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डायबिटीज सेक्स लाइफ को कर सकती है खराब, विशेषज्ञों से जानिए इस बीमारी के साथ यौन जीवन मेंटेन करने का सही तरीका - HOW CAN DIABETES AFFECT SEX LIFE

मधुमेह के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो जाता है. महिलाओं में शारीरिक और मानसिक परेशानियां शुरू हो जाती हैं. पढ़ें खबर...

How can diabetes affect sex life? Know what you say doctor
डायबिटीज सेक्स लाइफ को कर सकती है खराब, (FREEPIK)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Dec 31, 2024, 5:48 PM IST

डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिजीज है, जो तब होता है जब आपका ब्लड शुगर सामान्य से अधिक होता है. यह कई अन्य बीमारियों जैसे हृदय संबंधी समस्याओं, लीवर फेलियर और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज पुरुषों और महिलाओं के यौन जीवन को भी प्रभावित कर सकता है? अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, डायबिटीज रोगियों को यौन समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है.

फोर्टिस सी.डी.ओ.सी. अस्पताल, मधुमेह और एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के निदेशक डॉ. रितेश गुप्ता के मुताबिक, डायबिटीज नसों, ब्लड सर्कुलेशन और हार्मोन पर इसके प्रभाव के कारण यौन जीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा, इस बीमारी से निपटने का तनाव भी यौन जीवन को खराब कर सकता है.

मधुमेह यौन जीवन को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है, जिनमें शामिल हैं...

मधुमेह के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो जाता है. जिससे रोमांस के प्रति रुचि और उत्साह कम हो जाता है. स्ट्रेस, चिंता, सुस्ती, वजन बढ़ना, बार-बार मूत्र संक्रमण, स्तंभन दोष और प्रजनन क्षमता में कमी भी इसके सामान्य लक्षण हैं. महिलाओं में शारीरिक और मानसिक परेशानियां शुरू हो जाती हैं. यौन इच्छा में कमी, योनि का सूखापन, संभोग के दौरान दर्द, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन आदि.

सामान्य महिलाओं की तुलना में पीसीओएस वाली युवा महिलाओं में डायबिटीज 10 गुना अधिक आम है. पीसीओएस से प्रभावित लोगों में, कोशिकाएं इंसुलिन को अवशोषित नहीं करती हैं, जिससे रक्त में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे गर्भावस्था बाधित होती है. मासिक धर्म के दौरान ओव्यूलेशन को रोकता है.

डायबिटीज सेक्स लाइफ को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है, जिनमें शामिल हैं...

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) : डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) होने की संभावना तीन गुना ज्यादा होती है, जो डायबिटीज रहित पुरुषों की तुलना में 10-15 साल पहले हो सकता है. ईडी नर्व डैमेज, सीमित ब्लड फ्लो या डैमेज ब्लड वेसल्स के कारण हो सकता है.

कम कामेच्छा : डायबिटीज को ठीक से मैनेज न किए जाने से पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्छा या यौन इच्छा कम हो सकती है. यह सूजन, कम टेस्टोस्टेरोन या कुछ दवाओं, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट के कारण हो सकता है.

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) : डायबिटीज से UTI का खतरा बढ़ सकता है.

स्पर्म DNA का डैमेज होने का खतरा : डायबिटीज स्पर्म के डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसके कारण स्पर्म की गतिशीलता और संख्या कम हो सकती है.

इजेकुलेशन रिलेटेड प्रॉब्लम: डायबिटीज के कारण इजेकुलेशन रिलेटेड प्रॉब्लम हो सकती हैं.

हाई ब्लड शुगर लेवल नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे यौन अंगों में ब्लड फ्लो बाधित हो सकता है. इससे संवेदना का नुकसान हो सकता है और उत्तेजित होने में कठिनाई हो सकती है.

कुछ सावधानियां बरतकर ऐसे दुष्प्रभावों से छुटकारा पाया जा सकता है. जैसे कि

  • रेगुलर दवा द्वारा ग्लूकोज की खुराक को सख्ती से नियंत्रित किया जाना चाहिए. जरूरत पड़ने पर इंसुलिन इंजेक्शन लेने में संकोच न करें.
  • साग, सब्जियां, गाजर, फलियां, मटर, ब्रोकोली, ताजे फल और नट्स का सेवन करना चाहिए. इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह रक्त में ग्लूकोज को जल्दी जमा होने से रोकता है.
  • रोजाना व्यायाम जरूरी है. ध्यान और योग का संयोजन और भी बेहतर है.
  • कंप्यूटर, लैपटॉप और टीवी के सामने बैठना कम करना चाहिए.
  • अच्छी नींद भी इस बीमारी के कंट्रोल करने के लिए जरूरी है.
  • धूम्रपान, शराब और बहुत ज्यादा कैफीन जैसी आदतों से बचना चाहिए.
  • तनाव कम करने के लिए अच्छी किताबें पढ़ना और मधुर संगीत सुनना चाहिए.
  • पुरुषों में स्तंभन दोष और महिलाओं में योनि की मांसपेशियों के अनैच्छिक संकुचन का इलाज किया जाना चाहिए.
  • अगर आपको यौन समस्याओं को लेकर कोई चिंता है तो आपको मनोवैज्ञानिक की सलाह लेनी चाहिए.
  • सुरक्षित सेक्स के लिए कंडोम का प्रयोग करना चाहिए. पार्टनर के साथ रोमांटिक जीवन जीने के लिए प्रतिबद्ध रहें.

यदि आपको डायबिटीज है तो यौन समस्याओं के बारे में किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करना जरूरी है. वे देखभाल और सलाह दे सकते हैं, और आपकी किसी भी समस्या का समाधान करने में आपकी मदद कर सकते हैं.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी कुछ अध्ययनों, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सिफारिशों के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिजीज है, जो तब होता है जब आपका ब्लड शुगर सामान्य से अधिक होता है. यह कई अन्य बीमारियों जैसे हृदय संबंधी समस्याओं, लीवर फेलियर और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज पुरुषों और महिलाओं के यौन जीवन को भी प्रभावित कर सकता है? अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, डायबिटीज रोगियों को यौन समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है.

फोर्टिस सी.डी.ओ.सी. अस्पताल, मधुमेह और एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के निदेशक डॉ. रितेश गुप्ता के मुताबिक, डायबिटीज नसों, ब्लड सर्कुलेशन और हार्मोन पर इसके प्रभाव के कारण यौन जीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा, इस बीमारी से निपटने का तनाव भी यौन जीवन को खराब कर सकता है.

मधुमेह यौन जीवन को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है, जिनमें शामिल हैं...

मधुमेह के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो जाता है. जिससे रोमांस के प्रति रुचि और उत्साह कम हो जाता है. स्ट्रेस, चिंता, सुस्ती, वजन बढ़ना, बार-बार मूत्र संक्रमण, स्तंभन दोष और प्रजनन क्षमता में कमी भी इसके सामान्य लक्षण हैं. महिलाओं में शारीरिक और मानसिक परेशानियां शुरू हो जाती हैं. यौन इच्छा में कमी, योनि का सूखापन, संभोग के दौरान दर्द, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन आदि.

सामान्य महिलाओं की तुलना में पीसीओएस वाली युवा महिलाओं में डायबिटीज 10 गुना अधिक आम है. पीसीओएस से प्रभावित लोगों में, कोशिकाएं इंसुलिन को अवशोषित नहीं करती हैं, जिससे रक्त में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे गर्भावस्था बाधित होती है. मासिक धर्म के दौरान ओव्यूलेशन को रोकता है.

डायबिटीज सेक्स लाइफ को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है, जिनमें शामिल हैं...

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) : डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) होने की संभावना तीन गुना ज्यादा होती है, जो डायबिटीज रहित पुरुषों की तुलना में 10-15 साल पहले हो सकता है. ईडी नर्व डैमेज, सीमित ब्लड फ्लो या डैमेज ब्लड वेसल्स के कारण हो सकता है.

कम कामेच्छा : डायबिटीज को ठीक से मैनेज न किए जाने से पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्छा या यौन इच्छा कम हो सकती है. यह सूजन, कम टेस्टोस्टेरोन या कुछ दवाओं, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट के कारण हो सकता है.

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) : डायबिटीज से UTI का खतरा बढ़ सकता है.

स्पर्म DNA का डैमेज होने का खतरा : डायबिटीज स्पर्म के डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसके कारण स्पर्म की गतिशीलता और संख्या कम हो सकती है.

इजेकुलेशन रिलेटेड प्रॉब्लम: डायबिटीज के कारण इजेकुलेशन रिलेटेड प्रॉब्लम हो सकती हैं.

हाई ब्लड शुगर लेवल नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे यौन अंगों में ब्लड फ्लो बाधित हो सकता है. इससे संवेदना का नुकसान हो सकता है और उत्तेजित होने में कठिनाई हो सकती है.

कुछ सावधानियां बरतकर ऐसे दुष्प्रभावों से छुटकारा पाया जा सकता है. जैसे कि

  • रेगुलर दवा द्वारा ग्लूकोज की खुराक को सख्ती से नियंत्रित किया जाना चाहिए. जरूरत पड़ने पर इंसुलिन इंजेक्शन लेने में संकोच न करें.
  • साग, सब्जियां, गाजर, फलियां, मटर, ब्रोकोली, ताजे फल और नट्स का सेवन करना चाहिए. इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह रक्त में ग्लूकोज को जल्दी जमा होने से रोकता है.
  • रोजाना व्यायाम जरूरी है. ध्यान और योग का संयोजन और भी बेहतर है.
  • कंप्यूटर, लैपटॉप और टीवी के सामने बैठना कम करना चाहिए.
  • अच्छी नींद भी इस बीमारी के कंट्रोल करने के लिए जरूरी है.
  • धूम्रपान, शराब और बहुत ज्यादा कैफीन जैसी आदतों से बचना चाहिए.
  • तनाव कम करने के लिए अच्छी किताबें पढ़ना और मधुर संगीत सुनना चाहिए.
  • पुरुषों में स्तंभन दोष और महिलाओं में योनि की मांसपेशियों के अनैच्छिक संकुचन का इलाज किया जाना चाहिए.
  • अगर आपको यौन समस्याओं को लेकर कोई चिंता है तो आपको मनोवैज्ञानिक की सलाह लेनी चाहिए.
  • सुरक्षित सेक्स के लिए कंडोम का प्रयोग करना चाहिए. पार्टनर के साथ रोमांटिक जीवन जीने के लिए प्रतिबद्ध रहें.

यदि आपको डायबिटीज है तो यौन समस्याओं के बारे में किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करना जरूरी है. वे देखभाल और सलाह दे सकते हैं, और आपकी किसी भी समस्या का समाधान करने में आपकी मदद कर सकते हैं.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी कुछ अध्ययनों, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सिफारिशों के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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