दोहा: विदेश मंत्री एस. जयशंकर कतर के एक दिवसीय यात्रा पर रविवार को दोहा पहुंचे और वहां के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की. जयशंकर ने इस दौरान भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के साथ-साथ आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की. विदेश मंत्री ने कतर की राजधानी दोहा पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी से बातचीत की.
अल थानी से मुलाकात के बाद जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और दोनों देशों की जनता के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बातचीत की. क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर पर भी विचार-विमर्श किया. गाजा की स्थिति पर उनके दृष्टिकोण की सराहना करता हूं. जयशंकर ने कतर के अमीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से शुभकामनाएं भी दीं.
Delighted to meet PM and FM of Qatar @MBA_AlThani_ in Doha this afternoon. Conveyed the greetings and warm wishes of PM @narendramodi to H.H. The Amir and him.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 30, 2024
Reviewed our bilateral relationship focusing on political, trade, investment, energy, technology, culture and people… pic.twitter.com/GXuFYNukx7
जयशंकर की यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. दोनों देशों के नेताओं व अन्य लोगों की नियमित यात्रा इसकी गवाह है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 14-15 फरवरी को कतर का दौरा किया और वहां के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ चर्चा की. मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री की यात्रा दोनों पक्षों को राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा, सांस्कृतिक और आम लोगों के बीच आपसी संबंधों के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने में सक्षम बनाएगी.
फरवरी में पीएम मोदी ने किया था कतर का दौरा
इस साल की शुरुआत में अपनी दोहा यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी को कतर में आठ लाख से अधिक भारतीय समुदाय की देखभाल करने के लिए धन्यवाद दिया और कतर के साथ द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने व गहरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की. कतर के अमीर ने भी खाड़ी क्षेत्र में एक मूल्यवान भागीदार के रूप में भारत की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कतर के विकास में भारतीय समुदाय के योगदान और कतर में आयोजित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी की भी सराहना की.
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के बाद विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा था कि भारत-कतर द्विपक्षीय व्यापार लगभग 20 बिलियन डॉलर के करीब है और दोनों देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में भी बहुआयामी साझेदारी है.
फरवरी में गोवा में आयोजित भारत ऊर्जा सप्ताह के मौके पर दोनों देशों ने कतर से भारत को 2028 से 20 वर्षों के लिए 7.5 एमएमटीपीए एलएनजी की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर की यह तीसरी आधिकारिक यात्रा है. इससे पहले उन्होंने 20 जून को श्रीलंका और 23 जून को यूएई का दौरा किया था.
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