नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में अवैध और नकली दवा गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई. यह कार्रवाई केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) पूर्वी क्षेत्र और औषधि नियंत्रण निदेशालय की ओर से की गई. इस दौरान बड़ी मात्रा में कैंसर रोधी, मधुमेह रोधी समेत अन्य दवाएं जब्त की गई. इन दवाओं के नकली होने का संदेह है.
यह छापेमारी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भारत भर में विभिन्न दवा कंपनियों द्वारा निर्मित 111 गैर-मानक गुणवत्ता वाली दवाओं का पता लगाने के कुछ दिनों बाद की गई है. यह छापेमारी कोलकाता स्थित एक कंपनी के थोक विक्रेता परिसर में की गई. इसके परिणामस्वरूप बड़ी मात्रा में एंटी कैंसर, एंटी डायबिटिक और अन्य दवाएं जब्त की गई. इन दवाओं के नकली होने का संदेह है.
सरकारी अधिकारियों ने कहा, 'आयरलैंड, तुर्की, अमेरिका और बांग्लादेश सहित विभिन्न देशों में निर्मित होने के लेबल वाली ये दवाइयां भारत में उनके वैध आयात को साबित करने के लिए किसी भी सहायक दस्तावेज के बिना पाई गई. ऐसे दस्तावेजों के अभाव में इन दवाओं को नकली माना जाता है. जांच दल को कई खाली पैकिंग सामग्री भी मिली, जिससे जब्त उत्पादों की प्रामाणिकता पर और भी चिंताएं बढ़ गई.'
जब्त की गई दवाओं का कुल बाजार मूल्य लगभग 6.60 करोड़ रुपये आंका गया है. अधिकारी ने कहा, 'उचित जांच सुनिश्चित करने के लिए दवाओं के नमूने गुणवत्ता परीक्षण के लिए भेजे गए हैं. शेष जब्त मात्रा को सीडीएससीओ द्वारा सुरक्षित रखा जा रहा है.'
छापेमारी और उसके बाद की जांच में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. इसकी पहचान थोक फर्म की मालिक के रूप में की गई है. उसे सीडीएससीओ, पूर्वी क्षेत्र के ड्रग्स इंस्पेक्टर ने हिरासत में लिया है. आरोपी को बाद में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अधिकारी ने कहा, 'मामले में आगे की जांच जारी है.' स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय जनता की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.