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सावधान! ईयरफोन का लगातार इस्तेमाल कर सकता है आपको बहरा, जानें इसको इस्तेमाल करने का सही समय - Disadvantages Of Using Earphones

Side Effects Of Earphones: आजकल लोग बेहतर ऑडियो अनुभव के लिए इयरफोन का इस्तेमाल करते हैं. इसका इस्तेमाल युवाओं द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है लेकिन इयरफोन के आनंददायक अनुभव से पूरी तरह से मोहित होने के साथ-साथ, आज आपको इससे सुनने की क्षमता पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में भी जानना बहुत जरूरी है. लंबे समय तक इसका इस्तेमाल आपको बहरा भी बना सकता है. आगे पढे़ं पूरी खबर.

Side Effects Of Earphones
ईयरफोन के नुकसान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 11, 2024, 7:10 AM IST

पटना: आज के दौर में लोगों के बीच ईयरफोन का इस्तेमाल एक सामान्य सी बात बन गई है. लोग ईयरफोन में तेज वॉल्यूम में गाने सुन रहे हैं. यह ईयरफोन भीड़ के शोर से बचने में तो कारगर है लेकिन यह कानों को भी काफी नुकसान पहुंचा रहा है. लगातार ईयरफोन या हेडफोन से तेज आवाज में गाने सुनने अथवा वीडियो देखने से कानों को काफी नुकसान हो रहा है.

ईयरफोन की वजह से हो सकती है ये समस्या: ईयरफोन की वजह से कान में दर्द और इन्फेक्शन की समस्याएं बढ़ रही है. इसके साथ ही बहरापन की भी स्थिति पैदा हो जा रही है. ऐसे में यह सावधानी बरतना बेहद जरूरी है, ताकि कानों की सुनने की क्षमता बरकरार रहे. लगातार लंबे समय तक ईयर फोन लगाकर सुनने से कुछ समय के बाद बहरापन की स्थिति आ सकती है. इसके अलावा सिर दर्द और कान दर्द की स्थिति भी होनी सामान्य है.

कितने देर करें ईयरफोन का इस्तेमाल: पटना के ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर अभिनीत लाल ने बताया कि कानों में ईयर फोन लगाकर कुछ सुन रहे हैं तो एक सीटिंग में अधिकतम डेढ़ घंटे तक ही ईयरफोन या ब्लूटूथ लगाकर सुनें. इस दौरान यह भी ध्यान रखें की जो मोबाइल की मैक्सिमम वॉल्यूम है उससे दो यूनिट नीचे वॉल्यूम में ही वीडियो या गाने को सुने. कान में ब्लूटूथ लगाकर कोई मूवी देख रहे हैं तो डेढ़ घंटे के बाद आधे घंटे का ब्रेक ले और उसके बाद ही आगे वीडियो को कंटिन्यू करें.

नहीं लौटती है सुनने की क्षमता: डॉ अभिनीत लाल ने बताया कि कान एक ऐसा अंग है जो कमजोर पड़ने पर ठीक नहीं होता है. सुनने की क्षमता एक बार चली गई तो दोबारा वापस नहीं आ सकती है. अगर कोई शख्स थोड़ा बहुत सुनने की क्षमता खोता है तो यह दोबारा रिकवर नहीं हो सकती. उपकरणों के माध्यम से कान में उसे असेंबल करके व्यक्ति के सुनने की क्षमता को बढ़ाई जा सकती है. कान बहुत ही सेंसिटिव ऑर्गन होता है.

परेशानी होने पर ईएनटी विशेषज्ञ से करें संपर्क: कान के साथ लापरवाही लंबे समय के लिए भारी पड़ जाती है. इसके अलावा ईयरफोन लगाकर अधिक सुनने से माइग्रेन की समस्या से ग्रसित होने की भी चांसेस अधिक होते हैं. इसलिए ध्यान रखें की अधिक समय ईयरफोन लगाकर तेज वॉल्यूम में ना सुने. अगर कोई दिक्कत हो रही है, कान से सुनने की क्षमता कमजोर हो रही है तो ईएनटी विशेषज्ञ से संपर्क करें.

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ईयरफोन की वजह से हो सकती है ये समस्या: ईयरफोन की वजह से कान में दर्द और इन्फेक्शन की समस्याएं बढ़ रही है. इसके साथ ही बहरापन की भी स्थिति पैदा हो जा रही है. ऐसे में यह सावधानी बरतना बेहद जरूरी है, ताकि कानों की सुनने की क्षमता बरकरार रहे. लगातार लंबे समय तक ईयर फोन लगाकर सुनने से कुछ समय के बाद बहरापन की स्थिति आ सकती है. इसके अलावा सिर दर्द और कान दर्द की स्थिति भी होनी सामान्य है.

कितने देर करें ईयरफोन का इस्तेमाल: पटना के ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर अभिनीत लाल ने बताया कि कानों में ईयर फोन लगाकर कुछ सुन रहे हैं तो एक सीटिंग में अधिकतम डेढ़ घंटे तक ही ईयरफोन या ब्लूटूथ लगाकर सुनें. इस दौरान यह भी ध्यान रखें की जो मोबाइल की मैक्सिमम वॉल्यूम है उससे दो यूनिट नीचे वॉल्यूम में ही वीडियो या गाने को सुने. कान में ब्लूटूथ लगाकर कोई मूवी देख रहे हैं तो डेढ़ घंटे के बाद आधे घंटे का ब्रेक ले और उसके बाद ही आगे वीडियो को कंटिन्यू करें.

नहीं लौटती है सुनने की क्षमता: डॉ अभिनीत लाल ने बताया कि कान एक ऐसा अंग है जो कमजोर पड़ने पर ठीक नहीं होता है. सुनने की क्षमता एक बार चली गई तो दोबारा वापस नहीं आ सकती है. अगर कोई शख्स थोड़ा बहुत सुनने की क्षमता खोता है तो यह दोबारा रिकवर नहीं हो सकती. उपकरणों के माध्यम से कान में उसे असेंबल करके व्यक्ति के सुनने की क्षमता को बढ़ाई जा सकती है. कान बहुत ही सेंसिटिव ऑर्गन होता है.

परेशानी होने पर ईएनटी विशेषज्ञ से करें संपर्क: कान के साथ लापरवाही लंबे समय के लिए भारी पड़ जाती है. इसके अलावा ईयरफोन लगाकर अधिक सुनने से माइग्रेन की समस्या से ग्रसित होने की भी चांसेस अधिक होते हैं. इसलिए ध्यान रखें की अधिक समय ईयरफोन लगाकर तेज वॉल्यूम में ना सुने. अगर कोई दिक्कत हो रही है, कान से सुनने की क्षमता कमजोर हो रही है तो ईएनटी विशेषज्ञ से संपर्क करें.

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