ऐसे लोग मिलेंगे जिनके कार्यो से अपने देश का, दुनिया में नाम होगा और वो सनातन धर्म के लिए भी कार्य करके धर्म को मज़बूत बनाने में सहयोगी साबित होंगे. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद से लेकर महात्मा गांधी और देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और दूसरे महान व्यक्तियों के जन्म वाले दुर्लभ संयोग वाले बच्चों का पता लगाकर अगर उन्हें उसी तरह में संस्कार दिए जाएं तो उन्हें भी महान बनाया जा सकता है, जिसके लिए वो प्रयास कर रहे हैं.

भक्तों के लिए निशुल्क रुद्राक्ष वितरण : महाकुम्भ में भक्तों को बांटने के लिए सवा करोड़ रुद्राक्ष नेपाल के पशुपति नाथ से मंगवाए हैं. इन रुद्राक्ष को भक्तों को निशुल्क रूप से दिया जा रहा है. रुद्राक्ष भक्तों के लिए आध्यात्मिक, सकारात्मकता ऊर्जा प्रदान करने वाला साबित होगा. इसके साथ ही उनके शिविर में अब 8 किलो से अधिक वजन वाले रुद्राक्ष के शिव लिंग का रुद्री महाभिषेक किया जाएगा. स्फटिक के शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर महाकुंभ की धरती से विश्व कल्याण की कामना की जाएगी. स्वामी जी ने कहा कि इस शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर भक्तों को विशेष आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा.

पैदल यात्रा के जरिए जन जागरण : त्रयंबकेश्वर से पदयात्रा कर आनंद अखाड़े के नागा सन्यासी स्वामी शिव ज्ञानानंद सरस्वती महाराज प्रयागराज महाकुंभ में पहुँच चुके हैं. महाकुंभ समाप्त होने के बाद वो भारत भ्रमण करने के लिए पदयात्रा की शुरुआत प्रयागराज से ही करेंगे. उनका कहना है कि पदयात्रा के जरिये देश वासियों और समाज में सनातन धर्म के प्रति जागरूकता फैलाएंगे. साथ ही लोगों को वैदिक परंपराओं सनातन धर्म और आध्यात्मिकता के महत्व के बारे में बताया जाएगा. बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके शिविर में आ रहे हैं और रुद्राक्ष लेने के साथ ही निशुल्क कुंडली प्राप्त कर, भक्त न केवल उनकी निशुल्क सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि ज्योतिषीय मार्गदर्शन से अपनी जीवन की राह चुनने और समस्याओं के समाधान की जानकारी भी हासिल कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025; अमृत स्नान के बाद इन 9 स्थानों पर जरूर घूमें, पता चलेगा क्यों प्रयागराज को कहते हैं तीर्थराज?

प्रयागराज : महाकुंभ में देशभर से साधु संत महंत आए हुए हैं. ये सभी संत महात्मा सनातन धर्म की मजबूती और उसके प्रचार प्रसार के लिए अपने अपने अंदाज से कार्य कर रहे. इसी कड़ी में आनंद अखाड़े से जुड़े हुए नागा सन्यासी स्वामी शिव ज्ञानानंद सरस्वती पद यात्रा करते हुए त्रयंबकेश्वर से प्रयागराज आए हुए हैं. नेपाल के पशुपतिनाथ से सवा करोड़ रुद्राक्ष मंगवाए हैं जिन्हें निशुल्क रूप से श्रद्धालुओं को देने के साथ ही उनकी कुंडली भी निशुल्क बनाकर दे रहे हैं. इसके साथ महाकुंभ के इस शिविर में निशुल्क ज्योतिषी परामर्श, वैदिक मंत्रों के साथ हवन भी किया जा रहा है.

संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में त्रयंबकेश्वर से आये हुए स्वामी शिव ज्ञानानंद सरस्वती महाराज विश्व कल्याण और सनातन धर्म को जन जन तक पहुँचाने के लिए अनवरत प्रयास कर रहे हैं. महाकुम्भ की धरती से भारत भ्रमण करके लोगों को सनातन धर्म से जोड़ने का कार्य करेंगे. उनका कहना है कि सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करके ही हम फिर से विश्व गुरु बन सकते हैं. उसके लिए वो महाकुंभ में कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करने के साथ ही वैदिक ज्योतिष के जरिये लोगों की कुंडली बनाने के साथ ही उन्हें निशुल्क ज्योतिषी परामर्श भी दे रहे हैं.

ग्रह नक्षत्रों के अद्भुत संयोग में पैदा होने वालों को बताते हैं उनका महत्व : महाकुम्भ के इस शिविर में त्रयंम्बकेश्वर से आये हुए आनंद अखाड़े के संत स्वामी शिव ज्ञाना नंद सरस्वती महाराज का कहना है कि वो मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं का वैदिक ज्योतिष के माध्यम से कुंडली बनाकर निशुल्क ज्योतिषी परामर्श भी दे रहे हैं. यही नहीं वो कुंडली बनाते समय यह भी देखते हैं कि किस भक्त का जन्म किस नक्षत्र मुहूर्त और लग्न में हुआ है. इस दौरान अगर उन्हें कोई विलक्षण कुंडली दिखती है जो दुर्लभ संयोग में जन्में जातक का होता है, तो वो उस बच्चे के माता पिता परिवार वालों को उसकी विशेषता बताते हैं. उनका कहना है कि महान व्यक्तियों के जन्म के समय जो ग्रह नक्षत्रों की दशा दिशा होती है. उसी तरह के नक्षत्रों में जन्में जातकों के अंदर भी उस जैसे विशेष गुण होते हैं. यही वजह है कि वो ऐसे जातकों को सही राह दिखाने के लिए भी प्रयास करते हैं.

आनंद अखाड़े के संत स्वामी शिव ज्ञाना नंद सरस्वती महाराज (Video Credit; ETV Bharat)

उनका मानना है कि विलक्षण प्रतिभा वाले जातकों का पता लगाकर अगर उन्हें सही राह पर चलने के लिए प्रेरित किया जाए, तो हमारे देश के अंदर तमाम तरह के ऐसे लोग मिलेंगे जिनके कार्यो से अपने देश का, दुनिया में नाम होगा और वो सनातन धर्म के लिए भी कार्य करके धर्म को मज़बूत बनाने में सहयोगी साबित होंगे. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद से लेकर महात्मा गांधी और देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और दूसरे महान व्यक्तियों के जन्म वाले दुर्लभ संयोग वाले बच्चों का पता लगाकर अगर उन्हें उसी तरह में संस्कार दिए जाएं तो उन्हें भी महान बनाया जा सकता है, जिसके लिए वो प्रयास कर रहे हैं.

भक्तों के लिए निशुल्क रुद्राक्ष वितरण : महाकुम्भ में भक्तों को बांटने के लिए सवा करोड़ रुद्राक्ष नेपाल के पशुपति नाथ से मंगवाए हैं. इन रुद्राक्ष को भक्तों को निशुल्क रूप से दिया जा रहा है. रुद्राक्ष भक्तों के लिए आध्यात्मिक, सकारात्मकता ऊर्जा प्रदान करने वाला साबित होगा. इसके साथ ही उनके शिविर में अब 8 किलो से अधिक वजन वाले रुद्राक्ष के शिव लिंग का रुद्री महाभिषेक किया जाएगा. स्फटिक के शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर महाकुंभ की धरती से विश्व कल्याण की कामना की जाएगी. स्वामी जी ने कहा कि इस शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर भक्तों को विशेष आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा.

पैदल यात्रा के जरिए जन जागरण : त्रयंबकेश्वर से पदयात्रा कर आनंद अखाड़े के नागा सन्यासी स्वामी शिव ज्ञानानंद सरस्वती महाराज प्रयागराज महाकुंभ में पहुँच चुके हैं. महाकुंभ समाप्त होने के बाद वो भारत भ्रमण करने के लिए पदयात्रा की शुरुआत प्रयागराज से ही करेंगे. उनका कहना है कि पदयात्रा के जरिये देश वासियों और समाज में सनातन धर्म के प्रति जागरूकता फैलाएंगे. साथ ही लोगों को वैदिक परंपराओं सनातन धर्म और आध्यात्मिकता के महत्व के बारे में बताया जाएगा. बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके शिविर में आ रहे हैं और रुद्राक्ष लेने के साथ ही निशुल्क कुंडली प्राप्त कर, भक्त न केवल उनकी निशुल्क सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि ज्योतिषीय मार्गदर्शन से अपनी जीवन की राह चुनने और समस्याओं के समाधान की जानकारी भी हासिल कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025; अमृत स्नान के बाद इन 9 स्थानों पर जरूर घूमें, पता चलेगा क्यों प्रयागराज को कहते हैं तीर्थराज?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.