पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला लगातार उलझता जा रहा है. सबसे ज्यादा विवाद अभी पूर्णिया सीट को लेकर चल रहा है. कांग्रेस के सिंबल पर पप्पू यादव पूर्णिया से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं, वहीं राजद की तरफ से बीमा भारती को पूर्णिया से चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है. इसी बात को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच लगातार मतभेद बढ़ता जा रहा है.
पप्पू यादव सीमांचल के बड़े नेताः दरअसल पप्पू यादव की गिनती कोसी और सीमांचल क्षेत्र के बड़े नेताओं में होती है. वह एक बार विधायक और पांच बार सांसद रह चुके हैं. 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर पप्पू यादव पूरे सीमांचल और कोसी क्षेत्र में यात्रा पर निकले थे, खासकर पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में उन्होंने प्रणाम पूर्णिया यात्रा निकली थी. पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने को लेकर ही पप्पू यादव ने बीते 20 मार्च को अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया था.
क्यों बढ़ा पूर्णिया सीट पर विवादः कांग्रेस पार्टी में अपनी पार्टी का विलय करने से पहले पप्पू यादव आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से 19 मार्च की रात को राबड़ी देवी के आवास पर मुलाकात की थी. इसके बाद से ही कयास लगाया जा रहा था कि पप्पू यादव पूर्णिया सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अचानक 23 मार्च की रात को रुपौली विधानसभा से जेडीयू विधायक बीमा भारती ने पार्टी छोड़ते हुए राजद की सदस्यता ली और यह चर्चा शुरू हो गई की बीमा भारती पूर्णिया से राजद की प्रत्याशी होगीं. इसके बाद से ही इस सीट को लेकर विवाद शुरू हो गया.
जेडीयू छोड़ आरजेडी में आईं बीमा: पूर्णिया के रुपौली विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू की विधायक हैं बीमा भारती. उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत वर्ष 2000 से शुरू हुई. 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह रुपौली विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक चुनी गई थीं. इसके बाद वह राजद में शामिल हो गई थीं. 2005 में वह जदयू में शामिल हो गईं, लेकिन उसी वर्ष विधानसभा चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा गठन नहीं होने के कारण फिर से चुनाव हुआ और वह जदयू की टिकट पर विधायक चुनी गईं. तब से लगातार वह बिहार विधानसभा की सदस्य हैं, उनके पति अवधेश मंडल की गिनती वहां के दबंग लोगों में की जाती है. नीतीश कुमार की सरकार में उनको दो बार मंत्री बनाया गया था.
पप्पू ने पूर्णिया सीट पर क्या कहा: बीमा भारती के पूर्णिया से चुनाव लड़ने की चर्चा के बाद पप्पू यादव ने भी ऐलान कर दिया कि वो पूर्णिया से ही चुनाव लड़ेंगे चाहे जो हो. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पप्पू यादव ने पोस्ट किया कि "मर जाएंगे लेकिन कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे दुनिया छोड़ देंगे लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे" इसके बाद लगातार पप्पू यादव पूर्णिया से चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं.
जवाब में क्या बोलीं बीमा भारती ?: रूपाली विधायक बीमा भारती भी अब खुलकर कहने लगी हैं कि वह राजद के सिंबल पर पूर्णिया से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी. ईटीवी भारत से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि "राजद की तरफ से हमको सिंबल दिया जा चुका है और हम पूर्णिया से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. पूर्णिया से हर हाल में चुनाव लड़ेगें".
'जरूरत से ज्यादा सीट मांग रही है कांग्रेस': वहीं आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जरूरत से ज्यादा सीट मांग रही है. महागठबंधन में सबसे मजबूत जनाधार आरजेडी का है. उसी की ताकत के बदौलत महागठबंधन को यहां से निकलना है. माले को लेकर शिवानंद तिवारी ने कहा कि माले के साथ जमीन से जुड़े हुए वर्कर साथ हैं. कांग्रेस को अपनी ताकत के अनुसार सीट का डिमांड करना चाहिए.
"लालू यादव अभी दिल्ली गए हुए हैं और वहां पर बड़े नेताओं के बीच बातचीत होगी और इसका समाधान निकलेगा. महागठबंधन है रहेगा और मजबूती के साथ लोकसभा का चुनाव लड़ेगा"- शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आरजेडी
राजनीतिक विश्लेषक का क्या है कहना?: राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का कहना है कि पिछली लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. एक सीट पर कांग्रेस की किशनगंज में जीत हुई थी. कांग्रेस के अलावा महागठबंधन के अन्य घटक दलों के पास इतनी सीट रहने के बावजूद यह लोग एक भी सीट नहीं जीत पाए थे तो क्या कांग्रेस का कद इतना छोटा हो गया है कि उनको सीट तय करने का भी अधिकार नहीं है. ऐसी स्थिति पर यदि राजद कांग्रेस को दोराहे पर लाकर के खड़ी कर देती है तो दोस्ताना संघर्ष से इनकार नहीं किया जा सकता. अगर गठबंधन धर्म का पालन आरजेडी नहीं करती है तो एक सीमा तक ही कांग्रेस भी गठबंधन धर्म का पालन करेगी.
"अगर दोस्ताना संघर्ष होगा तो लड़ाई आमने-सामने की न होकर त्रिकोणात्मक हो जाएगी और उस चुनाव का फायदा किसको होगा वह सबको पता है. पूर्णिया सीट को लेकर पप्पू यादव लालू यादव से मिलने के बाद ही कांग्रेस मुख्यालय में जाकर कांग्रेस की सदस्यता लिए थे, लेकिन बीमा भारती जदयू छोड़कर आरजेडी में शामिल हुई और उनको पूर्णिया से चुनाव लड़ने की बात हो रही है तो यह गठबंधन धर्म का पालन होता हुआ नहीं दिख रहा है"- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
पूर्णिया सीट पर महागठबंधन में घमासानः पूर्णिया लोकसभा सीट महागठबंधन के लिए सबसे पेचीदा सीट बन गई है. एक तरफ कांग्रेस के पप्पू यादव जिनकी उस इलाके में अपनी भी छवि है. दूसरी तरफ आरजेडी जिसकी कैंडिडेट बीमा भारती हैं. अब यह मामला आलाकमान स्तर पर ही निपट सकता है, लालू प्रसाद यादव पूरे परिवार के साथ अभी दिल्ली में है. उनकी कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात की भी चर्चा है. अब देखना होगा कि पूर्णिया सीट के विवाद को यह लोग कैसे सुलझाते हैं.
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