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बिना आधार कार्ड बिहार के इस गांव में गए तो खैर नहीं.. पड़ जाएंगे लाठी-डंडे, जानिए वजह - Need Aadhar card for village entry - NEED AADHAR CARD FOR VILLAGE ENTRY

Bihar Sundara village: बिहार का एक गांव इन दिनों काफी चर्चा में है. ग्रामीणों ने कुछ नियम कानून बनाए हैं. जब गांव में कोई अनजान शख्स आएगा तो उसे इस नियम का पालन करना होगा. लाठी-डंडों से लैस ग्रामीण रात को गांव की सीमा पर पहरा देते हैं. इस दौरान किसी भी अनजान व्यक्ति को गांव में घुसने से पहले अपना आधार कार्ड दिखाना होगा. जानें पूरा मामला.

NEED AADHAR CARD FOR VILLAGE ENTRY
बिना आधार कार्ड गांव में नो एंट्री (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 12, 2024, 1:02 PM IST

गांव में एंट्री के लिए आधार कार्ड जरूरी (Etv Bharat)

नवादा: बिहार के नवादा में एक गांव ऐसा है, जहां बिना आधार कार्ड दिखाए गांव में एंट्री नहीं की जा सकती है. यह कोई तुगलकी फरमान या कोई सरकारी आदेश नहीं है, बल्कि चोरी की लगातार घटना से परेशान ग्रामीणों ने फरमान जारी किया गया है. बता दें कि नवादा जिले के रोह प्रखंड अंतर्गत यह सुंदरा गांव है, जहां चोरी की घटना से भयभीत ग्रामीणों ने अब सुरक्षा की कमान खुद संभाल ली है.

NEED AADHAR CARD FOR VILLAGE ENTRY
बिना आधार कार्ड गांव में नो एंट्री (Etv Bharat)

बिना आधार कार्ड गांव में नो एंट्री: यहां प्रतिदिन रात में ग्रामीण सामूहिक रूप से न केवल पहरा दे रहे हैं,बल्कि देर रात गांव में प्रवेश करने वाले अनजान व्यक्ति का सबसे पहले वे आधार कार्ड देखते हैं. जब सारी जानकारी सही पाते हैं, इसके बाद ही गांव में घुसने देते हैं. स्थानीय गौतम कुमार ने बताया कि गांव के बसंत कुमार के घर 3 सितंबर की रात चोरी होने के बाद ग्रामीणों द्वारा बैठक की गई. गांव की सुरक्षा के लिए टीम बनाई गई.

"इसमें हर घर से एक व्यक्ति को शामिल किया गया है,जो रतजगा कर गांव में पहरा देंगे. इसके लिए सात दिनों के लिए कुल सात टीम बनाई गई है. ग्रामीण लाठी-डंडे, मोबाइल और टार्च से लैस हैं. इनके द्वारा गांव के गली, मोहल्ले, चौराहे, खलिहान में गश्त जारी है. अपरिचित और बाहरी लोगों की पहचान की पुष्टि होने पर ही उन्हें गांव में घुसने दिया जाता है."- गौतम कुमार, ग्रामीण, सुंदरा गांव

NEED AADHAR CARD FOR VILLAGE ENTRY
ईटीवी भारत GFX (Etv Bharat)

लाठी-डंडा से लैस होकर ग्रामीण देते हैं पहरा: ग्रामीण विकास कुमार, अरविंद कुमार, पप्पू , संजय कुमार, विवेक कुमार, किशोरी लाल, राकेश कुमार, मुन्नी प्रसाद ने बताया कि चोरी की घटना से परेशान होकर उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा. इधर, मरूई पंचायत की मानपुर, जागीर और राजा विगहा में भी ग्रामीणों द्वारा रात में पहरा दिया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि रविवार की रात्रि में संदिग्ध लोगों को घूमते देखा गया, जिसके बाद से ग्रामीणों ने टीम बनाकर रात में पहरा देना शुरू किया.

"गांव में चोरी घटना से हम सभी बहुत परेशान हैं. इससे बचाव के लिए ऐतिहातन हमने एक टीम बनायी है. यह टीम लाठी डंडा लेकर गांव की सीमा पर रात को पहरा दे रही है. अनजान व्यक्ति की एंट्री के पहले हमलोग अच्छे से छानबीन करते हैं."- विकास कुमार, ग्रामीण, सुंदरा गांव

"गांव में अगर कोई अनजान शख्स आता है तो हम उसे आधार कार्ड दिखाने बोलते हैं. जब तक हमें आधार कार्ड नहीं दिखाता है, हम उसे एंट्री नहीं देते हैं."- अरविंद कुमार,ग्रामीण, सुंदरा गांव

एक सप्ताह के अंदर चोरी की तीन घटनाएं: उल्लेखनीय है कि रोह थाना क्षेत्र के सुंदरा गांव में एक घर से 3 सितंबर की रात अपराधियों ने लाखों के जेवरात व नगद रुपए चुरा लिए थे. इस घटना के तीसरे दिन 6 सितंबर की रात चोरों ने तापुर में एक और रतोई गांव में तीन घरों से लाखों के जेवरात, नगदी और सामानों पर हाथ साफ कर दिया था. एक सप्ताह के अंदर चोरी की तीन घटनाओं से ग्रामीणों में भय का वातावरण बन गया. हालांकि पुलिस उपरोक्त घटनाओं में शामिल अपराधियों की तलाश में जुटी हुई है. फिर भी ग्रामीण सुरक्षा के दृष्टिकोण से रात में स्वयं पहरेदारी का जिम्मा उठाया है.

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गांव में एंट्री के लिए आधार कार्ड जरूरी (Etv Bharat)

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बिना आधार कार्ड गांव में नो एंट्री (Etv Bharat)

बिना आधार कार्ड गांव में नो एंट्री: यहां प्रतिदिन रात में ग्रामीण सामूहिक रूप से न केवल पहरा दे रहे हैं,बल्कि देर रात गांव में प्रवेश करने वाले अनजान व्यक्ति का सबसे पहले वे आधार कार्ड देखते हैं. जब सारी जानकारी सही पाते हैं, इसके बाद ही गांव में घुसने देते हैं. स्थानीय गौतम कुमार ने बताया कि गांव के बसंत कुमार के घर 3 सितंबर की रात चोरी होने के बाद ग्रामीणों द्वारा बैठक की गई. गांव की सुरक्षा के लिए टीम बनाई गई.

"इसमें हर घर से एक व्यक्ति को शामिल किया गया है,जो रतजगा कर गांव में पहरा देंगे. इसके लिए सात दिनों के लिए कुल सात टीम बनाई गई है. ग्रामीण लाठी-डंडे, मोबाइल और टार्च से लैस हैं. इनके द्वारा गांव के गली, मोहल्ले, चौराहे, खलिहान में गश्त जारी है. अपरिचित और बाहरी लोगों की पहचान की पुष्टि होने पर ही उन्हें गांव में घुसने दिया जाता है."- गौतम कुमार, ग्रामीण, सुंदरा गांव

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लाठी-डंडा से लैस होकर ग्रामीण देते हैं पहरा: ग्रामीण विकास कुमार, अरविंद कुमार, पप्पू , संजय कुमार, विवेक कुमार, किशोरी लाल, राकेश कुमार, मुन्नी प्रसाद ने बताया कि चोरी की घटना से परेशान होकर उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा. इधर, मरूई पंचायत की मानपुर, जागीर और राजा विगहा में भी ग्रामीणों द्वारा रात में पहरा दिया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि रविवार की रात्रि में संदिग्ध लोगों को घूमते देखा गया, जिसके बाद से ग्रामीणों ने टीम बनाकर रात में पहरा देना शुरू किया.

"गांव में चोरी घटना से हम सभी बहुत परेशान हैं. इससे बचाव के लिए ऐतिहातन हमने एक टीम बनायी है. यह टीम लाठी डंडा लेकर गांव की सीमा पर रात को पहरा दे रही है. अनजान व्यक्ति की एंट्री के पहले हमलोग अच्छे से छानबीन करते हैं."- विकास कुमार, ग्रामीण, सुंदरा गांव

"गांव में अगर कोई अनजान शख्स आता है तो हम उसे आधार कार्ड दिखाने बोलते हैं. जब तक हमें आधार कार्ड नहीं दिखाता है, हम उसे एंट्री नहीं देते हैं."- अरविंद कुमार,ग्रामीण, सुंदरा गांव

एक सप्ताह के अंदर चोरी की तीन घटनाएं: उल्लेखनीय है कि रोह थाना क्षेत्र के सुंदरा गांव में एक घर से 3 सितंबर की रात अपराधियों ने लाखों के जेवरात व नगद रुपए चुरा लिए थे. इस घटना के तीसरे दिन 6 सितंबर की रात चोरों ने तापुर में एक और रतोई गांव में तीन घरों से लाखों के जेवरात, नगदी और सामानों पर हाथ साफ कर दिया था. एक सप्ताह के अंदर चोरी की तीन घटनाओं से ग्रामीणों में भय का वातावरण बन गया. हालांकि पुलिस उपरोक्त घटनाओं में शामिल अपराधियों की तलाश में जुटी हुई है. फिर भी ग्रामीण सुरक्षा के दृष्टिकोण से रात में स्वयं पहरेदारी का जिम्मा उठाया है.

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