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बांग्लादेश में फंसे 405 भारतीय छात्र सुरक्षित निकाले गये - Bangladesh Violence

Bangladesh Violence Indian Students Evacuated: बांग्लादेश में आरक्षण विरोध आंदोलन के बीच बढ़ी हिंसा से भारतीय छात्र प्रभावित हुए हैं. उन्हें सुरक्षित स्वदेश लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

Bangladesh Violence
बांग्लादेश हिंसा (AP)
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By ANI

Published : Jul 20, 2024, 8:02 AM IST

शिलांग : बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन चल रहा है. इसमें स्थानीय छात्र बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. बढ़ती हिंसा से भारतीय छात्र प्रभावित हुए हैं. उन्हें सुरक्षित लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने शुक्रवार को कहा कि 405 भारतीय छात्रों को बांग्लादेश से सुरक्षित निकाल लिया गया है. इन छात्रों को दावकी एकीकृत जांच चौकी के जरिए लाया गया.

कॉनराड संगमा ने कहा,'हम बांग्लादेश की स्थिति से अवगत हैं. दुनिया के कई हिस्सों से बहुत सारे छात्र वहां पढ़ रहे हैं, और बहुत सारे छात्र प्रभावित हुए हैं. जैसे ही हमें सूचना मिली, हमने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी और 405 भारतीय छात्रों को दावकी के रास्ते बांग्लादेश से निकाल लिया गया. इनमें से करीब 80 लोग मेघालय से हैं और बाकी देश के दूसरे हिस्सों से हैं. हमने नेपाल, भूटान से कुछ छात्रों और पर्यटकों को भी निकाला है. लोगों की आवाजाही जारी है.'

bangladesh-violence
बांग्लादेश हिंसा (AP)

कॉनराड संगमा ने आगे कहा, 'हमारे पास मेघालय में पहले से ही नोडल अधिकारी हैं. हम ढाका में भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी किसी भी तरह की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए सीधे हमारे संपर्क में हैं. एक विशेष ईस्टर्न मेडिकल कॉलेज में करीब 36 छात्र फंसे हुए हैं. इनकी संख्या कम-ज्यादा हो सकती है. हम वहां के अधिकारियों के संपर्क में हैं.'

उन्होंने कहा कि जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि मार्ग साफ हो गया है, तब तक स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है. बहुत से अभिभावक स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं और मैं यह बताना चाहता हूं कि हम लगातार संपर्क में हैं. कॉलेज में और उसके आसपास की स्थिति ठीक है लेकिन रास्ते में कुछ स्थिति हो सकती है.

उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हम त्रिपुरा की तरफ से तैयार हैं और हम त्रिपुरा की तरफ से और बांग्लादेश में उच्चायोग के साथ भी संपर्क में हैं ताकि हम वहां से अन्य छात्रों को तुरंत निकाल सकें. हम सभी नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत से काम कर रहे हैं. हमने चिकित्सा से लेकर भोजन, परिवहन, सुरक्षा तक हर चीज के लिए दावकी में व्यवस्था की है. हमारे पास हेल्पलाइन नंबर भी हैं.

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों को ढाका में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी सलाह का पालन करने का निर्देश दिया. इसमें कहा गया है कि उन्हें हिंसक आरक्षण विरोध प्रदर्शनों के बीच स्थानीय यात्राओं से बचना चाहिए. विदेश मंत्रालय के परामर्श में कहा गया है कि उच्चायोग और सहायक उच्चायुक्त भारतीय नागरिकों द्वारा आवश्यक किसी भी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबरों पर उपलब्ध रहेंगे और उन्हें अपने आवास परिसर से बाहर अपनी आवाजाही को कम से कम करने की भी सलाह दी.

एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्रालय ने कहा, 'बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे ढाका में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी सलाह का पालन करें. भारतीय नागरिकों द्वारा आवश्यक किसी भी सहायता के लिए उच्चायोग और सहायक उच्चायुक्त हेल्पलाइन नंबरों पर उपलब्ध हैं.'

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों पर भारत की प्रतिक्रिया, कहा- 'यह देश का आंतरिक मामला'

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में फंसे हजारों कश्मीरी छात्र, सुरक्षा को लेकर महबूबा मुफ्ती आईं आगे, की अपील

शिलांग : बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन चल रहा है. इसमें स्थानीय छात्र बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. बढ़ती हिंसा से भारतीय छात्र प्रभावित हुए हैं. उन्हें सुरक्षित लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने शुक्रवार को कहा कि 405 भारतीय छात्रों को बांग्लादेश से सुरक्षित निकाल लिया गया है. इन छात्रों को दावकी एकीकृत जांच चौकी के जरिए लाया गया.

कॉनराड संगमा ने कहा,'हम बांग्लादेश की स्थिति से अवगत हैं. दुनिया के कई हिस्सों से बहुत सारे छात्र वहां पढ़ रहे हैं, और बहुत सारे छात्र प्रभावित हुए हैं. जैसे ही हमें सूचना मिली, हमने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी और 405 भारतीय छात्रों को दावकी के रास्ते बांग्लादेश से निकाल लिया गया. इनमें से करीब 80 लोग मेघालय से हैं और बाकी देश के दूसरे हिस्सों से हैं. हमने नेपाल, भूटान से कुछ छात्रों और पर्यटकों को भी निकाला है. लोगों की आवाजाही जारी है.'

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बांग्लादेश हिंसा (AP)

कॉनराड संगमा ने आगे कहा, 'हमारे पास मेघालय में पहले से ही नोडल अधिकारी हैं. हम ढाका में भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी किसी भी तरह की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए सीधे हमारे संपर्क में हैं. एक विशेष ईस्टर्न मेडिकल कॉलेज में करीब 36 छात्र फंसे हुए हैं. इनकी संख्या कम-ज्यादा हो सकती है. हम वहां के अधिकारियों के संपर्क में हैं.'

उन्होंने कहा कि जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि मार्ग साफ हो गया है, तब तक स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है. बहुत से अभिभावक स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं और मैं यह बताना चाहता हूं कि हम लगातार संपर्क में हैं. कॉलेज में और उसके आसपास की स्थिति ठीक है लेकिन रास्ते में कुछ स्थिति हो सकती है.

उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हम त्रिपुरा की तरफ से तैयार हैं और हम त्रिपुरा की तरफ से और बांग्लादेश में उच्चायोग के साथ भी संपर्क में हैं ताकि हम वहां से अन्य छात्रों को तुरंत निकाल सकें. हम सभी नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत से काम कर रहे हैं. हमने चिकित्सा से लेकर भोजन, परिवहन, सुरक्षा तक हर चीज के लिए दावकी में व्यवस्था की है. हमारे पास हेल्पलाइन नंबर भी हैं.

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों को ढाका में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी सलाह का पालन करने का निर्देश दिया. इसमें कहा गया है कि उन्हें हिंसक आरक्षण विरोध प्रदर्शनों के बीच स्थानीय यात्राओं से बचना चाहिए. विदेश मंत्रालय के परामर्श में कहा गया है कि उच्चायोग और सहायक उच्चायुक्त भारतीय नागरिकों द्वारा आवश्यक किसी भी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबरों पर उपलब्ध रहेंगे और उन्हें अपने आवास परिसर से बाहर अपनी आवाजाही को कम से कम करने की भी सलाह दी.

एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्रालय ने कहा, 'बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे ढाका में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी सलाह का पालन करें. भारतीय नागरिकों द्वारा आवश्यक किसी भी सहायता के लिए उच्चायोग और सहायक उच्चायुक्त हेल्पलाइन नंबरों पर उपलब्ध हैं.'

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