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पाताललोक के आदिवासियों की 4 जड़ी बूटी शरीर में भर देती है ताकत, सर्दी गर्मी बारिश में बढ़ाती है इम्यूनिटी - Spice cultivation in Madhya Pradesh

आयुर्वेदिक औषधियों के बाद अब पातालकोट के आदिवासी लौंग, इलायची, काली मिर्च और तेजपत्ता की खेती करने जा रहे हैं. यानी एमपी में अब केरल की तरह मसालों की खेती होगी. इन मसालों की खेती से किसानों की आय पांच गुना तक आय बढ़ेगी, जिसके लिए जिला प्रशासन में किसानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

Spice cultivation in Madhya Pradesh
एमपी में केरल की तरह मसालों की खेती (Etv Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 25, 2024, 6:40 AM IST

Updated : Jun 5, 2024, 8:29 PM IST

छिन्दवाड़ा. अब तक अपनी सुंदरता और जड़ी बूटियां के लिए दुनिया भर में पहचान कायम रखने वाले पातालकोट के आदिवासी अब लौंग, इलायची, काली मिर्च और तेजपत्ता की खेती करने जा रहे हैं. इसके लिए शुरुआती तौर पर जिले के चार विकासखंडों अमरवाड़ा, हर्रई, तामिया और जुन्नारदेव में मॉडल के रूप में काम किया जाएगा. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यहां की क्लाइमेटिक कंडीशन इन मसाला वर्गीय फसलों के उत्पादन के लिए बेहद अनुकूल हैं. किसानों को इन मसालों की खेती कराने और इसके लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जिला पंचायत सभाकक्ष में एक दिन ट्रेनिंग दी गई.

कार्यशाला के बाद जानकारी देते कलेक्टर शीलेंद्र सिंह (ETV BHARAT)

स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया ने दी ट्रेनिंग

आदिवासी ब्लॉक अमरवाड़ा, हर्रई, तामिया और जुन्नारदेव के 39 किसानों को मसाला वर्ग की लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता फसल की खेती पर स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक भरत अर्जुन गुढाडे द्वारा ट्रेनिंग दी गई. इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा पार्थ जैसवाल, कृषि विज्ञान केन्द्र चंदनगांव के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ध्रुव कुमार श्रीवास्तव व रूपेन्द्र झाडे, उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह, उप संचालक उद्यान एम.एल.उईके सहित उद्यानिकी विभाग के अधिकारी मौजूद थे. ट्रेनिंग में इन मसालों के पौधे भी प्रदर्शन के लिए रखे गए. बताया जा रहा है कि इन मसालों की खेती से प्रति हेक्टेयर 50 हजार की लागत पर 3.5 लाख तक का मुनाफा हो सकता है.

Spice cultivation in Madhya Pradesh
छिंदवाड़ा में मसालों की खेती के लिए आयोजित कार्यशाला (ETV BHARAT)

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नवाचार का किसनों को जमकर मिलेगा लाभ

इस अवसर पर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने कहा, '' किसानों के पास जमीन भी ज्यादा होती है और वे मेहनत भी ज्यादा करते हैं. इसके बाद भी व्यापारी ज्यादा फायदा उठाते हैं. यदि किसान भी आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति व प्लानिंग के साथ कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की सलाह से स्मार्ट वर्क करेंगे, जरूरत के अनुसार खेती की पद्धति में बदलाव करेंगे, नवाचारों को अपनाएंगे तो किसान भी अधिक लाभ उठा सकेंगे. किसानों के पास खेती के संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता है. किसानों को हर संभव सहयोग देने के लिए जिला प्रशासन हर कदम पर आपके साथ है. ये मसाले की खेती से आपकी एक्स्ट्रा इंकम होगी, जो आपकी आय पांच गुना तक बढ़ा सकते हैं. उन्होंने किसानों से कहा कि यह प्रदेश का इस तरह का पहला नवाचार है, इसकी सफलता आपकी रुचि, उत्साह, मेहनत और लगन पर निर्भर करेगी.

छिन्दवाड़ा. अब तक अपनी सुंदरता और जड़ी बूटियां के लिए दुनिया भर में पहचान कायम रखने वाले पातालकोट के आदिवासी अब लौंग, इलायची, काली मिर्च और तेजपत्ता की खेती करने जा रहे हैं. इसके लिए शुरुआती तौर पर जिले के चार विकासखंडों अमरवाड़ा, हर्रई, तामिया और जुन्नारदेव में मॉडल के रूप में काम किया जाएगा. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यहां की क्लाइमेटिक कंडीशन इन मसाला वर्गीय फसलों के उत्पादन के लिए बेहद अनुकूल हैं. किसानों को इन मसालों की खेती कराने और इसके लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जिला पंचायत सभाकक्ष में एक दिन ट्रेनिंग दी गई.

कार्यशाला के बाद जानकारी देते कलेक्टर शीलेंद्र सिंह (ETV BHARAT)

स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया ने दी ट्रेनिंग

आदिवासी ब्लॉक अमरवाड़ा, हर्रई, तामिया और जुन्नारदेव के 39 किसानों को मसाला वर्ग की लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता फसल की खेती पर स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक भरत अर्जुन गुढाडे द्वारा ट्रेनिंग दी गई. इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा पार्थ जैसवाल, कृषि विज्ञान केन्द्र चंदनगांव के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ध्रुव कुमार श्रीवास्तव व रूपेन्द्र झाडे, उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह, उप संचालक उद्यान एम.एल.उईके सहित उद्यानिकी विभाग के अधिकारी मौजूद थे. ट्रेनिंग में इन मसालों के पौधे भी प्रदर्शन के लिए रखे गए. बताया जा रहा है कि इन मसालों की खेती से प्रति हेक्टेयर 50 हजार की लागत पर 3.5 लाख तक का मुनाफा हो सकता है.

Spice cultivation in Madhya Pradesh
छिंदवाड़ा में मसालों की खेती के लिए आयोजित कार्यशाला (ETV BHARAT)

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नवाचार का किसनों को जमकर मिलेगा लाभ

इस अवसर पर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने कहा, '' किसानों के पास जमीन भी ज्यादा होती है और वे मेहनत भी ज्यादा करते हैं. इसके बाद भी व्यापारी ज्यादा फायदा उठाते हैं. यदि किसान भी आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति व प्लानिंग के साथ कृषि और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की सलाह से स्मार्ट वर्क करेंगे, जरूरत के अनुसार खेती की पद्धति में बदलाव करेंगे, नवाचारों को अपनाएंगे तो किसान भी अधिक लाभ उठा सकेंगे. किसानों के पास खेती के संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता है. किसानों को हर संभव सहयोग देने के लिए जिला प्रशासन हर कदम पर आपके साथ है. ये मसाले की खेती से आपकी एक्स्ट्रा इंकम होगी, जो आपकी आय पांच गुना तक बढ़ा सकते हैं. उन्होंने किसानों से कहा कि यह प्रदेश का इस तरह का पहला नवाचार है, इसकी सफलता आपकी रुचि, उत्साह, मेहनत और लगन पर निर्भर करेगी.

Last Updated : Jun 5, 2024, 8:29 PM IST
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