जैसलमेर. सीमावर्ती जैसलमेर जिले में आज तीनों सेनाओं का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होगा. इसे देखने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर जैसलमेर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में हो रहे भारत शक्ति युद्धाभ्यास को देखेंगे और भारतीय सेना के जवानों में जोश भरेंगे. इस युद्धाभ्यास में आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखाई देगी. पोकरण में भारतीय थल सेना, भारतीय जल सेना और वायु सेना लगभग 50 मिनट तक युद्धाभ्यास करके मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत निर्मित हथियारों का प्रदर्शन करेंगी. पीएम मोदी तीनों सेनाओं की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन देखेंगे. बता दें कि तीनों सेनाओं के लाइव फायर और युद्धाभ्यास के रूप में स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के समन्वित प्रदर्शन को 'भारत शक्ति' नाम दिया गया है. कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा तीनों सेना के प्रमुख भी मौजूद रहेंगे. पीएम के दौरे को देखते हुए सरहदी इलाकों की सुरक्षा बढ़ाई गई है. पीएम दोपहर बाद पोकरण में तीनों सेना के युद्धाभ्यास को देखेंग. पीएम जैसलमेर को रेलवे के क्षेत्र भी कई सौगात आज देंगे. कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ता और जैसलमेर-पोकरण विधानसभा से करीब 1 हजार लोग कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री देश के पश्चिमी छोर से संवाद करेंगे.
स्वदेशी वेपन का देखेंगे प्रदर्शन : सैन्य सूत्रों ने बताया कि इस 'भारत शक्ति' युद्धाभ्यास में तीनों सेनाएं भारत में निर्मित हथियारों की ताकत का प्रदर्शन करेंगी. भारतीय सेना की ताकत को देखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद आ रहे हैं. जैसलमेर जिले में एशिया की सबसे बड़ी फील्ड फायरिंग रेंज है, जहां भारत की तीनों सेनाएं सबसे बड़ा युद्धाभ्यास करने जा रही है. इस युद्धाभ्यास में सिर्फ स्वदेशी तरीके से विकसित किए गए वेपन प्लेटफॉर्म यानी हथियार और सिस्टम को शामिल किया जाएगा.
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स्वदेशी कम्युनिकेशन और नेटवर्क की क्षमता का परीक्षण करेंगे : सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस युद्धाभ्यास में भारत में तैयार डिफेंस प्लेटफॉर्म और नेटवर्क आधारित सिस्टम को टेस्ट किया जाएगा. इस युद्धाभ्यास से स्वदेशी हथियारों की ताकत के बारे में भी पता चलेगा. वहीं इस युद्धाभ्यास में स्वदेशी कम्युनिकेशन और नेटवर्क की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि क्या दुश्मन देश युद्ध के हालात में उन्हें हैक कर सकता है या नहीं.
थल सेना के बाद अब नौ सेना और वायु सेना को बनाएंगे स्वदेशी : बता दें कि भारतीय थल सेना सौ फीसदी स्वदेशी बन चुकी है. भारत सरकार अब भारतीय नौसेना और वायुसेना को भी स्वदेशी बनाने पर जोर दे रही है. केंद्र सरकार का उद्देश्य है कि पनडुब्बी निर्माण और एयरक्राफ्ट इंजन मैन्युफैक्चरिंग में भी स्वदेशी तकनीकी का इस्तेमाल किया जाए. वर्तमान में सरकार को एयरक्राफ्ट इंजन या फिर कुछ सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन आने वाले सालों में देश इस दिशा में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहा है. 'भारत शक्ति युद्धाभ्यास में तेजस लड़ाकू विमान के-9 आर्टिलरी गन स्वदेशी ड्रोन पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर और कम दूरी की मिसाइलों की ताकत देखने को मिलेगी. देश के पश्चिमी छोर पर प्रधानमंत्री का ये दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है.