जयपुर. कोटा में नीट की तैयारी कर रहे एक और छात्र ने सुसाइड कर लिया. कोटा से लगातार इसी तरह छात्रों के सुसाइड के मामले सामने आने पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इसका जिम्मेदार अकेले कोचिंग संस्थानों को नहीं, बल्कि माता-पिता के दबाव, संगत और प्रेम में असफल होने को भी कारण बताया. 2023 से अब तक कोटा में करीब 37 छात्र सुसाइड कर चुके हैं, जो बीते 10 सालों में सर्वाधिक है. पुलिस प्रशासन ने अधिकतर मामलों को पढ़ाई के प्रेशर से जोड़ा है. सुसाइड करने वाले छात्रों के पास से जो सुसाइड नोट मिले हैं, उनमें कोई नीट का तो कोई जेईई का छात्र मिला. जिसने अपने माता-पिता की उम्मीद पर खरा नहीं उतरने पर सुसाइड जैसे कदम उठाए.
हालांकि, प्रदेश के शिक्षा मंत्री का मानना है कि पढ़ाई का प्रेशर या फिर कोचिंग संस्थान इसके अकेले जिम्मेदार नहीं हैं. शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि सुसाइड के मामले में एक ही पक्ष को दोषी ठहरना उचित नहीं. इस तरह के मामलों में उनका कुछ परसेंटेज हो सकता है, लेकिन सुसाइड जैसे मामलों में मां-बाप और संगत भी दोषी है. उन्होंने कहा कि कई बार छात्र गलत संगत में पड़ जाते हैं या फिर वो प्यार में असफल होते हैं तो इस तरह के कदम उठाते हैं.
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उन्होंने कहा कि सभी सुसाइड का कारण कोचिंग है, ऐसा वो नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कि मां-बाप भी अपने बच्चों की पढ़ने की क्षमता से ज्यादा अपेक्षा करते हैं. इस प्रेशर के कारण बच्चा डिप्रेशन में चला जाता है. उसकी कैपेसिटी ही नहीं है और बार-बार रैंक के बारे में पूछते हैं. कई बार जो सुसाइड नोट आते हैं, उसमें ये लिखा होता है कि 'मम्मी पापा मैं आपकी इच्छा पूरी नहीं कर पाया, आपने जो लक्ष्य दिया उसे पूरा नहीं कर पाया. इसलिए मैं जा रहा हूं' ऐसे कई मामले आते हैं.
आपको बता दें कि सोमवार को जिस छात्रा ने कोटा में सुसाइड किया, वो हरियाणा का रहने वाला था. वो कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था. 5 मई को ही नीट की परीक्षा होनी है. इससे पहले ही छात्र के सुसाइड करने को पुलिस प्रशासन पढ़ाई के प्रेशर से जोड़कर देख रहा है, जबकि परिवार इसे सुसाइड नहीं, बल्कि मर्डर बताते हुए जांच की मांग कर रहा है.