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अभी नहीं सीखा ककहरा, पर 4 साल की ऋतंभरा धाराप्रवाह बोलती है संस्कृत के कठिन श्लोक - RITAMBHARA DWIVEDI JABALPUR

सतना जिले के पुरोहित परिवार को संस्कृत परिवार कह सकते हैं. पिता पंडिताई करते हैं और उनकी चार साल की बेटी और 6 साल का बेटा संस्कृत में गीता के कठिन श्लोक का धाराप्रवाह वाचन करते हैं. शिव तांडव स्त्रोत भी इन्हें कंठस्थ है. पढ़िए विश्वजीत सिंह राजपूत की रिपोर्ट.

Sanskrit family of Satna
सतना का संस्कृत परिवार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 6, 2025, 2:32 PM IST

Updated : Jan 6, 2025, 4:40 PM IST

जबलपुर: सतना की 4 साल की बच्ची ऋतंभरा ने जबलपुर के संस्कृत मेले में अपने संस्कृत ज्ञान से सभी को अचंभित कर दिया. यहां मंच से उसने गीता के अध्यायों के संस्कृत श्लोक सभी को सुना कर पहला स्थान हासिल किया. ऋतंभरा संस्कृत के कठिन से कठिन श्लोक को बहुत आसानी से गाती है. उसके 6 साल के भाई सुशोभित को भी बहुत से संस्कृत के श्लोक कंठस्थ हैं. दोनों बच्चे गीता के कठिन श्लोकों का धाराप्रवाह वाचन करते हैं. वहीं इन बच्चों के पिता आदित्य कुमार का कहना है "यदि कोई मन लगाकर 21 दिन तक अभ्यास करे तो संस्कृत के कठिन से कठिन श्लोक को कंठस्थ कर सकता है."

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सामान्य तौर पर बच्चे स्कूली पाठ्यक्रम में होने की वजह से संस्कृत विषय को मजबूरी में पढ़ते हैं. संस्कृत के श्लोकों को याद करना तो आजकल के बच्चों के लिए असंभव सा लगता है. लेकिन 4 साल की ऋतंभरा को संस्कृत खेल लगती है. ऋतंभरा ने अभी स्कूल जाना ही शुरू किया है और वह भगवत गीता के संस्कृत के श्लोक ऐसे गाती है जैसे अन्य बच्चे ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार गाते हैं.

सतना का संस्कृत परिवार (Etv Bharat)

स्वस्तिवाचन और शिव तांडव स्त्रोत में पारंगत है ऋतंभरा

ऋतंभरा को संस्कृत के बहुत से कठिन श्लोक भी कंठस्थ हैं. किसी पूजा के शुरू होने के पहले स्वस्तिवाचन किया जाता है, उसमें भी ऋतंभरा पारंगत है. इसके साथ ही उसने पूरा शिव तांडव स्त्रोत भी याद कर रखा है. ऋतंभरा के 6 साल के भाई सुशोभित भी संस्कृत के बेहद कठिन श्लोकों का गायन बहुत सरलता से करते हैं. इन बच्चों को संस्कृत के कठिन श्लोकों का ज्ञान इनके पिता आदित्य द्विवेदी ने दिया है.

संस्कृत मेले में हिस्सा लेने के लिए सतना से जबलपुर आए थे

आदित्य ने बताया "मैंने अयोध्या से संस्कृत में आचार्य तक की शिक्षा ली है और पुरोहित के रूप में पूजा पाठ का काम करता हूं. साथ ही मैंने अपने बच्चों को संस्कृत श्लोक सीखना शुरू किया. ऋतंभरा और सुशोभित का संस्कृत ज्ञान अचंभित करने वाला है. संस्कृत सरल है लेकिन इसके लिए शिक्षक भी आदित्य जैसे होने चाहिए. आदित्य सतना के रहने वाले हैं और जबलपुर में संस्कृत मेले में हिस्सा लेने के लिए आए थे.

जबलपुर: सतना की 4 साल की बच्ची ऋतंभरा ने जबलपुर के संस्कृत मेले में अपने संस्कृत ज्ञान से सभी को अचंभित कर दिया. यहां मंच से उसने गीता के अध्यायों के संस्कृत श्लोक सभी को सुना कर पहला स्थान हासिल किया. ऋतंभरा संस्कृत के कठिन से कठिन श्लोक को बहुत आसानी से गाती है. उसके 6 साल के भाई सुशोभित को भी बहुत से संस्कृत के श्लोक कंठस्थ हैं. दोनों बच्चे गीता के कठिन श्लोकों का धाराप्रवाह वाचन करते हैं. वहीं इन बच्चों के पिता आदित्य कुमार का कहना है "यदि कोई मन लगाकर 21 दिन तक अभ्यास करे तो संस्कृत के कठिन से कठिन श्लोक को कंठस्थ कर सकता है."

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सामान्य तौर पर बच्चे स्कूली पाठ्यक्रम में होने की वजह से संस्कृत विषय को मजबूरी में पढ़ते हैं. संस्कृत के श्लोकों को याद करना तो आजकल के बच्चों के लिए असंभव सा लगता है. लेकिन 4 साल की ऋतंभरा को संस्कृत खेल लगती है. ऋतंभरा ने अभी स्कूल जाना ही शुरू किया है और वह भगवत गीता के संस्कृत के श्लोक ऐसे गाती है जैसे अन्य बच्चे ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार गाते हैं.

सतना का संस्कृत परिवार (Etv Bharat)

स्वस्तिवाचन और शिव तांडव स्त्रोत में पारंगत है ऋतंभरा

ऋतंभरा को संस्कृत के बहुत से कठिन श्लोक भी कंठस्थ हैं. किसी पूजा के शुरू होने के पहले स्वस्तिवाचन किया जाता है, उसमें भी ऋतंभरा पारंगत है. इसके साथ ही उसने पूरा शिव तांडव स्त्रोत भी याद कर रखा है. ऋतंभरा के 6 साल के भाई सुशोभित भी संस्कृत के बेहद कठिन श्लोकों का गायन बहुत सरलता से करते हैं. इन बच्चों को संस्कृत के कठिन श्लोकों का ज्ञान इनके पिता आदित्य द्विवेदी ने दिया है.

संस्कृत मेले में हिस्सा लेने के लिए सतना से जबलपुर आए थे

आदित्य ने बताया "मैंने अयोध्या से संस्कृत में आचार्य तक की शिक्षा ली है और पुरोहित के रूप में पूजा पाठ का काम करता हूं. साथ ही मैंने अपने बच्चों को संस्कृत श्लोक सीखना शुरू किया. ऋतंभरा और सुशोभित का संस्कृत ज्ञान अचंभित करने वाला है. संस्कृत सरल है लेकिन इसके लिए शिक्षक भी आदित्य जैसे होने चाहिए. आदित्य सतना के रहने वाले हैं और जबलपुर में संस्कृत मेले में हिस्सा लेने के लिए आए थे.

Last Updated : Jan 6, 2025, 4:40 PM IST
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