लखनऊ: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के बाद यूपी में आज जुमे की पहली नमाज अदा की जाएगी. इसके अलावा रमजान शुरू होने के बाद भी यह पहला जुमा है. ऐसे में यूपी पुलिस ने हर जिले के लिए अलर्ट जारी किया है. वहीं 2019-20 में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए लखनऊ में मशहूर शायर रहे मुनव्वर राणा की बेटी सुमैय्या समेत करीब 12 लोगों को नजरबंद किया गया है. ये वहीं लोग है, जिन्होंने 2020 में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर समेत सभी जिलों में आज एक्टिव है. संवेदनशील इलाकों में पुलिस मार्च कर रही है. डीजीपी मुख्यालय की ओर से सभी जिलों में सतर्क रहने को कहा है. इसके अलावा पुलिस सभी धर्म गुरुओं, नेताओं और पीस कमेटी के सदस्यों से बातचीत कर रहे हैं. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर छुट्टी पर गए सभी पुलिसकर्मियों को वापस बुला लिया गया है. इतना ही नहीं, होली तक पुलिसकर्मियों की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है.
इसके अलावा यूपी पुलिस उन 5 हजार लोगों पर नजर रख रही है, जिन्होंने वर्ष 2019-20 में सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रदेश में उत्पात मचाया था. इसके अलावा 50 हजार से अधिक लोगों की भी कुंडली खंगाली जा रही है, जो उस दौरान हिंसा में शामिल थे, लेकिन उनकी पहचान नहीं हो सकी थी. वहीं डीजीपी प्रशांत कुमार पहले ही कह चुके हैं कि हमारी पुलिस तैयार है. हमारे पास डेटा भी है और डंडा भी.
50 हजार लोगों पर नजर रख रही पुलिस
डीजीपी के निर्देश पर सभी जिलों की पुलिस और अभिसूचना विभाग ने उन लोगों पर नजर रख रही है, जिन्होंने वर्ष 2019-20 में सीएए-एनआरसी के विरोध में हिंसा की थी. डीजीपी मुख्यालय ने 2019 व 2020 में दर्ज हुई 509 एफआईआर में नामजद करीब 3300 लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. स्थानीय पुलिस हिंसा में शामिल इन 3300 लोगों की हर गतिविधियों और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर बना रखी है. इसके अलावा इन एफआईआर में जिन 50 हजार से अधिक लोगों को अज्ञात के रूप में दिखाया गया था, उनमें भी जिनकी पहचान की जा चुकी थी, उन पर भी नजर रखी जा रही है.
406 केस में फाइल हो चुकी चार्जशीट
दरअसल, वर्ष 2019-20 में सीएए-एनआरसी के विरोध में हिंसा करने वालों के खिलाफ लखनऊ में 16, कानपुर में 34 अलीगढ़ में 22, मुजफ्फरनगर में 47, फिरोजाबाद में 35, मेरठ 13 व संभल में 12 समेत यूपी के 41 जिलों में 509 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई थी. इनमें 3300 नामजद, 54545 अज्ञात को आरोपी बनाया गया था. यूपी पुलिस ने अलग अलग जिलों में हिंसा करने वाले करीब 5836 लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस इन 509 मुकदमों में 406 केस में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.