पटना : किसी जज के सामने यदि याचिकाकर्ता कहे 'हाजमोला सर..' तो आप इसे मजाक समझेंगे या फिर टीवी का एड समझेंगे. लेकिन पटना हाईकोर्ट में कुछ दिन पहले ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि सर, मेरे हाजमोले को छुड़वा दीजिए, वो बेकसूर है.
शराब के साथ हाजमोला जब्त : दरअसल, मुजफ्फरपुर में हाजमोले के कार्टन में शराब की तस्करी की जा रही थी. कुछ कार्टन में अवैध शराब था तो कुछ में हाजमोला था. मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया. उसके बाद हाजमोला के मालिक ने अपने हाजमोले को छोड़ने की गुहार लगाई. अधिकारियों ने शराब के साथ साथ हाजमोला के कार्टन को भी जब्त रखा था. जब अधिकारियों के कान पर जू नहीं रेंगा तो फरियादकर्ता ने पटना हाइकोर्ट में केस दर्ज कर दिया.
हाजमोला बेकसूर है : याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई कि ट्रक में अवैध शराब मेरी जानकारी के बगैर जा रही थी. हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी. मद्य निषेध के अधिकारियों ने शराब के साथ हाजमोले को भी जब्त कर दिया. इस पूरे मामले में मेरा हाजमोला निर्दोष है और वो बेकसूर है उसे छोड़ दिया जाए. हाजमोला कोई उत्पाद कानून के तहत नहीं आता है. पटना हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार से जबाव तलब किया था, जिसकी सुनवाई एक बार फिर आज हुई है.
हाईकोर्ट ने छोड़ने का दिया आदेश : आज सुनवाई करते हुए एक सप्ताह में हाजमोला के कार्टन को छोड़े जाने का आदेश राज्य सरकार को दिया. सुमित शुक्ला की याचिका पर जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि ''यदि हाजमोला के कार्टन नहीं छोड़े गये, तो कोर्ट स्वयं अवमानना वाद प्रारम्भ करेगा.'' कोर्ट ने याचिकाकर्ता को आवश्यक कागजात ले कर सक्षम पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.
'शराब अवैध हाजमोला नहीं एक हफ्ते में छोड़े सरकार' : याचिकाकर्ता इलाहाबाद से हाजमोला के सीलबंद कार्टन की बड़ी खेप को मुजफ्फरपुर ट्रांसपोर्ट किया था. तथाकथित रूप से उन कार्टून की खेप से शराब की बोतलें मिली. इस आधार पर मोतीपुर थाना में एक प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वाहन में हाजमोला के कार्टन को भेजा गया था. हाजमोला कोई उत्पाद कानून के तहत नहीं आता है.
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