नई दिल्ली: बारिश के दिनों में भारतीय रेलवे ने रेल सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि रेलवे निर्बाध परिचालन सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है. इसके बाद उसने व्यवधानों को कम करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से व्यापक उपाय किए हैं. बता दें कि, भारत के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र तट पर अनुकूल परिस्थितियों के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य समय से दो दिन पहले रविवार को मुंबई पहुंच गया है. आईएमडी ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य अरब सागर, दक्षिण महाराष्ट्र, तेलंगाना, दक्षिण छत्तीसगढ़ और दक्षिण ओडिशा के कुछ हिस्सों और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है. ऐसे में उतरी भारत में मानसून 14 जून के बाद ही आगे बढ़ेगा. उतरी भारत में आने वाले समय में मानसून की बारिश की वजह से रेल यात्रियों को कोई परेशानी ना झेलनी पड़े इसके लिए भारतीय रेलवे में अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है.
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि रेलवे हर साल बारिश के दिनों में निर्बाध रेल सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाता है. इसके लिए संबंधित विभाग के कर्मचारियों द्वारा रेल पटरियों, सिग्नल, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे की जांच की जाती है. रेलवे के सेंट्रल जोन ने भी मानसून के लिए अपने बुनियादी ढांचे और परिचालन तैयारियों को मजबूत करने के लिए कई पहल की हैं.
कई स्थानों की पहचान पहले ही की जा चुकी है, जहां कई बार जलभराव होता है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए जमा हुए बारिश के पानी को निकालने के लिए पंप लगाए जाएंगे. नालों से गाद निकालना- कई खंडों पर नालों से गाद निकालने और सफाई का काम पूरा हो चुका है या चल रहा है.
क्या-क्या किया जा रहा है
- पुलिया का रख-रखाव- रेलवे ने अपने विभिन्न खंडों पर पुलियों की सफाई की है और कई अन्य पुलियों की सफाई का काम अभी चल रहा है.
- पेड़ों की छंटाई- सिग्नल लाइट देखने में ड्राइवरों की दृष्टि में बाधा उत्पन्न करने वाले पेड़ों की कटाई और छंटाई का काम चल रहा है.
- पटरियों से कीचड़ और लंबी घास हटाना- रेलवे ने मुख्य लाइनों से कीचड़ और घास को साफ करने और हटाने का लक्ष्य रखा है.
- नियंत्रण कक्ष संचालन- चौबीसों घंटे काम करने वाले नियंत्रण कक्ष कड़ी निगरानी और निरंतर अपडेट रखेंगे.
- विद्युत आपूर्ति- ट्रेन के इंजनों को विद्युत आपूर्ति प्रदान करने वाले ट्रैक्शन वितरण विभाग ने इंजनों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास किए हैं.
- सिग्नलिंग और दूरसंचार- विभाग ने कम इन्सुलेशन के लिए केबलों का परीक्षण करने, पहचाने गए दोषपूर्ण केबलों को बदलने और पुलों और पुलियों पर केबलों की सुरक्षा करने जैसे सभी प्रयास किए हैं.
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