हमीरपुर: इन दिनों पश्चिम बंगाल का संदेशखाली काफी सुर्खियों में है. संदेशखाली में महिलाओं के साथ अत्याचार की कई खबर सामने आ रही है. इतना ही नहीं महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और दुष्कर्म करने का आरोप टीएमसी नेताओं पर लगा है, जिसको लेकर जमकर राजनीति हो रही है. वहीं, बिलासपुर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी संदेशखाली में महिलाओं पर हुए अत्याचार को लेकर ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा.
बंगाल में भाजपा प्रतिनिधिमंडल को संदेशखाली में एक बार फिर से रोके जाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "संदेशखाली में जो महिलाओं पर अत्याचार और मीडिया के साथ दुर्व्यवहार हुआ, वह निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके बावजूद पश्चिम बंगाल की सरकार हाथ पर हाथ धर के बैठी है. केंद्रीय और स्थानीय महिलाओं के डेलिगेशन को संदेशखाली जाने से क्यों रोका जा रहा है ? उन्होंने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से सवाल पूछा. उन्होंने कहा, मीडिया के खिलाफ इस तरह का दुर्व्यवहार क्यों ? जब महिला मुख्यमंत्री के रहते बंगाल में महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती तो वहां के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होना लाज़मी है".
गौरतलब है कि अनुराग ठाकुर जिला हमीरपुर प्रवास के पहले दिन आज हमीरपुर के भोटा कस्बा पहुंचे. जहां उन्होंने 'एक से श्रेष्ठ' कार्यक्रम के अध्यापकों के साथ सीधा संवाद किया. इस मौके पर अध्यापकों ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के समक्ष अपने सुझाव रखे और विभिन्न गतिविधियों की जानकारी भी साझा की.
मीडिया से बातचीत में अनुराग ठाकुर ने कहा 'एक से श्रेष्ठ' कार्यक्रम के तहत एक अध्यापक 15 से 17 विद्यार्थियों को स्कूल के बाद अच्छी शिक्षा संस्कार देने का प्रयास करते हैं. यह एक बहुत सफल कार्यक्रम है. यहां पर टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया जा रहा है. टीचर्स को लैपटॉप और टैबलेट इसलिए दिए गए हैं, ताकि इनका प्रशिक्षण भी होता रहे और यह टेक्नोलॉजी के माध्यम से बच्चों को भी कुछ और अन्य विषयों का भी ज्ञान दे सके. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में लगभग 500 सेंटरों में इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है.
वहीं, अनुराग ठाकुर ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी देन एम्स बिलासपुर है. जहां आज करोड़ों रुपए की लागत से मरीज के लिए ठहरने की बेहतर व्यवस्था की गई है. इसके अलावा एम्स को नए उपकरण मुहैया करवाए गए हैं. आने वाले समय में हिमाचल के लोगों को इलाज के लिए दूसरे प्रदेशों में नहीं जाना पड़ेगा. बल्कि अब अन्य प्रदेश के लोग बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने के लिए हिमाचल का रुख करेंगे.
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