पटना: बिहार से बड़ी खबर सामने आ रही है. कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है. ये राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व विधान परिषद के सदस्य और विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रह चुके थे. इन्होंने राम मंदिर शिलान्यास में पहली ईंट रखी थी. संघ ने प्रथम कार सेवक का दर्जा भी दिया था. कामेश्वर चौपाल कई दिनों से बीमार थे. दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में 68 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.
सुपौल के रहने वाले थे कामेश्वर चौपाल : कामेश्वर चौपाल का जन्म 24 अप्रैल 1956 में सुपौल के कमरैल में हुआ था. मधुबनी के जेएन कॉलेज से स्नातक की डिग्री लेने के बाद 1958 में मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा से एमए की डिग्री ली थी. दलित परिवार से आने वाले कामेश्वर चौपाल का चयन 90 के दशक में राम मंदिर की नीव रखने के दौरान किया गया था. उन्होंने शिलान्यास में पहली ईंट रखी थी. इनके निधन से बिहार में शोक का माहौल है.
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष, रामजन्म भूमि में प्रथम ईंट रख कर आधारशिला रखने वाले बड़े भाई श्री कामेश्वर चौपाल जी के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई।
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ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके चाहने वालों को… pic.twitter.com/zHvRjLUlfg
राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल : 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की गयी. 22 जनवरी से पहले 9 नवंबर भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया था. 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर का शिलान्यास किया गया था. कामेश्वर प्रसाद ने पहली ईंट रखी थी. हालांकि इसके वाद कोर्ट में लंबी सुनवाई चली और 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में फैसला आया.
अयोध्या राम मंदिर के निर्माण में महत्वपूर्व भूमिका निभाने वाले, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं पूर्व विधान पार्षद कामेश्वर चौपाल के निधन का हृदयविदारक समाचार प्राप्त हुआ। मैं प्रभु श्रीराम से उनके आत्मा की शांति एवं परिजनों को इस असीम पीड़ा को सहने की शक्ति… pic.twitter.com/Fis7L1wxAC
— Mangal Pandey (@mangalpandeybjp) February 7, 2025
कैसा रहा राजनीतिक करियर : बता दें कि कामेश्वर चौपाल बीजेपी से जुड़े हुए थे. इन्होंने कई बार चुनाव भी लड़े. 1991 में बिहार के रोसड़ा विधानसभा में चुनाव लड़े थे, लेकिन जीत नहीं मिली थी. इसके बाद 1995 में बेगूसराय के बखरी विधानसभा से टिकट मिला था. यहां भी हार का सामना करना पड़ा था.
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थायी सदस्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष एवं रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, श्रद्धेय श्री कामेश्वर चौपाल जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है।
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सनातन संस्कृति, राष्ट्रसेवा और सामाजिक समरसता के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। प्रभु… pic.twitter.com/gacxMXb6ni
सुपौल से चुनाव लड़े : साल 2002 में कामेश्वर चौपाल को बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया. 2014 तक विधान परिषद के सदस्य रहे. साल 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद डिप्टी सीएम के लिए इनके नाम की खूब चर्चा हुई थी. साल 2024 लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने सुपौल से टिकट दिया लेकिन यहां भी उन्हें जीत नहीं मिली.
![Kameshwar Chaupal Death](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/07-02-2025/23491220_kameshwar.jpg)
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