ETV Bharat / bharat

जानें क्या है वेटलैंड डे, भारत में 75 रामसर कॉन्वेंशन साइट्स के क्या हैं मायने - विश्व आर्द्रभूमि दिवस

World Wetlands day 2024 : भारत प्राकृतिक विविधताओं वाला देश है. इन विविधताओं में से एक वेटलैंड भी है. भारत के पास 1.33 मिलियन हेक्टर में फैले एशिया का सबसे बड़ा रामसर साइट नेटवर्क है. पढ़ें पूरी खबर..

World Wetlands day 2024
World Wetlands day 2024
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 2, 2024, 7:54 PM IST

हैदराबाद : आजादी के बाद 75 साल बीत चुके हैं. इसके साथ ही भारत में 75 रामसर कॉन्वेंशन साइट (वेटलैंड) घोषित किए जा चुके हैं, जबकि देश में 194 के करीब वेट लैंड मौजूद हैं. भारत सरकार के वन एवं जलवायु पर्यावरण मंत्रालय की ओर से फरवरी 2023 में जारी India's 75 Amrit Dharohar, Ramsar Sites of India Factbook में वन एवं जलवायु पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव के अनुसार भारत के पास एशिया का सबसे बड़ा रामसर साइट नेटवर्क है. इसका भौगोलिक क्षेत्रफल 1.33 मिलियन हेक्टर है. यह देश के कुल वेट लैंड का 8 फीसदी है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2023 में मन की बात कार्यक्रम के दौरान वेटलैंड की महत्ता को देखते हुए रामसर साइट्स के आसपास के लोगों से इसकी सुरक्षा व संरक्षण के लिए आगे आने की अपील की थी. अमृत धरोहर स्कीम से इन स्थलों के संरक्षण पर बल दिया गया है.

भारत 1982 से रामसर कन्वेंशन का हिस्सा है. राजस्थान में किलादेव नेशनल पार्क और ओडिशा स्थित चिलका झील पहले 2 लोकेशन थे, जिन्हें रामसर साइट्स में शामिल किया गया था. पूर्व में 42 रामसर साइट्स में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने सर्वे में पाया कि 6200 जीव जंतुओं का वह आश्रय स्थल है.

2 फरवरी को मनाया जाता है विश्व आर्द्रभूमि दिवस
आर्द्रभूमियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (वेटलैंड डे) मनाया जाता है. यह तिथि 1971 में कैस्पियन सागर के तट पर ईरान के रामसर में "अंतररार्ष्ट्रीय महत्व के आर्द्रभूमि पर सम्मेलन" को अपनाने की याद दिलाती है. 30 अगस्त 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संकल्प 75/317 को अपनाया जिसने 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस के रूप में स्थापित किया.

विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2024 का विषय: ''आर्द्रभूमि और मानव कल्याण (Wetlands and Human Well-being). इस वर्ष का अभियान इस बात पर प्रकाश डालता है कि आर्द्रभूमि और मानव जीवन किस प्रकार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं - जिसमें लोग चित्र बनाते हैं. इन उत्पादक पारिस्थितिक तंत्रों से जीविका, प्रेरणा और लचीलापन है. महत्वपूर्ण रूप से, 2024 की थीम यह रेखांकित करता है कि मानव कल्याण के सभी पहलू दुनिया की आर्द्रभूमि के स्वास्थ्य से कैसे जुड़े हुए हैं. यह आह्वान करता है कि हममें से प्रत्येक को अपनी आर्द्रभूमियों को महत्व देना चाहिए और उनका प्रबंधन करना चाहिए. प्रत्येक आर्द्रभूमि मायने रखती है. हर प्रयास मायने रखता है.

वेटलैंड डे
वेटलैंड डे

वेटलैंड्स क्या है
वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन वेटलैंड्स के अनुसार 'दलदल, फेन, भूमि या पानी के क्षेत्र, चाहे प्राकृतिक या कृत्रिम, स्थायी या अस्थायी, स्थिर या बहने वाला, ताजा, खारा या नमक वाला क्षेत्र, जिसमें समुद्री पानी की गहराई के क्षेत्र शामिल हैं' वेटलैंड माना जा सकता है.

वेटलैंड डे
वेटलैंड डे

विश्व आर्द्रभूमि दिवस का महत्व

  1. आर्द्रभूमियों के लाभों पर प्रकाश डालना
  2. आर्द्रभूमियों के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना
  3. आर्द्रभूमि खतरों से निपटने के लिए कार्रवाई को प्रोत्साहित करना
  4. आर्द्रभूमियों के संरक्षण और बुद्धिमानपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना
वेटलैंड डे
वेटलैंड डे

भारतीय अपने वेटलैंड इकोसिस्टम की सुरक्षा कैसे कर रहा है?

  1. भारत के वार्षिक बजट में हाल ही में 'हरित विकास' के लिए एक रणनीति की घोषणा की गई है जिसमें महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि की रक्षा के लिए 'अमृत धरोहर' नामक एक विशेष योजना शामिल है, जो जलीय जैव विविधता को बनाए रखती है.
  2. भारत में कई वन्यजीव और वन कानूनों के तहत सुरक्षा है. उनकी सुरक्षा और पुनर्जीवन के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं. दृष्टिकोण आधारभूत जानकारी विकसित करने, आर्द्रभूमि का तेजी से मूल्यांकन, स्थिति, हितधारक की भागीदारी और प्रबंधन किया जा रहा है. एक राष्ट्रीय आर्द्रभूमि पोर्टल भी विकसित किया गया है और संरक्षण और बहाली के लिए राज्य सरकारों के लिए दिशानिर्देश हैं,
  3. प्राइवेट पार्टनशिप और गैर सरकारी संगठन इसके संरक्षण प्रयासों में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. उदाहरण के लिए, हैबिटेट्स ट्रस्ट संगठन का उद्देश्य भारत के प्राकृतिक आवासों और लुप्तप्राय जीवों का संरक्षण करना है.

आर्द्रभूमियों का महत्व

  1. कार्बन सिंक के रूप में काम करता है.
  2. पानी से प्रदूषकों और अशुद्धियों को फिल्टर करता है.
  3. पर्यटन, मत्स्य पालन, कृषि और अन्य आर्थिक गतिविधियों का समर्थन करें.
  4. दुनिया भर के कई समुदायों के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है.
  5. कार्बन डाइऑक्साइड का भंडारण कर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है.
  6. जैव विविधता हॉट स्पॉट: विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के लिए आवास प्रदान करें.
  7. अतिरिक्त पानी को सोखना और संग्रहित करता है, जिससे बाढ़ का खतरा कम हो जाता है.

वेटलैंड के फायदे

  1. मिट्टी का संरक्षण
  2. पीने के लिए साफ पानी
  3. खेती के लिए साफ पानी
  4. बायोडायवर्सिटी का संतुलन
  5. नेचुरल टूरिज्म को बढ़ावा
  6. खतरनाक तत्वों का शोधन
  7. पर्यावरण संतुलन में सहायक
  8. ग्राउंड वाटर का लेवल मेंटेन करना
  9. मछली व अन्य भोजन का स्रोत
  10. प्राकृतिक रूप से कीड़े-मकोड़े का नियंत्रण

वेटलैंड के सामने चुनौतियां

  1. अतिक्रमण
  2. प्रदूषण
  3. नदी-नाला का प्रवाह
  4. वेटलैंड के साथ छेड़-छाड़
  5. पानी का जरूरत से ज्यादा उपयोग
  6. आसपास रेल-सड़क मार्ग का होना
  7. बाढ़-सुखाड़ और आंधी-तूफान से नुकसान
  8. वायु मार्ग, पानी वाले जहाजों का परिचालन
  9. जलीय जीवों व पशु-पक्षियों का विस्थापन होना
  10. कई खतरनाक पेड़-पौधे से जलीय जीवों को नुकसान

ये भी पढ़ें

हैदराबाद : आजादी के बाद 75 साल बीत चुके हैं. इसके साथ ही भारत में 75 रामसर कॉन्वेंशन साइट (वेटलैंड) घोषित किए जा चुके हैं, जबकि देश में 194 के करीब वेट लैंड मौजूद हैं. भारत सरकार के वन एवं जलवायु पर्यावरण मंत्रालय की ओर से फरवरी 2023 में जारी India's 75 Amrit Dharohar, Ramsar Sites of India Factbook में वन एवं जलवायु पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव के अनुसार भारत के पास एशिया का सबसे बड़ा रामसर साइट नेटवर्क है. इसका भौगोलिक क्षेत्रफल 1.33 मिलियन हेक्टर है. यह देश के कुल वेट लैंड का 8 फीसदी है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2023 में मन की बात कार्यक्रम के दौरान वेटलैंड की महत्ता को देखते हुए रामसर साइट्स के आसपास के लोगों से इसकी सुरक्षा व संरक्षण के लिए आगे आने की अपील की थी. अमृत धरोहर स्कीम से इन स्थलों के संरक्षण पर बल दिया गया है.

भारत 1982 से रामसर कन्वेंशन का हिस्सा है. राजस्थान में किलादेव नेशनल पार्क और ओडिशा स्थित चिलका झील पहले 2 लोकेशन थे, जिन्हें रामसर साइट्स में शामिल किया गया था. पूर्व में 42 रामसर साइट्स में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने सर्वे में पाया कि 6200 जीव जंतुओं का वह आश्रय स्थल है.

2 फरवरी को मनाया जाता है विश्व आर्द्रभूमि दिवस
आर्द्रभूमियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (वेटलैंड डे) मनाया जाता है. यह तिथि 1971 में कैस्पियन सागर के तट पर ईरान के रामसर में "अंतररार्ष्ट्रीय महत्व के आर्द्रभूमि पर सम्मेलन" को अपनाने की याद दिलाती है. 30 अगस्त 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संकल्प 75/317 को अपनाया जिसने 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस के रूप में स्थापित किया.

विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2024 का विषय: ''आर्द्रभूमि और मानव कल्याण (Wetlands and Human Well-being). इस वर्ष का अभियान इस बात पर प्रकाश डालता है कि आर्द्रभूमि और मानव जीवन किस प्रकार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं - जिसमें लोग चित्र बनाते हैं. इन उत्पादक पारिस्थितिक तंत्रों से जीविका, प्रेरणा और लचीलापन है. महत्वपूर्ण रूप से, 2024 की थीम यह रेखांकित करता है कि मानव कल्याण के सभी पहलू दुनिया की आर्द्रभूमि के स्वास्थ्य से कैसे जुड़े हुए हैं. यह आह्वान करता है कि हममें से प्रत्येक को अपनी आर्द्रभूमियों को महत्व देना चाहिए और उनका प्रबंधन करना चाहिए. प्रत्येक आर्द्रभूमि मायने रखती है. हर प्रयास मायने रखता है.

वेटलैंड डे
वेटलैंड डे

वेटलैंड्स क्या है
वेटलैंड्स पर रामसर कन्वेंशन वेटलैंड्स के अनुसार 'दलदल, फेन, भूमि या पानी के क्षेत्र, चाहे प्राकृतिक या कृत्रिम, स्थायी या अस्थायी, स्थिर या बहने वाला, ताजा, खारा या नमक वाला क्षेत्र, जिसमें समुद्री पानी की गहराई के क्षेत्र शामिल हैं' वेटलैंड माना जा सकता है.

वेटलैंड डे
वेटलैंड डे

विश्व आर्द्रभूमि दिवस का महत्व

  1. आर्द्रभूमियों के लाभों पर प्रकाश डालना
  2. आर्द्रभूमियों के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना
  3. आर्द्रभूमि खतरों से निपटने के लिए कार्रवाई को प्रोत्साहित करना
  4. आर्द्रभूमियों के संरक्षण और बुद्धिमानपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना
वेटलैंड डे
वेटलैंड डे

भारतीय अपने वेटलैंड इकोसिस्टम की सुरक्षा कैसे कर रहा है?

  1. भारत के वार्षिक बजट में हाल ही में 'हरित विकास' के लिए एक रणनीति की घोषणा की गई है जिसमें महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि की रक्षा के लिए 'अमृत धरोहर' नामक एक विशेष योजना शामिल है, जो जलीय जैव विविधता को बनाए रखती है.
  2. भारत में कई वन्यजीव और वन कानूनों के तहत सुरक्षा है. उनकी सुरक्षा और पुनर्जीवन के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं. दृष्टिकोण आधारभूत जानकारी विकसित करने, आर्द्रभूमि का तेजी से मूल्यांकन, स्थिति, हितधारक की भागीदारी और प्रबंधन किया जा रहा है. एक राष्ट्रीय आर्द्रभूमि पोर्टल भी विकसित किया गया है और संरक्षण और बहाली के लिए राज्य सरकारों के लिए दिशानिर्देश हैं,
  3. प्राइवेट पार्टनशिप और गैर सरकारी संगठन इसके संरक्षण प्रयासों में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. उदाहरण के लिए, हैबिटेट्स ट्रस्ट संगठन का उद्देश्य भारत के प्राकृतिक आवासों और लुप्तप्राय जीवों का संरक्षण करना है.

आर्द्रभूमियों का महत्व

  1. कार्बन सिंक के रूप में काम करता है.
  2. पानी से प्रदूषकों और अशुद्धियों को फिल्टर करता है.
  3. पर्यटन, मत्स्य पालन, कृषि और अन्य आर्थिक गतिविधियों का समर्थन करें.
  4. दुनिया भर के कई समुदायों के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है.
  5. कार्बन डाइऑक्साइड का भंडारण कर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है.
  6. जैव विविधता हॉट स्पॉट: विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के लिए आवास प्रदान करें.
  7. अतिरिक्त पानी को सोखना और संग्रहित करता है, जिससे बाढ़ का खतरा कम हो जाता है.

वेटलैंड के फायदे

  1. मिट्टी का संरक्षण
  2. पीने के लिए साफ पानी
  3. खेती के लिए साफ पानी
  4. बायोडायवर्सिटी का संतुलन
  5. नेचुरल टूरिज्म को बढ़ावा
  6. खतरनाक तत्वों का शोधन
  7. पर्यावरण संतुलन में सहायक
  8. ग्राउंड वाटर का लेवल मेंटेन करना
  9. मछली व अन्य भोजन का स्रोत
  10. प्राकृतिक रूप से कीड़े-मकोड़े का नियंत्रण

वेटलैंड के सामने चुनौतियां

  1. अतिक्रमण
  2. प्रदूषण
  3. नदी-नाला का प्रवाह
  4. वेटलैंड के साथ छेड़-छाड़
  5. पानी का जरूरत से ज्यादा उपयोग
  6. आसपास रेल-सड़क मार्ग का होना
  7. बाढ़-सुखाड़ और आंधी-तूफान से नुकसान
  8. वायु मार्ग, पानी वाले जहाजों का परिचालन
  9. जलीय जीवों व पशु-पक्षियों का विस्थापन होना
  10. कई खतरनाक पेड़-पौधे से जलीय जीवों को नुकसान

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.