सिरसा:हरियाणा के सिरसा में चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में पिछले दिनों गुमनाम चिट्ठी के जरिए एक प्रोफेसर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. जिसकी जांच यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस द्वारा की जा रही है. यूनिवर्सिटी में मामले की जांच के लिए सात सदस्य कमेटी का गठन किया है. जांच के दौरान पीड़ित पक्ष और आरोपी पक्ष के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. जबकि सिरसा पुलिस ने अब तक 300 से ज्यादा छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं.
मामले में अभी तक की जांच के मुताबिक, यूनिवर्सिटी प्रशासन आरोपी प्रोफेसर का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. यूनिवर्सिटी के सैंकड़ों प्रोफेसर और नॉन टीचिंग स्टाफ अब प्रोफेसर को पाक साफ बता रहे हैं. बताया जा रहा है कि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा षड्यंत्र रचा गया है. यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और परीक्षा नियंत्रक डॉ. शैलेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यूनिवर्सिटी में अपने स्तर पर छात्राओं से पूछताछ की है. जिसमें आरोपों की कोई पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि मामले से संबंधित यूनिवर्सिटी के स्टाफ से बैठक की गई थी. जिसमें 200 से अधिक लोगों ने आरोपी पक्ष का समर्थन किया है. उनका मानना है कि गुमनाम चिट्ठी किसी शरारती तत्व ने भेजी है.
देवीलाल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. राजेश कुमार बंसल ने बताया कि विवि प्रशासन ने ICC एक मीटिंग बुलाई थी. जिसमें सार्वजनिक तौर पर मौखिक या फिर गुप्त तरीके से भी पड़ताल की थी. लेकिन अभी तक कोई भी स्टूडेंट या कोई विवि का स्टाफ सदस्य तथ्य पेश नहीं कर पाया है. उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं. लेकिन जांच कमेटी के मुताबिक, इस मामले में आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ तथ्य स्पष्ट नहीं हो पाए हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर कोई भी व्यक्ति तथ्य देना चाहता है और वो अपना नाम भी गुप्त रखना चाहता है तो इसका भी प्रावधान यूनिवर्सिटी प्रशासन कर सकता है.