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जापान की ये कंपनी भारत में करेगी निवेश, जीरो कार्बन की पहल को ऐसे मिलेगा बढ़ावा - tbm to invest in india

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 8, 2024, 11:39 AM IST

TBM to invest in India: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनने वाली जापानी सिटी में जापानी कंपनी टीबीएम जल्द ही निवेश करने वाली है. इससे न सिर्फ लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि जीरो कार्बन की पहल को बढ़ावा मिलेगा. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से..

tbm to invest in india
tbm to invest in india (ETV Bharat, Reporter)
डॉ अरुण वीर सिंह, सीईओ, यमुना ऑथोरिटी (ETV Bharat, Reporter)

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: भारत में जापान की जीरो कार्बन के साथ रीसाइकलिंग करने वाली टीबीएम कंपनी जल्द स्थापित होगी. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनने वाली जापानी सिटी में यह कंपनी निवेश करेगी. यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने जापान दौरे के समय इस कंपनी से संपर्क किया, जिसके बाद अगस्त में इस कंपनी के अधिकारी यमुना क्षेत्र में दौरा करेंगे. यह कंपनी रीसाइकलिंग वेस्ट और बायो मेडिकल वेस्ट को रीसाइक्लिंग करके लाईमेक्स पदार्थ बनाती है, जो जीरो कार्बन पदार्थ है.

दरअसल, किसी भी स्वच्छ शहर के लिए उसके रीसाइकलिंग वेस्ट का सही सदुपयोग होना बेहद जरूरी है. जापान के टोक्यो की टीबीएम कंपनी प्लास्टिक न्यू लॉ के तहत जापान के योकोसुका सिटी में सबसे बड़े रीसाइकलिंग सयंत्रों में से एक में प्लास्टिक के वेस्ट संग्रह और रीसाइकलिंग की शुरुआत की गई. टीबीएम लाईमेक्स (LIMEX) के उपयोग को बढ़ावा देता है, जो मुख्य रूप से चूना पत्थर से बना एक एक मेटेरियल है. पर्यावरण अनुकूल यांत्रिक रीसाइक्लिंग और लाईमेक्स उत्पाद टीबीएम ने योकोसुका सिटी का प्लांट जापान में सबसे बड़ा प्लास्टिक रीसाइकलिंग प्लांट है, जो कानागावा प्रांत में योकोसुका शहर के साथ काम कर रहा है. इसे प्लास्टिक रीसाइकलिंग योजना के निर्माण सहित सामग्री परिसंचरण को बढ़ावा देने के लिए योकोसुका सिटी को जीरो कार्बन सिटी घोषित किया है.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण सिंह ने बताया कि बीते दिनों उन्होंने जापान दौरे पर निवेशकों के साथ बैठक की थी. जापान के कानागावा में योकोसुका शहर के साथ मिलकर टीबीएम कंपनी प्लास्टिक रीसाइकलिंग पर काम कर रही है. इस कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक कर भारत में निवेश कर कंपनी स्थापित करने पर चर्चा हुई है. इसके बाद कंपनी के अधिकारी आगामी अगस्त माह में यहां पर दौरे पर आएंगे. उसके बाद यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनने वाली जापानी सिटी में टीबीएम कंपनी को भूखंड आवंटित कराया जाएंगे. इस कंपनी के यहां पर स्थापित होने से प्लास्टिक रीसाइकलिंग व बायोमेडिकल वेस्ट की समस्या बिल्कुल समाप्त हो जाएगी, क्योंकि इससे बनने वाला पदार्थ लाईमेक्स जीरो कार्बन उत्सर्जन पदार्थ है.

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उन्होंने बताया कि स्थापित होने के बाद यह कंपनी रीसाइकलिंग वेस्ट से लाईमेक्स पदार्थ बनाएगी. इस मेटेरियल का उपयोग पैकेजिंग और बैटरी बनाने वाली कंपनियों द्वारा किया जाएगा. इसे भविष्य का मैटेरियल भी कहा जा रहा है, जो कि गेम चेंजर साबित होगा. कंपनी के भारत में निवेश करने के दौरान उसे सरकार की तरफ से कई तरह की छूट दी जाएगी. इस मेटेरियल के बनाए जाने के बाद पीएम मोदी के जीरो कार्बन की पहल को आगे बढ़ाने के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा.

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डॉ अरुण वीर सिंह, सीईओ, यमुना ऑथोरिटी (ETV Bharat, Reporter)

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: भारत में जापान की जीरो कार्बन के साथ रीसाइकलिंग करने वाली टीबीएम कंपनी जल्द स्थापित होगी. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनने वाली जापानी सिटी में यह कंपनी निवेश करेगी. यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने जापान दौरे के समय इस कंपनी से संपर्क किया, जिसके बाद अगस्त में इस कंपनी के अधिकारी यमुना क्षेत्र में दौरा करेंगे. यह कंपनी रीसाइकलिंग वेस्ट और बायो मेडिकल वेस्ट को रीसाइक्लिंग करके लाईमेक्स पदार्थ बनाती है, जो जीरो कार्बन पदार्थ है.

दरअसल, किसी भी स्वच्छ शहर के लिए उसके रीसाइकलिंग वेस्ट का सही सदुपयोग होना बेहद जरूरी है. जापान के टोक्यो की टीबीएम कंपनी प्लास्टिक न्यू लॉ के तहत जापान के योकोसुका सिटी में सबसे बड़े रीसाइकलिंग सयंत्रों में से एक में प्लास्टिक के वेस्ट संग्रह और रीसाइकलिंग की शुरुआत की गई. टीबीएम लाईमेक्स (LIMEX) के उपयोग को बढ़ावा देता है, जो मुख्य रूप से चूना पत्थर से बना एक एक मेटेरियल है. पर्यावरण अनुकूल यांत्रिक रीसाइक्लिंग और लाईमेक्स उत्पाद टीबीएम ने योकोसुका सिटी का प्लांट जापान में सबसे बड़ा प्लास्टिक रीसाइकलिंग प्लांट है, जो कानागावा प्रांत में योकोसुका शहर के साथ काम कर रहा है. इसे प्लास्टिक रीसाइकलिंग योजना के निर्माण सहित सामग्री परिसंचरण को बढ़ावा देने के लिए योकोसुका सिटी को जीरो कार्बन सिटी घोषित किया है.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण सिंह ने बताया कि बीते दिनों उन्होंने जापान दौरे पर निवेशकों के साथ बैठक की थी. जापान के कानागावा में योकोसुका शहर के साथ मिलकर टीबीएम कंपनी प्लास्टिक रीसाइकलिंग पर काम कर रही है. इस कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक कर भारत में निवेश कर कंपनी स्थापित करने पर चर्चा हुई है. इसके बाद कंपनी के अधिकारी आगामी अगस्त माह में यहां पर दौरे पर आएंगे. उसके बाद यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनने वाली जापानी सिटी में टीबीएम कंपनी को भूखंड आवंटित कराया जाएंगे. इस कंपनी के यहां पर स्थापित होने से प्लास्टिक रीसाइकलिंग व बायोमेडिकल वेस्ट की समस्या बिल्कुल समाप्त हो जाएगी, क्योंकि इससे बनने वाला पदार्थ लाईमेक्स जीरो कार्बन उत्सर्जन पदार्थ है.

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उन्होंने बताया कि स्थापित होने के बाद यह कंपनी रीसाइकलिंग वेस्ट से लाईमेक्स पदार्थ बनाएगी. इस मेटेरियल का उपयोग पैकेजिंग और बैटरी बनाने वाली कंपनियों द्वारा किया जाएगा. इसे भविष्य का मैटेरियल भी कहा जा रहा है, जो कि गेम चेंजर साबित होगा. कंपनी के भारत में निवेश करने के दौरान उसे सरकार की तरफ से कई तरह की छूट दी जाएगी. इस मेटेरियल के बनाए जाने के बाद पीएम मोदी के जीरो कार्बन की पहल को आगे बढ़ाने के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा.

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