नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पेपर लीक के मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा कि सरकार मामले की निष्पक्ष जांच और पेपर लीक की घटनाओं के पीछे के दोषियों को दंडित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
हाल ही में हुए पेपर लीक मामलों जैसे कि NEET-UG विवाद का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "सभी इच्छुक उम्मीदवारों को समान अवसर देना केंद्र की प्राथमिकता है. सरकार निष्पक्ष जांच और पेपर लीक की घटनाओं के पीछे के लोगों को दंडित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इससे पहले भी हमने विभिन्न राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं देखी हैं. इसके लिए राजनीति से ऊपर उठकर ठोस समाधान की आवश्यकता है. संसद ने परीक्षाओं में अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कानून बनाया है..."
#WATCH | President Droupadi Murmu says, " it is a continuous effort of the government to ensure that the youth of the country gets adequate opportunity to display their talent...my government is committed to a fair investigation of the recent incidents of paper leaks as well as… pic.twitter.com/fJpnBONP0c
— ANI (@ANI) June 27, 2024
उन्होंने कहा "विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है जब देश के गरीब, युवा, महिलाएं और किसान सशक्त होंगे. इसलिए सरकार की ओर से उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. हमारा उद्देश्य उन्हें हर सरकारी योजना का लाभ पहुंचाना है.
'25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए'
राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा कि भारत इस इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहा है कि एक भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे. सरकारी योजनाओं की वजह से ही पिछले 10 साल में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए हैं... सरकार दिव्यांग भाई-बहनों के लिए किफायती और स्वदेशी सहायक उपकरण विकसित कर रही है.
गरीबों के स्वास्थ्य को महत्व
उन्होंने बताया कि सरकार मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को इंटिग्रेट कर रही है. इसके अलावा डिजिटल इंडिया और डाकघरों के नेटवर्क का उपयोग करके दुर्घटना और जीवन बीमा का कवरेज बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है. स्वच्छ भारत अभियान में गरीबों के जीवन की गरिमा और उनके स्वास्थ्य को राष्ट्रीय महत्व का विषय बनाया गया है.
राष्ट्रपति ने अपनी अभिभाषण में कहा कि पहली बार देश में करोड़ों गरीबों के लिए शौचालय बनाए गए हैं. इन प्रयासों से हमें पता चलता है कि आज देश सही मायने में महात्मा गांधी के आदेशों का पालन कर रहा है.
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