पटना: बिहार बीजेपी अध्यक्ष और बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इन दिनों सुर्खियों में हैं. उन्होंने डेढ़ साल पहले नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करने की शपथ ली थी. इसके लिए उन्होंने सिर पर पगड़ी (मुरेठा) बांध रखी थी. हालांकि नीतीश के पाला बदलने और बदले सियासी हालात को देखते हुए उन्होंने अपने अधूरे संकल्प को ही पूरा मानकर इसकी इतिश्री कर दी है. 22 महीने बाद उन्होंने न केवल मुरेठा उतार दिया, बल्कि अयोध्या जाकर अपना मुंडन भी करवाया है.
क्या बोले सम्राट चौधरी?: वहीं अयोध्या में मुंडन, सरयू नदी में डुबकी और भगवान राम के सामने मुरेठा खोलने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि उन्होंने बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद 28 जनवरी को ही पटना में ऐलान किया था कि अयोध्या में जाकर प्रभु श्री राम के चरणों में अपना मुरेठा समर्पित करेंगे.
"मैंने 28 जनवरी को ही पटना में घोषणा कर दिया था कि अयोध्या में जाकर प्रभु श्री राम के चरणों में अपना मुरेठा समर्पित करूंगा. आज मैंने उस संकल्प को पूरा कर दिया है."- सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम, बिहार
नीतीश को हटाने का संकल्प: नीतीश कुमार ने जब बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई थी, तब भारतीय जनता पार्टी ने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. उसके बाद उन्होंने सितंबर 2022 में अपने सर पर पगड़ी धारण करते हुए कहा था कि जब तक नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटा देंगे, तब तक पगड़ी नहीं हटाएंगे. एक बार तो बिहार विधान परिषद में चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने उनसे पूछ लिया था कि सिर पर क्या बांध रखे हैं? उस पर सम्राट चौधरी ने कहा था, 'आपको मुख्यमंत्री के पद से हटाने के बाद ही पगड़ी हटाएंगे.'
नीतीश एनडीए में लौट आए: वहीं, पगड़ी (मुरेठा) हटाने की राजनीतिक स्थिति तब उत्पन्न हो गई, जब नीतीश कुमार एनडीए में वापस आ गए. हालांकि नीतीश की वापसी के बाद भी सम्राट चौधरी लगातार पगड़ी पहनते रहे. कुछ दिनों के बाद पत्रकारों से बातचीत में जरूर कहा कि अयोध्या जाकर जल्द ही इसे भगवान राम के चरणों में समर्पित कर देंगे लेकिन उसके बाद लोकसभा चुनाव में व्यस्तता के कारण उन्होंने मुरेठा नहीं उतारा.
मुरेठा को लेकर दबाव में थे सम्राट: लोकसभा चुनाव के नतीजे ने सम्राट चौधरी को पगड़ी उतारने के लिए बाध्य कर दिया. दरअसल केंद्र सरकार की निर्भरता नीतीश कुमार के ऊपर हो गई है. बीजेपी को 2025 के लिए भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार मानना पड़ रहा है. ऐसे में सम्राट चौधरी के पास पगड़ी उतारने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था. ऐसे में मंगलवार को लगभग 200 कार्यकर्ताओं के साथ सम्राट चौधरी अयोध्या पहुंचे और तमाम कार्यकर्ताओं के साथ सरयू नदी के किनारे पगड़ी को विसर्जित कर दिया और भगवान राम के दर्शन भी किए.
कौन हैं सम्राट चौधरी?: 55 वर्षीय सम्राट चौधरी बिहार के डिप्टी सीएम के साथ-साथ बिहार बीजेपी के अध्यक्ष भी हैं. कुशवाहा समाज से आने वाले सम्राट को भारतीय जनता पार्टी के भविष्य का चेहरा माना जाता है. कार्यकर्ताओं तो उनमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की छवि नजर आती है. वह राबड़ी देवी, जीतनराम मांझी और नीतीश कुमार की सरकारों में अलग-अलग विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं. उनके पिता शकुनी चौधरी भी बिहार के बड़े नेता रहे हैं.
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