जयपुर: हाल ही में एक घटना का जिक्र पूरे राजस्थान में हो रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के विकास द्विवेदी को बार-बार सांप डस रहा है. युवक ने दावा किया है कि जब सांप उसे डसता है तो इस बारे में उसे पहले ही पता लग जाता है. सर्पदंश से बचने के लिए युवक पिछले 11 दिनों से राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी की शरण में है. यहां युवक खुद के साथ हो रही अनोखी घटना से छुटकारा पाने के लिए बालाजी महाराज से प्रार्थना कर रहा है, लेकिन युवक ने दावा किया है कि सोमवार शाम को 8वीं बार सांप ने उसे डस लिया.
कुछ लोग इस घटना को किसी दैवीय शक्ति से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि मेडिकल साइंस का कहना है कि यह एक प्रकार की मेंटल डिसॉर्डर बीमारी है, जिसे सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) और डिसोसिएटिव कहा जाता है. मामले को लेकर वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉक्टर अनीता गौतम का कहना है कि यह एक तरह की मानसिक बीमारी है. इस मानसिक बीमारी के दो प्रकार हो सकते हैं, जिसमें सिजोफ्रेनिया और डिसोसिएटिव शामिल हैं.
क्या है सिजोफ्रेनिया ? डॉक्टर अनीता गौतम का कहना है कि सिजोफ्रेनिया एक तरह की मतिभ्रम से जुड़ी बीमारी होती है, जिसमें मरीज को कई ऐसी चीजें दिखाई देती हैं या फिर महसूस होती हैं, आवाजें सुनाई देने लगती हैं और मरीज को शक और वहम सबसे अधिक होने लगता है. इस केस में भी कुछ ऐसा ही दिखाई दे रहा है, जिसमें मरीज को लग रहा है कि उसे सांप दिख रहा है, उसे डस रहा है या फिर उसके सपनों में आ रहा है.
डिसोसिएटिव डिसऑर्डर : डॉक्टर अनिता गौतम का कहना है कि इस युवक को डिसोसिएटिव डिसऑर्डर भी हो सकता है, जिसमें कई बार मरीज को फोबिया हो जाता है. डॉक्टर गौतम का कहना है कि हो सकता है इस युवक को एक बार सांप ने डसा हो और इसके बाद युवक को सांप डसने से जुड़ा फोबिया हो गया हो. डिसोसिएटिव और सिजोफ्रेनिया में कई बार मरीज हिंसक भी हो जाता है. डॉक्टर गौतम का कहना है कि यह सभी मानसिक रोगों से जुड़ी बीमारियां हैं और मेडिकल साइंस में इन बीमारियों का इलाज संभव है.