पटना : कहते हैं राजनीति में ना कोई हमेशा के लिए दोस्त होता है और ना ही दुश्मन. बिहार की राजनीति में यह कहावत 100 टका सच बैठता है. कब कौन दोस्त बन जाए और कौन दुश्मन, यह कह पाना काफी मुश्किल है. जिस रफ्तार से बिहार में राजनीति का चक्का घूम रहा है, उसमें अगला 48 घंटा काफी अहम होने वाला है.
बिहार से दिखेगा देश की राजनीति का आइना! : सियासतदानों की बैठक, बयानबाजी का सिलसिला चल रहा है. अब विधानमंडल दल की बैठक होने जा रही है. मतलब वह बैठक, जिसमें फाइनल स्क्रिप्ट पर मुहर लगेगी. नीतीश कुमार से लेकर लालू यादव, बीजेपी से लेकर कांग्रेस ने इसके लिए खाका तैयार कर लिया है. 27 से 28 जनवरी तक पूरे देश के मीडिया का कैमरा बिहार में ही धूमने वाला है. यहीं से वो तस्वीर निकलेगी जो बिहार ही नहीं, देश की राजनीति को भी आइना दिखाएगी.
लालू यादव पर टिकी निगाह : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से पाला बदलेंगे यह लगभग तय हो गया है. अंदरखाने की बात है कि नीतीश कुमार की बीजेपी से डील भी हो गई है. वहीं आरजेडी खेमे में बेचैनी साफ दिख रही है. ऐसे में सबकी नजर लालू प्रसाद यादव पर है कि वह इस बार आसानी से नीतीश कुमार को सरकार बनाने देते हैं या फिर कोई खेला खेलते हैं.
28 जनवरी को JDU विधानमंडल दल की बैठक : दरअसल, 28 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश ने जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक बुला ली है. मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग में सुबह 10 बजे से यह बैठक होगी. एक तरह से इस बैठक में मुख्यमंत्री ने जो फैसला लिया है, उसी पर सहमति ली जाएगी. हालांकि यह औपचारिक बैठक ही होगी, क्योंकि मुख्यमंत्री जो भी फैसला लेते रहे हैं जेडीयू के नेता उसी के साथ जाते रहे हैं. हां कुछ नेता इस बार भी बैठक में विरोध कर सकते हैं, जिसमें विजेंद्र यादव एक हैं.
27 जनवरी को RJD विधानमंडल दल की बैठक : मिली जानकारी के मुताबिक, कल 1 बजे आरजेडी विधानमंडल दल की बैठक होने वाली. सूत्रों के अनुसार बैठक के बाद आरजेडी सरकार से समर्थन वापस ले सकती है. यही नहीं उसके बाद तेजस्वी यादव राजभवन में अपनी सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकते हैं.
27 जनवरी को ही BJP और कांग्रेस की बैठक : जेडीयू और आरजेडी के अलावा बीजेपी ने भी 27 जनवरी को बैठक बुला ली है. शाम 4 बजे पटना के पार्टी कार्यालय में यह बैठक होगी. इसके साथ ही कांग्रेस ने भी तैयारी कर ली है. सूत्रों के अनुसार कल ही कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक होगी. हालांकि यह बैठक पटना में ना होकर पूर्णिया में होगी. इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से सभी विधायकों को फोन भी किया गया है. वैसे सीमांचल में राहुल गांधी की न्याय यात्रा भी होने वाली है, जिसमें नेताओं का रहना जरूरी है.
उपमुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों को लेकर सुगबुगाहट : कुल मिलाकर कहें तो, आने वाला 2 दिन बिहार की सियासत के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहा है. जोड़-तोड़ से लेकर हर तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. साथ ही नई सरकार में कौन उपमुख्यमंत्री होगा, कौन मंत्री होंगे इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. 2020 में जब एनडीए की सरकार बनी थी, जेडीयू और बीजेपी कोटा के मंत्रियों का रेशियो उसी तरह का रहेगा, या फिर कुछ अलग दिखेगा. इस बार दोनों दलों से किन्हें मंत्री बनाया जाता है, इस पर सब की नजर है. दोनों दलों में इसको लेकर गहमा गहमी भी बनने लगी है.
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