गुवाहाटी: पूर्व टीएमसी प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा कांग्रेस में वापसी करेंगे. 1 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व टीएमसी प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा कल यानी की 8 सितंबर को फिर से कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे. वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जितेंद्र सिंह की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल होंगे. पूर्व एपीसीसी अध्यक्ष रिपुन बोरा राज्यसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
रिपुन बोरा रविवार को चराइदेव के मथुरापुर में आयोजित एक समारोह में आधिकारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल होंगे. बोरा ने शनिवार शाम ईटीवी भारत से कहा कि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके फिर से शामिल होने को मंजूरी दे दी है.
रिपुन बोरा ने तृणमूल कांग्रेस क्यों छोड़ी?
तृणमूल कांग्रेस छोड़ने पर अपनी तत्काल प्रतिक्रिया में रिपुन बोरा ने यह नहीं बताया कि वह किस पार्टी में शामिल होंगे लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि वह कांग्रेस पार्टी में वापस आएंगे. 1 सितंबर को टीएमसी से इस्तीफा देने के बाद रिपुन बोरा ने कहा, "मुझे उम्मीद थी कि पश्चिम बंगाल की तरह असम में भी भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक मंच तैयार किया जाएगा. मैं इसी सपने के साथ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुआ था, लेकिन पिछले ढाई साल में मैं असम में तृणमूल कांग्रेस को संगठित करने गया और देखा कि असम के लोग तृणमूल कांग्रेस को स्वीकार नहीं करते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि असम के लोग सोचते हैं कि यह बंगाल की एक क्षेत्रीय पार्टी है."
बोरा ने आगे सवाल करते हुए कहा कि, असम के लोग बंगाल की एक क्षेत्रीय पार्टी को क्यों स्वीकार करेंगे?... हमने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं समझे. इसलिए हमने फैसला किया कि अगर लोग इसे स्वीकार नहीं करते हैं, तो हम अपना मुख्य लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे. अगर लोग इसे स्वीकार नहीं करते हैं तो मैं भाजपा का विरोध कैसे कर सकता हूं? यह समय और ऊर्जा की बर्बादी होगी. मैंने बहुत सोचने के बाद पार्टी छोड़ी है." रिपुन बोरा ने यह भी बताया, "कांग्रेस मेरा पुराना घर है, इसलिए मुझे वापस जाने में कोई आपत्ति नहीं है.
2022 में सोनिया गांधी को लिखे पत्र में क्या था?
आखिरकार तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के सात दिन बाद रिपुन बोरा ने कांग्रेस में शामिल होने की पुष्टि कर दी है. उन्होंने 17 अप्रैल को कांग्रेस छोड़ी थी. इसके बाद उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र भेजकर पार्टी से इस्तीफा देने के कारण बताए थे. उन्होंने राज्यसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी छोड़ने का फैसला किया था. रिपुन बोरा के पास राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त विधायक होने के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने अपनी कांग्रेस पार्टी और तत्कालीन सहयोगी AIUDF पर राज्यसभा चुनाव में धोखा देने का आरोप लगाया था. उस समय राजनीतिक गलियारों में इस बात की खूब चर्चा थी कि रिपुन बोरा की जगह APCC अध्यक्ष बने भूपेन बोरा की उनसे लंबे समय से राजनीतिक दुश्मनी थी. रिपुन बोरा ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दो पन्नों का इस्तीफा भेजा और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.
पूर्व राज्यसभा सांसद, पूर्व APCC अध्यक्ष और पूर्व राज्य मंत्री रिपुन बोरा कोलकाता में पार्टी में शामिल हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में रिपुन बोरा असम तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष बने. लेकिन ढाई साल तक पार्टी में रहने के बाद उन्होंने तृणमूल कांग्रेस भी छोड़ दी. आखिरकार रिपुन बोरा अपने पुराने घर लौटेंगे. कल से रिपुन बोरा फिर से कांग्रेसी हो जाएंगे.
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