वास्को डी गामा: फ्रांस का परमाणु उर्जा से चलने वाला अत्याधुनिक हथियारों से लैस विमानवाहक जहाज चार्ल्स डी गॉल अपने पूरे लाव लश्कर के साथ गोवा के मोरमुगाओ पोर्ट पहुंचा. इसके साथ राफेल मरीन लड़ाकू विमान भी है. फ्रांसीसी नौसेना अगले कुछ दिनों तक यहां भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास करेगी.
गोवा पहुंचने पर फ्रांसीसी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का भारतीय नौसेना बैंड द्वारा औपचारिक स्वागत किया गया. राफेल मरीन लड़ाकू विमान सहित विमानवाहक समूह अन्य दल अगले कुछ दिनों में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास करेंगे.
वरुण अभ्यास के 42वें संस्करण का आयोजन होगा
युद्धपोत इंडोनेशिया सहित सहयोगी देशों के साथ अभ्यास के बाद प्रशांत महासागर से लौटते समय द्विपक्षीय वरुण अभ्यास के 42वें संस्करण का आयोजन करेंगे. भारतीय नौसेना की पश्चिमी नौसेना कमान ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, आपसी समझ को बढ़ावा देना तथा भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के बीच संबंधों को मजबूत करना है.
French Carrier Strike Group, which includes nuclear-powered aircraft carrier FNS Charles de Gaulle along with its escort vessels, a frigate, a submarine and supply ships, is visiting #Goa from 03 - 09 Jan 25. The purpose of this visit is to enhance #interoperability, foster… pic.twitter.com/H1WDdgS4hG
— Western Naval Command (@IN_WNC) January 4, 2025
भारतीय नौसेना की पश्चिमी नौसेना कमान ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'फ्रांसीसी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप में परमाणु ऊर्जा चालित विमान वाहक एफएनएस चार्ल्स डी गॉल अपने एस्कॉर्ट जहाजों, एक फ्रिगेट, एक पनडुब्बी और आपूर्ति जहाजों के साथ शामिल है. इस गतिविधि का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, आपसी समझ को बढ़ावा देना और संबंधों को मजबूत करना है.' एएनआई से बात करते हुए पेटी ऑफिसर एलेक्स ने कहा कि वह नेपाल से हैं लेकिन उनके माता-पिता फ्रांस में रहे. उन्होंने कहा कि उनके दादा भारतीय सेना में थे और उन्हें वहीं से प्रेरणा मिली.
चार्ल्स डी गॉल फ्रांसीसी युद्धपोत 42,000 टन वजनी है
एएनआई से बात करते हुए चार्ल्स डी गॉल के कमांडिंग फ्रांसीसी अधिकारी ने फ्रांसीसी विमानवाहक पोत के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि चार्ल्स डी गॉल 260 मीटर लंबा और 600 मीटर चौड़ा है. उन्होंने कहा, 'विमानवाहक जहाज चार्ल्स डी गॉल फ्रांसीसी विमानवाहक पोत है. यह 25 साल पुराना जहाज है. यह 260 मीटर लंबा, 600 मीटर चौड़ा और 42,000 टन वजनी है.
चार्ल्स डी गॉल युद्धपोत में चालक दल के 2000 लोग हैं
इसके चालक दल में लगभग 2000 लोग हैं. एक विमानवाहक पोत को समुद्र में लड़ाई जीतने के लिए जमीन या समुद्र के ऊपर हवाई शक्ति का इस्तेमाल करना पड़ता है. यह समुद्र में लड़ाई जीतने का सबसे अच्छा साधन है. इसका इस्तेमाल युद्ध समूह के भीतर एस्कॉर्ट जहाजों के साथ किया जाता है. मिशन क्लेमेंसो 25 के दौरान चार्ल्स डी गॉल सीएसजी और भारतीय नौसेना के जहाज 42वें वार्षिक वरुण द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लेंगे.
भारत 1998 से फ्रांस का सबसे प्रमुख साझेदार रहा है
फ्रांस और भारत हिंद महासागर में नियमित रूप से समुद्री सुरक्षा में योगदान देते रहे हैं. फ्रांस 2008 से हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) का सदस्य रहा है. इसकी शुरुआत भारत ने की थी. यह हिंद महासागर के देशों की 25 नौसेनाओं को एक साथ लाता है. इस मंच का उद्देश्य अवैध तस्करी, अवैध मछली पकड़ने, समुद्र में खोज- बचाव और प्रदूषण सहित कई समुद्री मुद्दों से निपटने में सामूहिक प्रभावशीलता को बढ़ाना है. बयान के अनुसार फ्रांस ने 2021 से 2023 तक इस मंच की अध्यक्षता संभाली. भारत 1998 से फ्रांस का सबसे प्रमुख रणनीतिक साझेदार रहा है.