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पांच करोड़ की जमीन बेचने के लिए आरोपी ने किया 'धर्मांतरण', सिर चकरा देगा फर्जीवाड़े का ये तरीका - land fraud case Dehradun - LAND FRAUD CASE DEHRADUN

देहरादून पुलिस ने 5 करोड़ की जमीन फर्जीवाड़े के मामले में यूपी के सहारनपुर जिले से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसमें इस फर्जीवाड़े के लिए 'धर्मांतरण' किया.

dehradun
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 20, 2024, 9:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में जमीनों की खरीद-फरोख्त के नाम पर फर्जीवाड़े के मामले लगातार सामने आ रहे है. एक ऐसा ही नया मामला राजधानी देहरादून से सामने आया है, जहां जमीन का फर्जी मालिक बनने के लिए आरोपी ने दस्तावेजों में अपना धर्म तक बदल लिया. पुलिस ने आरोपी को यूपी से सहारनपुर जिले से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को असली नाम प्रमोद गुज्जर है, जिसने दस्तावेजों में अपना नाम अरशद कय्यूम दिखाया है. आरोपी के अन्य साथी भी पुलिस की रडार पर है, जिन्हें पुलिस ने जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा किया है.

राकेश बत्ता ने दर्ज कराई थी शिकायत: पुलिस ने बताया कि दस जून को महंत रोड लक्ष्मण चौक निवासी राकेश बत्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी. अपनी शिकायत में राकेश बत्ता ने बताया था कि गिरीश कोटियाल, दिनेश कुमार अग्रवाल (वरिष्ठ आर्किटेक्ट) और राजीव कुमार नाम के व्यक्ति ने उन्हें राजपुर रोड पर प्लॉट दिखाया था, जिसकी कीमत करीब पांच करोड़ रुपए थी.

85 लाख रुपए दिए नगद: आरोप है कि तीनों ने इस प्लॉट को अरशद कय्यूम का बताया था, जो उनका जानने वाला था. तीनों ने राकेश बत्ता की मुलाकात भी अरशद क्य्यूम से कराई. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पीड़ित को धोखा देकर एग्रीमेंट भी बनवा लिया. पीड़ित ने 55 लाख रुपए अरशद कय्यूम बैंक खाते में और 25 लाख रुपए नकद दिए. इसके अलावा दो-दो करोड़ के चेक भी दिया.

प्लॉट पर कब्जा लेने गए तो हुई असली मालिक से मुलाकात: आरोप है कि जब राकेश बत्ता अपने प्लॉट पर कब्जा करने पहुंचे तो वहां अरशद कय्यूम नाम का व्यक्ति मिला, जिसने पेपर दिखाते हुए उस प्रॉपर्टी को अपना बताया. इसके बाद राकेश बत्ता को अपने साथ ही धोखाधड़ी का पता चला. राकेश बत्ता ने 11 जून को साक्ष्यों के साथ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों गिरीश कोठियाल, दिनेश अग्रवाल और राजीव कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि प्रमोद कुमार ने फर्जी अरशद कय्यूम बनकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर पीड़ित राकेश बत्ता से एग्रीमेंट कर 80 लाख रुपये नगद और बैंक खातों में दो करोड के दो चैक लिए थे. जिसमे से शेष पैसा रजिस्ट्री के दिन देना तय हुआ था.

पुलिस ने चौथे आरोपी प्रमोद कुमार निवासी अनुराग विहार थाना सदर बाजार जनपद सहारनपुर को गिरफ्तार किया. आरोपी बापूजी नगर सहारनपुर में ही किराए पर रहता था. वर्तमान में अनुराग विहार सहारनपुर में उसका अपना मकान है, जहां उसकी दूध की डेयरी है. डेयरी पर उसका संपर्क लक्ष्य चौधरी से हुआ था.

लक्ष्य चौधरी निकला मास्टरमाइंड: लक्ष्य चौधरी ने प्रमोद को बताया था कि देहरादून एक जमीन है, जिसे उसके मालिक ने साल 2001 में खरीदा, लेकिन अब उसके मालिक की मौत हो चुकी है. भूमि को किसी अन्य को बेचने के लिये उसे दो से तीन जगहों पर हस्ताक्षर करने हैं, जिसके एवज में उसे अच्छी धनराशि दी जायेगी. इसी लालच में आकर प्रमोद कुमार ने हामी भर दी.

ऐसे किया गया खेल: इसके बाद लक्ष्य चौधरी फरवरी 2024 में प्रमोद को हरिद्वार ले गया, जहां प्रमोद की मुलाकात मोहमद वसीम, ईनाम अहमद और शादाब अहमद से उसकी मुलाकात करवाई गई. जिन्होंने प्रमोद को बताया कि देहरादून में एक जमीन है, जिसका मालिक अरशद कय्यूम था, जिसकी मौत हो चुकी है, उसके आगे-पीछे कोई नहीं है.

व्यक्तियों ने प्रमोद कुमार से उसका पैन कार्ड लेते हुए उसमें आरोपी का नाम बदलकर अरशद कय्यूम करवाया और उसे लेकर देहरादून आए, जहां उसकी मुलाकात कचहरी में दिनेश अग्रवाल, गिरीश कोटियाल और राजीव कुमार से हुई. यहां प्रमोद को बताया गया है कि अरशद कय्यूम नाम का व्यक्ति जो भदोई उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, उसकी सहस्त्रधारा रोड पर तीन बीघा प्रापर्टी है, जिसकी कीमत लगभग पांच करोड रुपए है. जमीन के मालिक अरशद कय्यूम की मृत्यू हो चुकी है और उनके प्रापर्टी के कागजता तैयार कर लिए गए हैं.

प्रमोद को केवल अरशद कय्यूम बनकर एक व्यक्ति से एग्रीमेंट करना है और उसके एवज में जो भी पैसे मिलेंगे उसमें से आरोपी को उसकी हिस्सेदारी दे दी जायेगी, जिस पर प्रमोद ने फर्जी कागजातों पर हस्ताक्षर कर दिये गये. थाना राजपुर प्रभारी पीड़ी भट्ट ने बताया कि आरोपी से पूछताछ के आधार पर मुकदमे में कुछ अन्य व्यक्तियों के नाम सामने में आये हैं, जिनकी तलाश के लिए टीमों को सम्भावित स्थानों पर रवाना किया गया है.

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देहरादून: उत्तराखंड में जमीनों की खरीद-फरोख्त के नाम पर फर्जीवाड़े के मामले लगातार सामने आ रहे है. एक ऐसा ही नया मामला राजधानी देहरादून से सामने आया है, जहां जमीन का फर्जी मालिक बनने के लिए आरोपी ने दस्तावेजों में अपना धर्म तक बदल लिया. पुलिस ने आरोपी को यूपी से सहारनपुर जिले से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को असली नाम प्रमोद गुज्जर है, जिसने दस्तावेजों में अपना नाम अरशद कय्यूम दिखाया है. आरोपी के अन्य साथी भी पुलिस की रडार पर है, जिन्हें पुलिस ने जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा किया है.

राकेश बत्ता ने दर्ज कराई थी शिकायत: पुलिस ने बताया कि दस जून को महंत रोड लक्ष्मण चौक निवासी राकेश बत्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी. अपनी शिकायत में राकेश बत्ता ने बताया था कि गिरीश कोटियाल, दिनेश कुमार अग्रवाल (वरिष्ठ आर्किटेक्ट) और राजीव कुमार नाम के व्यक्ति ने उन्हें राजपुर रोड पर प्लॉट दिखाया था, जिसकी कीमत करीब पांच करोड़ रुपए थी.

85 लाख रुपए दिए नगद: आरोप है कि तीनों ने इस प्लॉट को अरशद कय्यूम का बताया था, जो उनका जानने वाला था. तीनों ने राकेश बत्ता की मुलाकात भी अरशद क्य्यूम से कराई. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पीड़ित को धोखा देकर एग्रीमेंट भी बनवा लिया. पीड़ित ने 55 लाख रुपए अरशद कय्यूम बैंक खाते में और 25 लाख रुपए नकद दिए. इसके अलावा दो-दो करोड़ के चेक भी दिया.

प्लॉट पर कब्जा लेने गए तो हुई असली मालिक से मुलाकात: आरोप है कि जब राकेश बत्ता अपने प्लॉट पर कब्जा करने पहुंचे तो वहां अरशद कय्यूम नाम का व्यक्ति मिला, जिसने पेपर दिखाते हुए उस प्रॉपर्टी को अपना बताया. इसके बाद राकेश बत्ता को अपने साथ ही धोखाधड़ी का पता चला. राकेश बत्ता ने 11 जून को साक्ष्यों के साथ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों गिरीश कोठियाल, दिनेश अग्रवाल और राजीव कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि प्रमोद कुमार ने फर्जी अरशद कय्यूम बनकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर पीड़ित राकेश बत्ता से एग्रीमेंट कर 80 लाख रुपये नगद और बैंक खातों में दो करोड के दो चैक लिए थे. जिसमे से शेष पैसा रजिस्ट्री के दिन देना तय हुआ था.

पुलिस ने चौथे आरोपी प्रमोद कुमार निवासी अनुराग विहार थाना सदर बाजार जनपद सहारनपुर को गिरफ्तार किया. आरोपी बापूजी नगर सहारनपुर में ही किराए पर रहता था. वर्तमान में अनुराग विहार सहारनपुर में उसका अपना मकान है, जहां उसकी दूध की डेयरी है. डेयरी पर उसका संपर्क लक्ष्य चौधरी से हुआ था.

लक्ष्य चौधरी निकला मास्टरमाइंड: लक्ष्य चौधरी ने प्रमोद को बताया था कि देहरादून एक जमीन है, जिसे उसके मालिक ने साल 2001 में खरीदा, लेकिन अब उसके मालिक की मौत हो चुकी है. भूमि को किसी अन्य को बेचने के लिये उसे दो से तीन जगहों पर हस्ताक्षर करने हैं, जिसके एवज में उसे अच्छी धनराशि दी जायेगी. इसी लालच में आकर प्रमोद कुमार ने हामी भर दी.

ऐसे किया गया खेल: इसके बाद लक्ष्य चौधरी फरवरी 2024 में प्रमोद को हरिद्वार ले गया, जहां प्रमोद की मुलाकात मोहमद वसीम, ईनाम अहमद और शादाब अहमद से उसकी मुलाकात करवाई गई. जिन्होंने प्रमोद को बताया कि देहरादून में एक जमीन है, जिसका मालिक अरशद कय्यूम था, जिसकी मौत हो चुकी है, उसके आगे-पीछे कोई नहीं है.

व्यक्तियों ने प्रमोद कुमार से उसका पैन कार्ड लेते हुए उसमें आरोपी का नाम बदलकर अरशद कय्यूम करवाया और उसे लेकर देहरादून आए, जहां उसकी मुलाकात कचहरी में दिनेश अग्रवाल, गिरीश कोटियाल और राजीव कुमार से हुई. यहां प्रमोद को बताया गया है कि अरशद कय्यूम नाम का व्यक्ति जो भदोई उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, उसकी सहस्त्रधारा रोड पर तीन बीघा प्रापर्टी है, जिसकी कीमत लगभग पांच करोड रुपए है. जमीन के मालिक अरशद कय्यूम की मृत्यू हो चुकी है और उनके प्रापर्टी के कागजता तैयार कर लिए गए हैं.

प्रमोद को केवल अरशद कय्यूम बनकर एक व्यक्ति से एग्रीमेंट करना है और उसके एवज में जो भी पैसे मिलेंगे उसमें से आरोपी को उसकी हिस्सेदारी दे दी जायेगी, जिस पर प्रमोद ने फर्जी कागजातों पर हस्ताक्षर कर दिये गये. थाना राजपुर प्रभारी पीड़ी भट्ट ने बताया कि आरोपी से पूछताछ के आधार पर मुकदमे में कुछ अन्य व्यक्तियों के नाम सामने में आये हैं, जिनकी तलाश के लिए टीमों को सम्भावित स्थानों पर रवाना किया गया है.

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