नई दिल्ली: भारत के पेंशन फंड नियामक ने सितंबर तिमाही में अपने पोर्टफोलियो में अधिक इक्विटी अलॉट चाहने वाले लोगों के लिए एक संतुलित लाइफ साइकिल फंड लॉन्च करने की योजना बनाई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह फंड ऑटो विकल्प में एक अतिरिक्त ऑप्शन होगा. जहां इक्विटी आवंटन अधिकतम 50 फीसदी तक हो सकता है. लेकिन टेपरिंग केवल 45 वर्ष की आयु के बाद शुरू होगी. बता दें कि इससे पहले, इक्विटी फंड के लिए आवंटन 35 वर्ष की आयु से शुरू होता है. इस योजना में निवेश का 50 फीसदी लोन में और 50 फीसदी इक्विटी में आवंटित किया जाएगा, जिसमें आयु के आधार पर समायोजन किया जाएगा.
लाइफ साइकिल फंड एसेट-एलोकेशन फंड हैं, जिसमें हर एसेट क्लास का हिस्सा डिजायर्ड रिटायरमेंट डेट के करीब आने पर जोखिम को कम करने के लिए स्वचालित रूप से समायोजित किया जाता है.
एनपीएस ऑप्शन
वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम(एनपीएस) पेंशन पोर्टफोलियो बनाने के लिए ग्राहकों को दो ऑप्शन देती है- पहला एक्टिव और दूसरा ऑटो है.
- एक्टिव ऑप्शन में, ग्राहक इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटी में आवंटन का फैसला खुद कर सकते हैं.
- हालांकि, ऑटो ऑप्शन तीन विकल्पों के साथ आता है- एग्रेसिव फंड (75 फीसदी इक्विटी आवंटन), मीडिल फंड (50 फीसदी इक्विटी आवंटन) और कंजरवेटिव फंड (25 फीसदी इक्विटी आवंटन)
टेपरिंग क्या है?
रिपोर्ट के अनुसार, ग्राहक के 35 वर्ष की आयु होने के बाद सभी विकल्पों में इक्विटी आवंटन कम होना शुरू हो जाता है. ऑटो विकल्प 50 वर्ष की आयु में इक्विटी फंड में अधिकतम 20 फीसदी की अनुमति देता है, जो 55 वर्ष की आयु तक 15 फीसदी तक कम हो जाता है.