नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक नाम काफी वायरल हो रहा है. हर किसी के मन में उत्सुकता है कि कौन है सैंटियागो मार्टिन, जिन्होंने सबसे अधिक चुनावी बॉन्ड खरीदा है. फ्यूचर गेमिंग के मालिक सैंटियागो मार्टिन जिन्हें 'लॉटरी किंग' के नाम से भी जाना जाता है. एक दशक से अधिक समय से केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है. साथ ही चुनावी बाॉन्ड खरीदने वालों की लिस्ट में टॉप पर है, जिसकी कीमत 1,368 करोड़ रुपये है.
स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आतिथ्य और जुए में रुचि रखने वाले 'लॉटरी उद्योग के दिग्गज' ने अप्रैल 2019 और जनवरी 2024 के बीच 1,368 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे है.
कौन है सैंटियागो मार्टिन?
सैंटियागो मार्टिन के धर्मार्थ ट्रस्ट की वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने अपना करियर म्यांमार के यांगून में एक मजदूर के रूप में शुरू किया था. 1988 में, वह भारत लौट आए और तमिलनाडु में लॉटरी बिजनेस शुरू किया. बाद में उन्होंने पूर्वोत्तर में जाने से पहले कर्नाटक और केरल में कारोबार का विस्तार किया. नॉर्थ ईस्ट में, मार्टिन ने सरकारी लॉटरी प्लान को संभालकर अपना बिजनेस शुरू किया था. इसके बाद सैंटियागो मार्टिन ने भूटान और नेपाल में अपने बिजनेस को शुरू करके उसे विदेशों में भी फैलाया. वेबसाइट के मुताबिक अपने बिजनेस को निर्माण, रियल एस्टेट, कपड़ा और गेस्ट सहित अन्य व्यवसायों में फैलाया.
आपको बता दें कि सैंटियागो मार्टिन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड अलाइड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष भी हैं. एक संगठन जो भारत में लॉटरी बिजनेस के उत्थान और विश्वसनीयता को बढ़ावा देने के लिए लगा हुआ है. सैंटियागो मार्टिन के नेतृत्व में, उनका एंटरप्राइजेज, फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मेंबर बन गए. इसके साथ ही वेबसाइट पर लिखा है कि प्रतिष्ठित विश्व लॉटरी एसोसिएशन का और ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो और स्पोर्ट्स सट्टेबाजी के क्षेत्र में विस्तार हो रहा है.
म्यांमार से वापसी और लॉटरी बिजनेस की शुरूआत
मार्टिन म्यांमार से भारत लौटे और 1988 में 13 साल की उम्र में कोयंबटूर में मार्टिन लॉटरी एजेंसीज लिमिटेड नामक लॉटरी व्यवसाय शुरू किया. उन्होंने कोयंबटूर से कर्नाटक और केरल के अन्य दक्षिणी क्षेत्रों तक विस्तार किया. उन्होंने महाराष्ट्र, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मेघालय तक अपना कारोबार फैलाकर आम आदमी की आशाओं और सपनों पर अपना साम्राज्य खड़ा कर दिया.
सैंटियागो मार्टिन: राजनीतिक संबंध और विवाद
'लॉटरी मार्टिन' के नाम से मशहूर सैंटियागो का नाम केरल राज्य में वामपंथ से संबंधित अधिकांश राजनीतिक घोटालों से जुड़ा है. मार्टिन ने सिक्किम सरकार पर 4500 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप लगाकर भी विवादास्पद सुर्खियां बटोरीं थी.
एआईएडीएमके शासन के तहत गिरफ्तारी
मार्टिन के डीएमके के साथ घनिष्ठ संबंध थे और उन्हें पार्टी में भाग्य लाने के लिए जाना जाता था, लेकिन जब एआईएडीएमके सत्ता में आई तो लॉटरी किंग को डीएमके के सैकड़ों नेताओं के साथ जमीन हड़पने के आरोप और गुंडा अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा उनकी हिरासत को रद्द करने के बाद सैंटियागो मार्टिन को जमानत पर रिहा कर दिया गया था. मार्टिन कई लॉटरी मामलों में सीबीआई के आरोपपत्र का सामना कर रहे थे और उन्हें 8 महीने की जेल हुई थी.
मार्टिन पर हाल के कार्रवाई में से एक मई 2023 में थी जब ईडी ने उस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग (रोकथाम) अधिनियम के तहत 457 करोड़ रुपये अटैच्ड किए थे, जो कथित तौर पर सिक्किम सरकार को 900 करोड़ से अधिक के नुकसान से जुड़ा था.
सैंटियागो मार्टिन और चुनावी चंदा का खेल
चुनाव आयोग द्वारा जारी डेटा से पता चलता है कि मार्टिन की कंपनी ने पहली बार अक्टूबर 2020 में बांड खरीदना शुरू किया था. कंपनी ने उन्हें 2021, 2022 और 2023 में खरीदना जारी रखा और आखिरी लेनदेन जनवरी 2024 को हुआ था. महीने-वार खरीदारी से पता चला कि कंपनी ने एक महीने में सबसे ज्यादा खरीदारी की है, जो जनवरी 2022 को (210 करोड़ रुपए) था. अप्रैल 2022 में कंपनी ने फिर 100 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे.
मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के कारण ईडी ने कई मौकों पर उनकी संपत्तियों को अटैच किया था. दिसंबर 2021 और जुलाई 2022 के बीच कम से कम तीन ऐसे मामलों में, ईडी ने सैंटियागो मार्टिन के संपत्तियां को अटैच किया था. एक महीने में दूसरी सबसे बड़ी खरीदारी अक्टूबर 2021 में कंपनी ने 195 करोड़ रुपये के बांड खरीदे थे. संयोग से, तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष केएस अलागिरी ने दिसंबर 2021 में आरोप लगाया था कि कंपनी ने रुपये का दान दिया था.
आपको बता दें कि साल 2011 में, कोयंबटूर जिला प्रशासन द्वारा उन पर गुंडा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. कथित तौर पर उस समय उन पर धोखाधड़ी और जमीन हड़पने के 14 मामले दर्ज किए गए थे.