नई दिल्ली: भारत में उड़ान प्रशिक्षण संगठन (एफटीओ) मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. उद्योग से जुड़े लोगों और एफटीओ प्रमुखों का दावा है कि उड़ान स्कूल विमानन गैसोलीन (एवीजीएएस) की भारी कमी का सामना कर रहे हैं, जिस कारण उन्हें विमानों को खड़ा करना पड़ रहा है.
नाम न जाहिर करने की शर्त पर ईटीवी भारत से बात करते हुए उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि विमानन ईंधन की गंभीर कमी के कारण देश में कुल 300 में से 240-250 प्रशिक्षण विमान अब खड़े हो गए हैं. इससे उड़ान प्रशिक्षण स्कूलों के परिचालन पर असर पड़ा है. ऐसे समय में जब यह मौसम उड़ान के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
एसोसिएशन ऑफ फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (एएफटीओ) के अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि यह गंभीर संकट पिछले तीन-चार हफ्तों से चल रहा है. एफटीओ को ईंधन संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण 240-245 विमान खड़े हो गए हैं.
इसी तरह, जब ईटीवी भारत ने ईंधन संकट के संबंध में एफटीओ से संपर्क करने की कोशिश की, तो बताया गाया कि ईंधन संकट के कारण उनका संचालन काफी प्रभावित हुआ है और इससे प्रशिक्षण लेने वाले छात्रों और एफटीओ के अधिकारी काफी चिंतित हैं, क्योंकि मार्च-मई के बीच की अवधि को उड़ान प्रशिक्षण के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
हैदराबाद स्थित फ्लाईटेक एविएशन अकादमी की सीईओ कैप्टन ममता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से हम ईंधन का आयात कर रहे हैं. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) कंपनी भी विमानन गैसोलीन का आयात कर रही है और बाद में हमें आपूर्ति करती है. लेकिन दो साल पहले घोषणा की गई थी कि आईओसी अब इसे भारत में निर्मित करेगी और हम सभी ने इसका स्वागत किया. हम सभी इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार से खरीदने के बजाय आईओसी से खरीदना चाहते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 185-190 रुपये प्रति लीटर है, जबकि आईओसी नवंबर 2022 से इसे स्थानीय स्तर पर निर्मित करने के बावजूद वही ईंधन हमें 230-245 रुपये प्रति लीटर की दर से बेच रही है. यह हमारे लिए बहुत निराशाजनक है, ऐसा लगता है कि आईओसी हमें नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल निर्यात कर रही है. उन्होंने कहा कि हर चीज को मुनाफा कमाने के उद्देश्य नहीं देखा जाना चाहिए.
अलकेमिस्ट एविएशन के दो विमान खड़े
झारखंड के जमशेदपुर में स्थित अलकेमिस्ट एविएशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से ईंधन संकट चल रहा है. देश भर के सभी एफटीओ इससे प्रभावित हुए हैं. हमारे पास कुल पांच विमान हैं, जिनमें से दो खड़े हो चुके हैं. आने वाले दिनों में ईंधन का भंडार खत्म होने पर बाकी विमान भी खड़े हो जाएंगे. इसी तरह, उत्तर प्रदेश स्थित एंबिशन फ्लाइंग क्लब के एक अधिकारी ने बताया कि ईंधन की कमी गंभीर संकट है. यह पिछले कुछ हफ्तों से जारी है और हम भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इस संकट के कारण भारत में सभी उड़ान प्रशिक्षण स्कूलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
जल्द मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा...
आईओसी के शीर्ष अधिकारियों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि कुछ मुद्दे हैं, जिसे जल्द सुलझा लिया जाएगा. यह सिर्फ अस्थायी समस्या है और अगले कुछ दिनों में सभी चीजें सुलझा ली जाएंगी. परेशानी की कोई बात नहीं. इधर, विमानन नियामक डीजीसीए ने इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है.
आपको बता दें, सितंबर 2022 में आईओसी ने उड़ान प्रशिक्षण स्कूलों को ईंधन आपूर्ति की समस्याओं को दूर करने के लिए विमानन गैसोलीन AVGAS 100LL का उत्पादन शुरू किया. 2022 से, आईओसी उड़ान प्रशिक्षण संगठनों को गैसोलीन की आपूर्ति कर रहा है. भले ही आईओसी के गैसोलीन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार से अधिक है, लेकिन इसकी निरंतर आपूर्ति से देश में उड़ान प्रशिक्षण में कोई बाधा नहीं आई है.
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