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राजकोट गेम जोन फायर: एक्शन में CM भूपेंद्र पटेल, लापरवाही के आरोप में 2 पुलिसकर्मी और 5 अधिकारी निलंबित - Rajkot Game Zone Fire

Rajkot Game Zone Fire: राजकोट गेम जोन में मामले में राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए दो पुलिस निरीक्षकों और पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

Rajkot Game Zone Fire
राजकोट गेम जोन फायर (ETV Bharat)
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By PTI

Published : May 27, 2024, 11:58 AM IST

अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने सोमवार को राजकोट गेम जोन में लगी आग के संबंध में दो पुलिस निरीक्षकों और पांच अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है. इन सभी पर यह कार्रवाई लापरवाही बरतने के चलते की गई है. फिलहाल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम राजकोट में घटनास्थल पर जांच कर रही है.

बता दें कि राजकोट गेम जोन में लग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई थी. एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अधिकारियों को आवश्यक अप्रूवल के बिना इस गेम जोन को संचालित करने की अनुमति देने में घोर लापरवाही बरतने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि घटना के बाद यह सामने आया है कि जिस सुविधा में शनिवार को आग लगी थी, वह फायर एनओसी के बिना संचालित की जा रही थी. राजकोट पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, 'गेम जोन को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी. इसने फायर एनओसी प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था, जो प्रक्रिया में था.'

सख्त कार्रवाई का निर्देश
गौरतलब है कि पांच अधिकारियों को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के शनिवार को घटनास्थल का निरीक्षण करने के एक दिन बाद निलंबित किया गया है. सीएम ने संबंधित विभागों को इस गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त और दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें राजकोट नगर निगम के नगर नियोजन सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, आरएमसी के सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, राजकोट सड़क और भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एमआर सुमा और पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और एनआई राठौड़ शामिल हैं. बता दें कि शनिवार शाम राजकोट के नाना-मावा इलाके में टीआरपी गेम जोन में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें कई बच्चे भी शामिल थे.

तीन आरोपी 14 दिन की हिरासत में भेजे गए
इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और गेम जोन के छह पार्टनर्स और एक अन्य आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित विभिन्न आरोपों में एफआईआर दर्ज की है. तीनों आरोपियों युवराज सिंह सोलनली, नितिन जैन और राहुल राठौड़ को पुलिस ने 14 दिन की हिरासत में लिया. अदालत ने इस आधार पर 14 दिन की पुलिस हिरासत मंजूर की थी कि तीनों जांच में पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं.

हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
इस बीच गुजरात होई कोर्ट ने रविवार को आग त्रासदी का स्वत: संज्ञान लिया और इसे मानव निर्मित आपदा करार दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि सुविधा में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील मैटेरियल को स्टोर किया था.

सरकार ने मुआवजे का किया ऐलान
वहीं, राज्य सरकार ने एक मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है और प्रत्येक मृतक के परिजन को 4 लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की है. दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने भी प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिजनों को 2 लाख रुपये की मुआवजा देने का ऐलान किया है.

डीएनए रिपोर्ट तैयार करने के काम की समीक्षा
राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने एफएसएल में मृतकों की डीएनए रिपोर्ट तैयार करने के काम की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि राजकोट गेम जोन त्रासदी में मारे गए लोगों के शव जल्द से जल्द उनके परिजनों तक पहुंचाने के लिए एफएसएल की टीम दिन-रात काम कर रही है.

राजकोट के नगर आयुक्त, पुलिस आयुक्त और दो अन्य आईपीएस अधिकारियों का तबादला

गुजरात के राजकोट में एक गेम जोन में आग लगने से 27 लोगों की मौत के दो दिन बाद राज्य सरकार ने सोमवार को शहर के पुलिस आयुक्त, दो अन्य आईपीएस अधिकारियों और नगर आयुक्त का तबादला कर दिया. गुजरात के गृह विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि पुलिस आयुक्त राजू भार्गव, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विधि चौधरी और पुलिस उपायुक्त (जोन -2) सुधीर कुमार देसाई को बिना तैनाती के स्थानांतरित कर दिया गया.

यह भी पढ़ेंं- TRP गेमिंग जोन अग्निकांड का सीसीटीवी फुटेज आया सामने, देखें कैसी फैली आग

अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने सोमवार को राजकोट गेम जोन में लगी आग के संबंध में दो पुलिस निरीक्षकों और पांच अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है. इन सभी पर यह कार्रवाई लापरवाही बरतने के चलते की गई है. फिलहाल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम राजकोट में घटनास्थल पर जांच कर रही है.

बता दें कि राजकोट गेम जोन में लग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई थी. एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अधिकारियों को आवश्यक अप्रूवल के बिना इस गेम जोन को संचालित करने की अनुमति देने में घोर लापरवाही बरतने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि घटना के बाद यह सामने आया है कि जिस सुविधा में शनिवार को आग लगी थी, वह फायर एनओसी के बिना संचालित की जा रही थी. राजकोट पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, 'गेम जोन को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी. इसने फायर एनओसी प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था, जो प्रक्रिया में था.'

सख्त कार्रवाई का निर्देश
गौरतलब है कि पांच अधिकारियों को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के शनिवार को घटनास्थल का निरीक्षण करने के एक दिन बाद निलंबित किया गया है. सीएम ने संबंधित विभागों को इस गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त और दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें राजकोट नगर निगम के नगर नियोजन सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, आरएमसी के सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, राजकोट सड़क और भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एमआर सुमा और पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और एनआई राठौड़ शामिल हैं. बता दें कि शनिवार शाम राजकोट के नाना-मावा इलाके में टीआरपी गेम जोन में आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें कई बच्चे भी शामिल थे.

तीन आरोपी 14 दिन की हिरासत में भेजे गए
इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और गेम जोन के छह पार्टनर्स और एक अन्य आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित विभिन्न आरोपों में एफआईआर दर्ज की है. तीनों आरोपियों युवराज सिंह सोलनली, नितिन जैन और राहुल राठौड़ को पुलिस ने 14 दिन की हिरासत में लिया. अदालत ने इस आधार पर 14 दिन की पुलिस हिरासत मंजूर की थी कि तीनों जांच में पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं.

हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
इस बीच गुजरात होई कोर्ट ने रविवार को आग त्रासदी का स्वत: संज्ञान लिया और इसे मानव निर्मित आपदा करार दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि सुविधा में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील मैटेरियल को स्टोर किया था.

सरकार ने मुआवजे का किया ऐलान
वहीं, राज्य सरकार ने एक मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है और प्रत्येक मृतक के परिजन को 4 लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की है. दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने भी प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिजनों को 2 लाख रुपये की मुआवजा देने का ऐलान किया है.

डीएनए रिपोर्ट तैयार करने के काम की समीक्षा
राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने एफएसएल में मृतकों की डीएनए रिपोर्ट तैयार करने के काम की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि राजकोट गेम जोन त्रासदी में मारे गए लोगों के शव जल्द से जल्द उनके परिजनों तक पहुंचाने के लिए एफएसएल की टीम दिन-रात काम कर रही है.

राजकोट के नगर आयुक्त, पुलिस आयुक्त और दो अन्य आईपीएस अधिकारियों का तबादला

गुजरात के राजकोट में एक गेम जोन में आग लगने से 27 लोगों की मौत के दो दिन बाद राज्य सरकार ने सोमवार को शहर के पुलिस आयुक्त, दो अन्य आईपीएस अधिकारियों और नगर आयुक्त का तबादला कर दिया. गुजरात के गृह विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि पुलिस आयुक्त राजू भार्गव, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विधि चौधरी और पुलिस उपायुक्त (जोन -2) सुधीर कुमार देसाई को बिना तैनाती के स्थानांतरित कर दिया गया.

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