तिरुवनंतपुरम: मलयालम एक्टर मोहनलाल ने आखिरकार मॉलीवुड में चल रहे मी टू मूवमेंट पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. हेमा कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने AMMA (एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स) से इस्तीफा दिया था. वे AMMA में अध्यक्ष के पद पर थे. इस्तीफा देने के बाद वे पहली बार मीडिया से रुबरु हुए और उन्होंने इसके बारे में बात करते हुए कहा- मैं पावर ग्रुप का सदस्य नहीं हूं, और मुझे इसके बारे में पता नहीं है.
हर मुद्दे के लिए जिम्मेदार नहीं AMMA: मोहनलाल
मीडिया से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि वह किसी भी मुद्दे से बच नहीं रहे हैं, वह फिल्म 'बैरोज' के चलते कुछ समय से केरल में नहीं हैं. फिलहाल चल रहे मुद्दों के कारण फिल्म की रिलीज डेट पोस्टपोन कर दी गई है. उन्होंने कहा कि सिनेमा समाज का एक हिस्सा है और अन्य क्षेत्रों में जो होता है उसका असर फिल्म इंडस्ट्री पर भी पड़ता है. उन्होंने बताया कि किया कि उन्होंने हेमा कमेटी को दो बार संबोधित किया है और इस बात पर जोर दिया है कि एएमएमए कोई ट्रेड यूनियन नहीं है. उनके अनुसार, मौजूदा समस्याओं का समाधान करना पूरी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि एएमएमए को अक्सर कई मुद्दों के लिए दोषी ठहराया जाता है, लेकिन संगठन हर चीज के लिए जिम्मेदार नहीं है.
एक्टर ने की हेमा कमेटी की सराहना
मोहनलाल ने यह भी कहा कि एएमएमए से उनका इस्तीफा सभी की सहमति से दिया गया था और गलत काम करने वाले आरोपियों को सजा जरुर मिलनी चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इंडस्ट्री में इस तरह की चीजें चलती रहीं दो इससे फिल्म मेकिंग ठप पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि हम किसी भी स्थिति से भागे नहीं है. उन्होंने राज्य सरकार के सकारात्मक कदम के रूप में हेमा कमेटी की सराहना की साथ ही उन्होंने सलाह दी कि इस तरह की कमेटी अन्य इंडस्ट्रीज में भी स्थापित की जानी चाहिए.