अयोध्या : नौतपा के चलते यूपी में भीषण गर्मी पड़ रही है. रामनगरी अयोध्या में भी तापमान 42 डिग्री के ऊपर पहुंच गया है. ऐसे में अयोध्या के मठ मंदिरों में विराज भगवान के दिनचर्या में बदलाव किया गया है. राम मंदिर में विराजमान बाल स्वरूप भगवान रामलला के भोग में भी बदलाव कर दिया गया है. इन दिनों राम लला को दही, लस्सी और फलों के जूस का भोग लगाया जाता है. गर्मी से बचने के लिए सूती वस्त्र पहनाए जाते हैं. साथ ही गर्भगृह में कूलर लगा दिया गया है.
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र ने बताया कि राम मंदिर में विराजमान रामलला बालक स्वरूप हैं. इसलिए उनका रहन-सहन मौसम के अनुकूल बनाए रखा जाता है. जनवरी में प्रतिष्ठा के दौरान ठंड का मौसम था. उस दौरान उन्हें ठंड से बचाने के इंतजाम किए गए थे. फिलवक्त गर्मी का प्रकोप काफी बढ़ गया है. इसलिए प्रतिदिन जलाभिषेक के बाद सूती वस्त्र धारण कराए जाते हैं. शृंगार के बाद फूलों से सजी थाली में दीपक जलाकर शीतल आरती की जाती है. भोग में सुबह और शाम को दही, लस्सी दी जाती है. इसके अलावा फलों का जूस, भी भोग में शामिल किया गया है.
आचार्य सत्येंद्र के अनुसार हमारे शास्त्रों में मान्यता है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद किसी भी मंदिर या देवस्थान में विराजमान देवी देवता साकार रूप होते हैं. ऐसे में शास्त्रों में वर्णित विधान के अनुसार उनकी दिनचर्या, भोग, विश्राम आदि के प्रयोजन किए जाने आवश्यक हैं. इसी परंपरा के अनुरूप राम लला का खास ख्याल रखा जाता है.