सिंगरौली: कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी हर्षवर्धन सिंह की कर्नाटक में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. हर्षवर्धन 2023 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और जिस वक्त हादसा हुआ वह अपनी पहली पोस्टिंग का कार्यभार ग्रहण करने जा रहे थे. मृतक के पिता अखिलेश सिंह एसडीएम हैं और इस समय सिंगरौली की देवसर तहसील में पदस्थ हैं. इसके अलावा उनका छोटा भाई यूपीएससी की तैयारी कर रहा है. हर्षवर्धन की असमय मौत ने पूरे परिवार को झकझोर के रख दिया है.
बिहार के सहरसा के रहने वाले थे हर्षवर्धन
हर्षवर्धन सिंह (26) मूलरूप से बिहार के रहने वाले थे. सहरसा जिले के फतेपुर में उनका पैतृक निवास है. उनके पिता अखिलेश सिंह सिंगरौली जिले की देवसर तहसील में बतौर एसडीएम कार्यरत हैं. जिस वजह से माता-पिता सिंगरौली में ही रहते हैं. हर्षवर्धन दो भाई थे जिसमें वे बड़े थे. उनका छोटा भाई आदित्य वर्धन सिंह बीटेक की पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी की तैयारी कर रहा है.
मध्यप्रदेश के जबलपुर निवासी कर्नाटक कैडर के 2023 बैच के IPS श्री हर्ष बर्धन का " कर्नाटक पुलिस अकादमी" से प्रशिक्षण समाप्त कर हसन जिले में अपनी पहली पोस्टिंग के लिए लौटते समय सड़क दुर्घटना में असामयिक निधन का समाचार अत्यंत ही दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय पुलिस सेवा के एक… pic.twitter.com/n0nQ8kZIFk
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 2, 2024
पहले ही प्रयास में क्रैक किया था यूपीएससी
हर्षवर्धन ने भी यूपीएससी क्रैक करने से पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. पढ़ने में होनहार हर्षवर्धन ने 2023 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी. उनकी रैंक 153वीं थी और उन्हें कर्नाटक कैडर मिला था. कर्नाटक में मैसूर स्थित पुलिस अकादमी में एक महीने की ट्रेनिंग के बाद उन्हें हासन जिले में बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक के पद पर पहली नियुक्ति मिली थी.
सिर में गंभीर चोट लगने से गई जान, वाराणसी में होगा अंतिम संस्कार
मिली जानकारी के अनुसार, जॉइनिंग के लिए जाते समय रास्ते में किट्टाने के पास में पुलिस की गाड़ी का टायर अचानक फट गया और गाड़ी अनियंत्रित होकर एक पेड़ से टकरा गई. बुरी तरह से घायल हर्षवर्धन को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. बताया जा रहा है कि उनके सिर में गंभीर चोट लग गई थी, जिस वजह से उनकी जान चली गई. शव को बेंगलुरु से वाराणसी लाया जा रहा है. यहीं पर उनका अंतिम संस्कार भी किया जाएगा.
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जॉइनिंग से पहले चली गई जान
हर्षवर्धन सिंह का परिवार से बेहद लगाव था. वह अपनी पढ़ाई के दौरान भी माता-पिता से मिलने अक्सर आया करते थे. अब उनके अचानक और असमय इस दुनिया से चले जाने के बाद पूरा परिवार बेहद गमगीन है. नियति का खेल देखिए, जिस नौकरी के लिए उन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था, इतनी मेहनत की थी, वह नौकरी तो मिल गई लेकिन जॉइनिंग करने से पहले ही उनकी जान चली गई.