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कमेटी के बाद वृहद भू कानून, विधानसभा सत्र में लैंड लॉ का वादा, जानिये क्या है धामी सरकार की योजना - Uttarakhand Bhu Kanoon

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 40 minutes ago

Uttarakhand Bhu Kanoon, Pushkar Singh Dhami on land law भू कानून को लेकर सीएम धामी ने बड़ी घोषणा की है. सीएम धामी ने कहा अगले विधानसभा सत्र में वृहद भू कानून लाया जाएगा. इसे लेकर कोशिशें की जा रही हैं.

UTTARAKHAND BHU KANOON
भू कानून पर बड़ी खबर (ETV BHARAT)

देहरादून: भू कानून की मांग को लेकर उत्तराखंड में आंदोलन हो रहे हैं. लगातार प्रदेश के युवा भू कानून की मांग को लेकर धामी सरकार को भी घेर रहे थे. जिसके बाद आज सीएम धामी ने भू कानून को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम धामी ने भू कानून को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी दी. सीएम धामी ने कहा अगले विधानसभा सत्र में उनकी सरकार वृहद भू कानून लाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया इसे लेकर पहले से ही कमेटी काम कर रही है. अगले विधानसभा सत्र तक इसके बिंदुओं पर विस्तार से अध्ययन होगा.

सीएम धामी ने भू कानून को लेकर बोलते हुए कहा उनकी सरकार भू कानून, मूल निवास जैसे मुद्दों को लेकर गंभीर है. उन्होंने कहा इन मुद्दों को लेकर हमेशा ही संवेदनशील रही है. सीएम धामी ने कहा अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगौलिक परिस्थितियों के अनुरुप वृहद भू कानून लाने के लिए उनकी सरकार प्रयासरत है. सीएम धामी ने कहा भू कानून को लेकर पहले ही एक कमेटी गठित की जा चुकी है. ये कमेठी भू कानून को लेकर अध्यन कर रही है. उन्होंने कहा उनकी सरकार भू कानून के मुद्दे का समाधान करेगी. सीएम धामी ने कहा उत्तराखंड की भावनाओं के अनुरुप भू कानून बनाया जाएगा. इसके लिए सभी पक्षों से बात की जाएगी. विशेषज्ञों की राय ली जाएगी.

भू कानून पर बड़ी खबर (ETV BHARAT)

भू कानून को लेकर बोलते हुए सीएम धामी ने कहा बजट सत्र तक इस पर काम होगा. उनकी सरकार की कोशिश होगी कि बजट सत्र तक इस पर काम पूरा कर लिया जाये. सीएम धामी ने कहा कमेटी इस पर काम कर रही है. जल्द ही इस बड़ा बड़ा फैसला हो जाएगा.

क्या है धामी सरकार की योजना: बीते कुछ सालों से प्रदेश में भू कानून की मांग ने जोर पकड़ा है. जिसके बाद इसे लेकर कई आंदोलन हुये हैं. धामी सरकार ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए भू कानून के लिए कमेटी का गठन किया. इससे धामी सरकार ने भू कानून के मुद्दे पर गंभीरता का संदेश दिया. इस कमेटी के गठित होने के बाद आंदोलकारियों ने भी राहत की सांस ली. अब इस कमेटी को बने एक डेढ़ साल से ज्यादा हो गया है. ऐसे में अब धामी सरकार ने वृहद भू कानून की बात कही है. साथ ही इसे अगले सत्र में पेश करने की कोशिश की बात कही है. इसके लिए कमेटी को वृहद अध्यन के निर्देश दिये गये हैं. अब सीएम धामी की इस घोषणा के बाद एक बार फिर तेज हो चुके भू कानून आंदोलन पर फर्क पड़ सकता है.

जोर पकड़ती भू कानून की मांग: उत्तराखंड में बड़े समय से सशक्त भू कानून की मांग हो रही है. 2002 में उत्तराखंड सरकार ने राज्य के भीतर अन्य राज्य के लोगों के लिए सिर्फ 500 वर्ग मीटर की जमीन खरीदने का प्रावधान किया था. इसके बाद 2007 में इसमें संशोधन किया गया. तब इसे 500 वर्ग मीटर से कम कर 250 वर्ग मीटर कर दिया गया. 6 अक्टूबर 2018 में भाजपा की तत्कालीन सरकार ने इसमें फिर से संशोधन किया. जिसके बाद अध्यादेश लाया गया. जिसमें उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियम 1950 में संशोधन कर दो और धाराएं जोड़ी गई. इसमें धारा 143 और धारा 154 के तहत पहाड़ों में भूमि खरीद की अधिकतम सीमा को ही समाप्त किया गया. इसके बाद राज्य के बाहरी या भीतरी लोग कभी भी कितनी भी जमीन खरीद सकती है. इसे राज्य में निवेश को बढ़ाने के लिए लागू किया गया. अब सरकार के इस फैसले का ही विरोध होने लगा है. इसके साथ ही राज्य में मूल निवास 1950 लागू करने की मांग भी की जा रही है.

पढे़ं- भू-कानून पर सीएम धामी का बड़ा ऐलान, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी अहम जानकारी, इन लोगों की बढ़ेगी मुश्किल! - land law in Uttarakhand

पढे़ं-सख्त भू-कानून की मांग को लेकर उत्तराखंड में घमासान, सीएम धामी ने लिया बड़ा फैसला, शुरू हुई सियासत

देहरादून: भू कानून की मांग को लेकर उत्तराखंड में आंदोलन हो रहे हैं. लगातार प्रदेश के युवा भू कानून की मांग को लेकर धामी सरकार को भी घेर रहे थे. जिसके बाद आज सीएम धामी ने भू कानून को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम धामी ने भू कानून को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी दी. सीएम धामी ने कहा अगले विधानसभा सत्र में उनकी सरकार वृहद भू कानून लाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया इसे लेकर पहले से ही कमेटी काम कर रही है. अगले विधानसभा सत्र तक इसके बिंदुओं पर विस्तार से अध्ययन होगा.

सीएम धामी ने भू कानून को लेकर बोलते हुए कहा उनकी सरकार भू कानून, मूल निवास जैसे मुद्दों को लेकर गंभीर है. उन्होंने कहा इन मुद्दों को लेकर हमेशा ही संवेदनशील रही है. सीएम धामी ने कहा अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगौलिक परिस्थितियों के अनुरुप वृहद भू कानून लाने के लिए उनकी सरकार प्रयासरत है. सीएम धामी ने कहा भू कानून को लेकर पहले ही एक कमेटी गठित की जा चुकी है. ये कमेठी भू कानून को लेकर अध्यन कर रही है. उन्होंने कहा उनकी सरकार भू कानून के मुद्दे का समाधान करेगी. सीएम धामी ने कहा उत्तराखंड की भावनाओं के अनुरुप भू कानून बनाया जाएगा. इसके लिए सभी पक्षों से बात की जाएगी. विशेषज्ञों की राय ली जाएगी.

भू कानून पर बड़ी खबर (ETV BHARAT)

भू कानून को लेकर बोलते हुए सीएम धामी ने कहा बजट सत्र तक इस पर काम होगा. उनकी सरकार की कोशिश होगी कि बजट सत्र तक इस पर काम पूरा कर लिया जाये. सीएम धामी ने कहा कमेटी इस पर काम कर रही है. जल्द ही इस बड़ा बड़ा फैसला हो जाएगा.

क्या है धामी सरकार की योजना: बीते कुछ सालों से प्रदेश में भू कानून की मांग ने जोर पकड़ा है. जिसके बाद इसे लेकर कई आंदोलन हुये हैं. धामी सरकार ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए भू कानून के लिए कमेटी का गठन किया. इससे धामी सरकार ने भू कानून के मुद्दे पर गंभीरता का संदेश दिया. इस कमेटी के गठित होने के बाद आंदोलकारियों ने भी राहत की सांस ली. अब इस कमेटी को बने एक डेढ़ साल से ज्यादा हो गया है. ऐसे में अब धामी सरकार ने वृहद भू कानून की बात कही है. साथ ही इसे अगले सत्र में पेश करने की कोशिश की बात कही है. इसके लिए कमेटी को वृहद अध्यन के निर्देश दिये गये हैं. अब सीएम धामी की इस घोषणा के बाद एक बार फिर तेज हो चुके भू कानून आंदोलन पर फर्क पड़ सकता है.

जोर पकड़ती भू कानून की मांग: उत्तराखंड में बड़े समय से सशक्त भू कानून की मांग हो रही है. 2002 में उत्तराखंड सरकार ने राज्य के भीतर अन्य राज्य के लोगों के लिए सिर्फ 500 वर्ग मीटर की जमीन खरीदने का प्रावधान किया था. इसके बाद 2007 में इसमें संशोधन किया गया. तब इसे 500 वर्ग मीटर से कम कर 250 वर्ग मीटर कर दिया गया. 6 अक्टूबर 2018 में भाजपा की तत्कालीन सरकार ने इसमें फिर से संशोधन किया. जिसके बाद अध्यादेश लाया गया. जिसमें उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियम 1950 में संशोधन कर दो और धाराएं जोड़ी गई. इसमें धारा 143 और धारा 154 के तहत पहाड़ों में भूमि खरीद की अधिकतम सीमा को ही समाप्त किया गया. इसके बाद राज्य के बाहरी या भीतरी लोग कभी भी कितनी भी जमीन खरीद सकती है. इसे राज्य में निवेश को बढ़ाने के लिए लागू किया गया. अब सरकार के इस फैसले का ही विरोध होने लगा है. इसके साथ ही राज्य में मूल निवास 1950 लागू करने की मांग भी की जा रही है.

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