हैदराबाद: पंजाबी सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ ने अपने दिल लुमिनाटी 2024 का आखिरी कॉन्सर्ट और भी खास बना दिया, जब उन्होंने अपना कॉन्सर्ट दिवंगत डॉ. मनमोनहन सिंह को डेडिकेट किया. सिंगर ने पूर्व प्रधानमंत्री की एक मशहूर एक शायरी के साथ उन्हें डेडिकेट किया है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब छाया हुआ है.
बीते रविवार को दिलजीत दोसांझ ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम पर अपने दिल लुमिनाटी शो के आखिरी कॉन्सर्ट से एक दिल छू लेने वाला वीडियो पोस्ट किया है और कैप्शन में लिखा, 'आज का कॉन्सर्ट डॉ. मनमोहन सिंह जी को समर्पित है. दिल-लुमिनाटी टूर साल 24'. वीडियो में 'नैना' हिटमेकर को मनमोहन सिंह को सम्मान देते हुए देखा जा सकता है. उन्होंने पूर्व पीएम के एक शेर कहते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी.
मनमोहन सिंह की सादगी के बारे में बात करते हुए दिलजीत ने कहा, ' हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय मनमोहन सिंह बहुत ही सादा जीवन जी कर गए हैं. अगर मैं उनके लाइफ की जर्नी की तरफ देखूं, तो उन्हें इतना ज्यादा सादा लाइफ जियी है, अगर उनको किसी ने बुरा भी बोला, तो उन्हें कभी उल्टा जवाब नहीं दिया. हालांकि पॉलिटिक्स के करियर में ये सबसे मुश्किल काम है. इस चीज से बचना. ये बात केवल मनमोहन सिंह के हिस्से में आई है कि उन्होंने कभी भी किसी को पलट कर जवाब नहीं दिया है. ये हमें उनके लाइफ से सिखना चाहिए.
सिंगर ने मनमोहन सिंह की एक शायरी को याद करते हुए कहते हैं, 'वह एक शेर अक्सर बोला करते थे, कि 'हजारों जवाबों से मेरी खामोशी अच्छी, ना जाने कितने सवालों की आबरू रखी'. मुझे लगता है कि ये बात आज के यूथ को सिखनी चाहिए. मुझे भी सिखनी चाहिए ये बात कि हमें कोई भी कितना भी बुरा बोले, हमें कितना भी भटकाने की कोशिश करे, आपका लक्ष्य साफ होना चाहिए, आप अपने काम को लेकर फोकस होने चाहिए. क्योंकि जो आपको बुरा बोल रहा है, वो भी भगवान का रूप है. सिर्फ आपका टेस्ट हो रहा है कि आप उस पर रिएक्शन कैसा कर रहे हैं.
दिलजीत ने मनमोहन सिंह के खास उपलब्धि को याद करते हुए कहा, 'मनमोहन सिंह ऐसे पहले सिक्ख थे, जिनका भारतीय करेंसी पर हस्ताक्षर थे. जिनके पीछे पूरी दुनिया भाग रही है उन पर इनके दस्तखत थे. तो ये बड़ी बात है, इस मुकाम तक पहुंचना'.
मनमोहन सिंह का राजनीतिक करियर कई दशकों तक फैला रहा, जिसमें 1991 से 1996 तक वित्त मंत्री समेत कई उल्लेखनीय पद शामिल हैं, जिसके दौरान उन्होंने आर्थिक सुधारों का नेतृत्व किया, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था को बदल दिया. उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी के बाद 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया. उनका कार्यकाल खास रूप से आर्थिक संकटों के दौरान उनके स्थिर नेतृत्व और भारत की अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है.