नई दिल्ली: एक महत्वपूर्ण राजनयिक घटनाक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा पर श्रीलंका के राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार और राष्ट्रपति स्टाफ के प्रमुख सागला रत्नायके ने भारत के बीच द्विपक्षीय आर्थिक कनेक्टिविटी परियोजनाओं का आकलन करने के लिए चर्चा में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. श्रीलंकाई राष्ट्रपति के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये वार्ता भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा के निमंत्रण पर 28 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित की गईं.
यह तब हुआ है जब लोकसभा चुनाव से पहले कच्चातिवु मुद्दे पर विवाद बढ़ गया है. कच्चातिवु वर्षों से भारत और श्रीलंका के बीच विवाद का मुद्दा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, विदेश सचिव क्वात्रा ने श्रीलंका की आर्थिक वृद्धि में सकारात्मक गति को स्वीकार करते हुए सागला रत्नायके का गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान समय दोनों देशों के लिए सहमत परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का एक उपयुक्त अवसर है.
उन्होंने इस प्रगति का श्रेय राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की रणनीतिक दृष्टि को दिया. सागला रत्नायके ने व्यापक भारतीय सहायता के लिए आभार व्यक्त किया जिसने श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने आईएमएफ के साथ चल रही बातचीत के बारे में जानकारी प्रदान की और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने की अनिवार्यता पर जोर दिया. साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी के माध्यम से भारत के साथ आर्थिक एकीकरण को बढ़ाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो दोनों देशों को निकटतम पड़ोसी के रूप में बांधने वाले ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाता है.
चर्चा के दौरान, दोनों पक्षों ने सभी द्विपक्षीय परियोजनाओं की व्यापक समीक्षा करने के साथ ही उनके समय पर कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया. इसके अलावा द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग में प्रभावी प्रगति सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए हर तिमाही इस समीक्षा प्रक्रिया में शामिल होने पर पारस्परिक सहमति हुई. चर्चाओं ने साझेदारी को मजबूत करने और अधिक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए श्रीलंका और भारत की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. दोनों देश उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं. वहीं नई दिल्ली में हुई चर्चा द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने और आपसी हितों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.