देहरादून: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कांग्रेस की आस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए राम मंदिर नहीं अफगानिस्तान में मौजूद बाबर की मस्जिद मजार पर जाना आस्था का विषय है.
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भारत के केंद्रीय मंत्री रहे नटवर सिंह की वन लाइफ नॉट इनफ बुक का रिफरेंस देते हुए गंभीर सवाल खड़े किए हैं. दरअसल कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कांग्रेस को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान दिए गए आमंत्रण पत्र को ठुकराने की प्रतिक्रिया में यह बयान दिया है. आपको बता दें कि हाल ही में ऋषिकेश में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि उनके द्वारा कांग्रेस कमेटी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आने का निमंत्रण दिया गया था, लेकिन उनके द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया और कांग्रेस की तरफ से प्राण प्रतिष्ठा में कोई नहीं पहुंचा था.
इस पूरे वाकए पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कांग्रेस की विचारधारा पर सवाल खड़े करते हुए केंद्रीय मंत्री रहे नटवर सिंह की किताब "वन लाइफ नॉट इनफ" का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व जिसमें 1959 में जवाहरलाल नेहरू, 1968 में इंदिरा गांधी, 1976 में राजीव गांधी और 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ राहुल गांधी, जब पाकिस्तान दौरे पर गए तो उन्होंने वहां पर बाबर की मजार पर जाकर अपना शीश नवाया. सतपाल महाराज ने कहा कि कांग्रेस को बाबर की मजार पर जाना कबूल है, लेकिन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आना उन्होंने नागवार समझा, जो कि कांग्रेस की नीति को दर्शाता है.
सोनिया गांधी ने अब तक हर की पैड़ी पर नहीं किया गंगा स्नान: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने अपने उस दौर में जब वह कांग्रेस पार्टी में कद्दावर नेता थे और शीर्ष नेतृत्व में उनका काफी दखल था, तब का अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनके द्वारा कई बार सोनिया गांधी को हरिद्वार में आकर हर की पैड़ी पर गंगा स्नान करने का अनुरोध किया गया. गंगा आरती के लिए कई बार बुलावा भेजा गया, लेकिन सोनिया गांधी द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया.
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