संयुक्त राष्ट्र: विदेशमंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान की आतंकवाद की नीति को लेकर दो टूक जवाब देते हुए कहा कि वह अपने कर्मों का फल भुगत रहा है. उन्होंने तीखा हमला करते हुए कहा कि पाकिस्तान की जीडीपी केवल कट्टरता में ही काम आती है.
विदेशमंत्री ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. उसके किसी रूप का विरोध होना चाहिए. पाकिस्तान की आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी. उसे दंड से बचने की कोई उम्मीद नहीं है और कार्रवाई के निश्चित रूप से परिणाम भुगतने होंगे.
Our Statement at the General Debate of the 79th session of #UNGA.#UNGA79 https://t.co/wBoRKOClS4
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 28, 2024
आतंकवाद दुनिया की हर चीज के विपरीत है. इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का दृढ़ता से विरोध किया जाना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने में भी राजनीतिक कारणों से बाधा नहीं डाली जानी चाहिए. कई देश अपने नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण पीछे छूट जाते हैं लेकिन कुछ देश जानबूझकर ऐसे निर्णय लेते हैं जिनके परिणाम विनाशकारी होते हैं.
विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इसका एक प्रमुख उदाहरण हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है. दुर्भाग्य से उसके कुकृत्यों का असर दूसरों पर भी पड़ता है खासकर पड़ोस पर. जब यह राजनीति अपने लोगों में इस तरह की कट्टरता पैदा करती है, तो इसकी जीडीपी को केवल कट्टरपंथ और आतंकवाद के रूप में मापा जा सकता है. आज हम देख रहे हैं कि दूसरों पर जो बुराइयां थोपने की कोशिश की गई, वे उसके अपने समाज को निगल रही हैं. इसके लिए दुनिया को दोष नहीं दिया जा सकता.
उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का मुद्दा भी उठाया. जयशंकर ने कहा कि दूसरों की भूमि पर लालच करने वाले एक निष्क्रिय राष्ट्र को उजागर किया जाना चाहिए. उसका मुकाबला किया जाना चाहिए. हमने कल इस मंच पर कुछ विचित्र बातें सुनीं. पाकिस्तान के पीएम शरीफ ने अपने भाषण में जम्मू- कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से की.
इसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर ने कहा कि इसलिए मैं भारत की स्थिति को पूरी तरह से स्पष्ट करना चाहता हूं. हमारे बीच हल किया जाने वाला मुद्दा अब केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है. चीन का नाम लिए बिना, जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने को भी राजनीतिक कारणों से बाधित नहीं किया जाना चाहिए.