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कर्नाटक के राज्यपाल ने 11 विधेयक वापस भेजे, कांग्रेस बोली- सद्बुद्धि दें - Karnataka Governor

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 23, 2024, 6:29 PM IST

Thawar Chand Gehlot: राज्यपाल थावर चंद गहलोत और कर्नाटक सरकार के बीच खींचतान जारी है. इस बीच गवर्नर ने 11 बिल को वापस भेजा है. इस पर कांग्रेस ने कहा है कि राज्यपाल सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ काम कर रहे हैं.

कर्नाटक के राज्यपाल ने 11 विधेयक वापस भेजे
कर्नाटक के राज्यपाल ने 11 विधेयक वापस भेजे (ETV Bharat)

बेंगलुरु: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) स्कैम मामले की जांच के लिए सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ अभियोजन की अनुमति देने के मुद्दे पर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच खींचतान चल रही है. इस बीच राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने स्पष्टीकरण मांगने के लिए 11 बिल सरकार को वापस भेजे हैं.

इतना ही नहीं राज्यपाल ने तीन विधेयकों को दूसरी बार सरकार के पास वापस भेजा है. इनमें कर्नाटक सार्वजनिक परीक्षा (नियुक्ति में भ्रष्टाचार और अनुचित व्यवहार को रोकने के उपाय) विधेयक 2023, कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक 2023 और कर्नाटक नगर और ग्रामीण नियोजन (संशोधन) विधेयक 2024 शामिल हैं.

इसके अलावा राज्यपाल ने जिन बिलों को वापस भेजा है, उनमें ई-रजिस्ट्रेशन (कर्नाटक संशोधन) विधेयक 2024, कर्नाटक नगर पालिका और कुछ अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2024, कर्नाटक सिने और सांस्कृतिक कार्यकर्ता (कल्याण) विधेयक 2024, कर्नाटक सहकारी समितियां संशोधन विधेयक 2024, कर्नाटक सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक 2024, श्री रेणुका यल्लम्मा मंदिर विकास प्राधिकरण विधेयक 2024, कर्नाटक विधानमंडल (अयोग्यता निवारण) (संशोधन) विधेयक 2024, और कर्नाटक विधानमंडल (अयोग्यता निवारण) (संशोधन) अध्यादेश 2024 शामिल हैं.

राज्यपाल हमारी सरकार के खिलाफ- कर्नाटक के गृह मंत्री
गृह मंत्री डॉ जी परमेश्वर ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "राज्यपाल ने इतने सारे विधेयक वापस भेजे हैं, इससे साफ है कि राज्यपाल हमारी सरकार के खिलाफ हैं." सदाशिवनगर में अपने आवास के पास बोलते हुए उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सामान्य विधेयक भी वापस भेज दिया. इससे साफ है कि राज्यपाल हमारी सरकार के खिलाफ हैं.

उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से अगर राज्यपाल और सरकार के बीच तालमेल नहीं है, तो ऐसी घटनाएं होती हैं. इसलिए कहीं न कहीं हमें यह संदेश मिल रहा है कि राज्यपाल को हमारी सरकार पर भरोसा नहीं है.

भगवान राज्यपाल को सद्बुद्धि दें-डीके शिवकुमार
वहीं कर्नाटक से डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, "राज्यपाल ने बीजेपी विधायकों की बात सुनने के बाद बिल वापस भेज दिए. अगर हम भाजपा की बात मानेंगे तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकारें क्यों होनी चाहिए? अगर वे कोई स्पष्टीकरण मांगते हैं तो हम देंगे. इसे गलत नहीं कहा जा सकता. मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान राज्यपाल को सद्बुद्धि दें."

वहीं, सरकार गिराने के सवाल पर उन्होंने कहा, "सरकार गिराने की चाहे जितनी भी कोशिश की जाए, कुछ नहीं होगा।. हम भी हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेंगे. हम अपना काम करेंगे."

यह भी पढ़ें- क्या है MUDA घोटाला? मामले में अब तक क्या-क्या हुआ? जानें सबकुछ

बेंगलुरु: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) स्कैम मामले की जांच के लिए सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ अभियोजन की अनुमति देने के मुद्दे पर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच खींचतान चल रही है. इस बीच राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने स्पष्टीकरण मांगने के लिए 11 बिल सरकार को वापस भेजे हैं.

इतना ही नहीं राज्यपाल ने तीन विधेयकों को दूसरी बार सरकार के पास वापस भेजा है. इनमें कर्नाटक सार्वजनिक परीक्षा (नियुक्ति में भ्रष्टाचार और अनुचित व्यवहार को रोकने के उपाय) विधेयक 2023, कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक 2023 और कर्नाटक नगर और ग्रामीण नियोजन (संशोधन) विधेयक 2024 शामिल हैं.

इसके अलावा राज्यपाल ने जिन बिलों को वापस भेजा है, उनमें ई-रजिस्ट्रेशन (कर्नाटक संशोधन) विधेयक 2024, कर्नाटक नगर पालिका और कुछ अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2024, कर्नाटक सिने और सांस्कृतिक कार्यकर्ता (कल्याण) विधेयक 2024, कर्नाटक सहकारी समितियां संशोधन विधेयक 2024, कर्नाटक सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक 2024, श्री रेणुका यल्लम्मा मंदिर विकास प्राधिकरण विधेयक 2024, कर्नाटक विधानमंडल (अयोग्यता निवारण) (संशोधन) विधेयक 2024, और कर्नाटक विधानमंडल (अयोग्यता निवारण) (संशोधन) अध्यादेश 2024 शामिल हैं.

राज्यपाल हमारी सरकार के खिलाफ- कर्नाटक के गृह मंत्री
गृह मंत्री डॉ जी परमेश्वर ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "राज्यपाल ने इतने सारे विधेयक वापस भेजे हैं, इससे साफ है कि राज्यपाल हमारी सरकार के खिलाफ हैं." सदाशिवनगर में अपने आवास के पास बोलते हुए उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सामान्य विधेयक भी वापस भेज दिया. इससे साफ है कि राज्यपाल हमारी सरकार के खिलाफ हैं.

उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से अगर राज्यपाल और सरकार के बीच तालमेल नहीं है, तो ऐसी घटनाएं होती हैं. इसलिए कहीं न कहीं हमें यह संदेश मिल रहा है कि राज्यपाल को हमारी सरकार पर भरोसा नहीं है.

भगवान राज्यपाल को सद्बुद्धि दें-डीके शिवकुमार
वहीं कर्नाटक से डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, "राज्यपाल ने बीजेपी विधायकों की बात सुनने के बाद बिल वापस भेज दिए. अगर हम भाजपा की बात मानेंगे तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकारें क्यों होनी चाहिए? अगर वे कोई स्पष्टीकरण मांगते हैं तो हम देंगे. इसे गलत नहीं कहा जा सकता. मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान राज्यपाल को सद्बुद्धि दें."

वहीं, सरकार गिराने के सवाल पर उन्होंने कहा, "सरकार गिराने की चाहे जितनी भी कोशिश की जाए, कुछ नहीं होगा।. हम भी हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेंगे. हम अपना काम करेंगे."

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