नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी से प्रदर्शनरत किसानों की मांगों का निराकरण करने के लिए उनसे बातचीत करने के मद्देनजर प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक स्वतंत्र समिति गठित करने का सुझाव दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसानों तथा सरकार के बीच विश्वास की कमी है.
इस संबंध में न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि एक तटस्थ अंपायर की जरूरत है जो किसानों तथा सरकार के बीच विश्वास पैदा कर सके. पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां भी शामिल थे. बता दें कि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैंय कोर्ट ने कहा कि राजमार्ग को अनिश्चित काल तक अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है और मौजूदा विश्वास की कमी की पृष्ठभूमि में तटस्थ व्यक्तियों को किसानों से बात करके उनकी समस्याओं का पता लगाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार को शंभू सीमा पर यथास्थिति बनाए रखने का भी निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने हरियाणा और पंजाब सरकार को शंभू बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखने का भी निर्देश दिया. वहीं हरियाणा सरकार ने कहा कि सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने जेसीबी और अन्य ट्रैक्टरों को युद्ध टैंकों में बदल दिया है और उसे आशंका है कि अगर सीमा खोली गई तो अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं.
पीठ ने हरियाणा सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या राज्य को ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की अनुमति दिए बिना सीमा खोल देनी चाहिए. मेहता ने कहा कि किसान सहमत नहीं हैं और उन्होंने हाई कोर्ट द्वारा पारित निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि कुछ चीजें राज्य सरकार पर छोड़ दी जानी चाहिए. न्यायमूर्ति कांत ने कहा, 'आपको कुछ प्रयास करने की ज़रूरत है. आप राज्य हैं और किसानों तक पहुंचने के लिए कुछ पहल करनी चाहिए...'
मेहता ने कहा कि किसानों का राजधानी में आने का स्वागत है लेकिन वे ट्रैक्टर, जेसीबी आदि पर नहीं आ सकते और यहीं से टकराव शुरू होता है. पीठ ने कहा, 'आपको किसानों से बातचीत करने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे. अन्यथा वे दिल्ली क्यों आएंगे? आप यहां से मंत्रियों को भेज रहे हैं और उनके नेक इरादों के बावजूद विश्वास की कमी है.' कोर्ट ने कहा, 'एक सप्ताह के अंदर उचित निर्देश दिए जाएं. तब तक शंभू बॉर्डर पर स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए सभी पक्षकारों को प्रदर्शन स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने दें.'
सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही है. हाई कोर्ट ने उसे उसे अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर एक सप्ताह के भीतर अवरोधक हटाने के लिए कहा था, जहां किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं.
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