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अब तक 3400 से ज्यादा लोगों की बचाई जान, 700 गायों का भी किया रेस्क्यू, जानें कौन है इंसानियत की मिसाल प्रगट सिंह - Diver Pragat Singh

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 27, 2024, 1:41 PM IST

Updated : Jun 27, 2024, 1:55 PM IST

Diver Pragat Singh: गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि आज से करीब 24 वर्ष पहले उन्होंने गोताखोर बनकर समाज सेवा करने का बीड़ा उठाया था. पिछले 24 सालों से निस्वार्थ भाव से मुफ्त में नहर, तालाब इत्यादि में डूबने वाले लोगों को पानी से बाहर निकालने का काम कर रहे हैं. इसमें वह हजारों लोगों को जिंदा बाहर निकाल चुके हैं तो हजारों लोगों को मरने के बाद नहर से बाहर निकाल कर उनके परिवार को सौंप चुके हैं. रिपोर्ट में विस्तार से जानें एक समाज सेवक की इंसानियत की मिसाल

Kurukshetra Diver Pragat Singh
Kurukshetra Diver Pragat Singh (ETV BHARAT)

इंसानियत की मिसाल प्रगट सिंह (ETV BHARAT)

कुरुक्षेत्र: आजकल समाज में स्वार्थ का बड़ा बोलबाला है. स्वार्थ के ही रिश्ते बनाए जाते हैं. दोस्त बनाए जाते हैं जब स्वार्थ पूरा हो जाता है. तब उनको छोड़ दिया जाता है. लेकिन समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बिना किसी स्वार्थ के समाज सेवा कर रहे हैं. ऐसे ही कुरुक्षेत्र के एक गोताखोर प्रगट सिंह है. जो बिना किसी स्वार्थ के समाज सेवा करते हैं और इंसानियत की नई मिसाल बना रहे हैं. प्रगट सिंह ने हजारों घरों के चिराग बुझने से बचाए हैं. हजारों लोगों के घरों को फिर से बसाया है.

'समाज के नाम सारे काम': गोताखोर प्रगट सिंह गांव दबखेड़ी कुरुक्षेत्र के रहने वाले हैं. प्रगट सिंह एक गोताखोर के तौर पर काम करता है लेकिन वह अपने इस गोताखोर के हुनर से पैसे ना कम कर सिर्फ नाम कमा रहा है और इंसानियत के लिए एक मिसाल बनता जा रहा है. गोताखोर प्रगट सिंह पिछले 24 सालों से निस्वार्थ भाव से मुफ्त में नहर, तालाब इत्यादि में डूबने वाले लोगों को पानी से बाहर निकालने का काम कर रहे हैं. इसमें वह हजारों लोगों को जिंदा बाहर निकाल चुके हैं तो हजारों लोगों को मरने के बाद नहर से बाहर निकाल कर उनके परिवार को सौंप चुके हैं. ताकि वह अंतिम बार अपनों को देख सके और उनका अंतिम संस्कार कर सके.

कैसे शुरू हुआ सामाजिक सेवा का सफर: गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि आज से करीब 24 वर्ष पहले उन्होंने गोताखोर बनकर समाज सेवा करने का बीड़ा उठाया था. उन्होंने कहा कि वह एक गांव का रहने वाला है और उनका गांव नहर के किनारे बसा हुआ है. वह अपने पशु चराने के लिए अक्सर नहर के आसपास जाया करते थे और पशु को नहलाने के लिए नहर में भी ले जाते थे. वहां उन्होंने तैराकी सीख ली. धीरे-धीरे वह ऐसे लोगों को नहर के पानी से बाहर निकलने लगे जो नहर में दुर्घटना से गिर जाते थे या फिर आत्महत्या करने का प्रयास करते थे.

हजारों लोगों को डूबने से बचाया: गोताखोर प्रगट सिंह ने कहा कि वह पिछले 24 वर्षों से समाज सेवा कर रहे हैं. जिसके चलते उन्होंने अपने अब तक के जीवन में 17 हजार से ज्यादा नहर में डूबे हुए शवों को बाहर निकाला है. जिनकी पहचान हो गई उनको उनके परिवार को सौंप दिया जाता है और जिन लोगों की पहचान नहीं हो पाती उनको पुलिस को सौंप दिया जाता है. जबकि 3400 से ज्यादा पानी में डूबने वाले लोगों को जिंदा पानी से बाहर निकाला है. उनका जीवन बचाने का काम किया है और उनके परिवार से मिलवाया है.

नहर से गाय का भी किया रेस्क्यू: गोताखोर प्रगट सिंह बताते हैं कि उन्होंने अभी तक 700 से ज्यादा नीलगाय और पालतू गाय नहर से बाहर निकाल कर उनकी भी जान बचा चुके हैं. यह किसी हादसे का शिकार होकर नहर में गिर जाती है या फिर पीछे कुत्ते पढ़ने के बाद यह घबरा कर नहर में कूद जाती है. वहीं, 18 आदमखोर मगरमच्छ को पकड़कर उनका भी रेस्क्यू किया है और वन विभाग की टीम को सौंपा है. कुरुक्षेत्र जिले में आदमखोर मगरमच्छों ने काफी आतंक मचाया है. जिसके चलते लोग खेतों में जाने से भी डरते थे. ऐसे में प्रगट सिंह ने अपनी टीम के साथ आदमखोर मगरमच्छों को जिंदा पकड़कर लोगों को राहत की सांस दिलाई है तो उनको सुरक्षित स्थान पर भी पहुंचने का काम किया है.

सरकार से मिला सम्मान: गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि वह अब अपनी टीम के साथ काम करते हैं. जिसमें उनकी टीम में कई सदस्य हैं. जो उसके साथ मिलकर लोगों को नहर के पानी से बाहर निकालने का काम करते हैं. जिसके चलते उनका जिला प्रशासन सरकार सामाजिक संस्थाओं के द्वारा अभी तक 403 बार सम्मानित किया गया है और उनके काम की प्रशंसा करते हुए उनको प्रशंसा पत्र से नवाजा गया है.

समाज सेवा की नहीं कोई कीमत: गोताखोर प्रगट सिंह मूल रूप से कुरुक्षेत्र के एक गांव के रहने वाले हैं. लेकिन उन्होंने अपनी समाज सेवा का दायरा सिर्फ कुरुक्षेत्र तक ही सीमित नहीं रखा. बल्कि वह हरियाणा के प्रत्येक जिले, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड दिल्ली पंजाब सहित कई राज्यों में फ्री में समाज सेवा करने के लिए जाते हैं. अगर किसी परिवार का कोई सदस्य हादसे के कारण या आत्महत्या करने के चलते नहर में छलांग लगा देता है, तो पीड़ित परिवार के गोताखोर को बुलाया जाता है और वह बिना पैसे लिए दूसरे राज्यों तक फ्री में नहर में डूबे हुए लोगों को बाहर निकालने का काम करते हैं. फिर चाहे उसमें उसको 10 दिन ही क्यों न लग जाए, वह हर किसी की सहायता करने के लिए आगे रहते हैं.

नहीं मिली कोई नौकरी: प्रगट सिंह ने एक सवाल के जवाब में वह एक छोटे किसान का बेटा है. उसके परिवार मे कई सदस्य हैं. जिन का गुजारा केवल खेती से नहीं हो पाता. क्योंकि प्रगट सिंह समाज सेवा के चलते कोई भी अलग से काम नहीं कर पाते. हालांकि उसमें गोताखोर होने का एक बहुत ही बड़ा हुनर है और इसके इस हुनर को हरियाणा ही नहीं विदेशों तक लोग जानते हैं. लेकिन हरियाणा सरकार के द्वारा उसको अभी तक सरकारी नौकरी का ऑफर तक गोताखोर के लिए नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि एक बार 3 महीने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा ब्रह्म सरोवर पर उनको कॉन्ट्रैक्ट बेस पर रखा था. लेकिन 3 महीने के बाद उनको निकाल दिया गया था. अब परिवार की तरफ से थोड़ा ना फिकर होकर समाज सेवा में लगा हुआ है.

सुसाइड के ज्यादा मामले आए सामने: उन्होंने कहा कि जितने भी मामले वह देखते हैं उसमें ज्यादातर मामले सुसाइड के सामने आते हैं. ऐसे में वह समाज को एक संदेश देना चाहते हैं कि अपने परिवार के सदस्यों के साथ हमेशा प्यार से मिलकर रहें. हालांकि वह समाज सेवा जरूर कर रहे हैं, लेकिन उनको इस समाज सेवा करते हुए भी बहुत दुखों का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: कुरुक्षेत्र की ज्योतिसर भाखड़ा नहर में मिले दो व्यक्तियों के शव, मौत की वजहों का नहीं हुआ खुलासा

ये भी पढ़ें: Panipat Yamuna River: यमुना नदी में नहाने गए 4 नाबालिग डूबे, दो का शव बरामद

इंसानियत की मिसाल प्रगट सिंह (ETV BHARAT)

कुरुक्षेत्र: आजकल समाज में स्वार्थ का बड़ा बोलबाला है. स्वार्थ के ही रिश्ते बनाए जाते हैं. दोस्त बनाए जाते हैं जब स्वार्थ पूरा हो जाता है. तब उनको छोड़ दिया जाता है. लेकिन समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बिना किसी स्वार्थ के समाज सेवा कर रहे हैं. ऐसे ही कुरुक्षेत्र के एक गोताखोर प्रगट सिंह है. जो बिना किसी स्वार्थ के समाज सेवा करते हैं और इंसानियत की नई मिसाल बना रहे हैं. प्रगट सिंह ने हजारों घरों के चिराग बुझने से बचाए हैं. हजारों लोगों के घरों को फिर से बसाया है.

'समाज के नाम सारे काम': गोताखोर प्रगट सिंह गांव दबखेड़ी कुरुक्षेत्र के रहने वाले हैं. प्रगट सिंह एक गोताखोर के तौर पर काम करता है लेकिन वह अपने इस गोताखोर के हुनर से पैसे ना कम कर सिर्फ नाम कमा रहा है और इंसानियत के लिए एक मिसाल बनता जा रहा है. गोताखोर प्रगट सिंह पिछले 24 सालों से निस्वार्थ भाव से मुफ्त में नहर, तालाब इत्यादि में डूबने वाले लोगों को पानी से बाहर निकालने का काम कर रहे हैं. इसमें वह हजारों लोगों को जिंदा बाहर निकाल चुके हैं तो हजारों लोगों को मरने के बाद नहर से बाहर निकाल कर उनके परिवार को सौंप चुके हैं. ताकि वह अंतिम बार अपनों को देख सके और उनका अंतिम संस्कार कर सके.

कैसे शुरू हुआ सामाजिक सेवा का सफर: गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि आज से करीब 24 वर्ष पहले उन्होंने गोताखोर बनकर समाज सेवा करने का बीड़ा उठाया था. उन्होंने कहा कि वह एक गांव का रहने वाला है और उनका गांव नहर के किनारे बसा हुआ है. वह अपने पशु चराने के लिए अक्सर नहर के आसपास जाया करते थे और पशु को नहलाने के लिए नहर में भी ले जाते थे. वहां उन्होंने तैराकी सीख ली. धीरे-धीरे वह ऐसे लोगों को नहर के पानी से बाहर निकलने लगे जो नहर में दुर्घटना से गिर जाते थे या फिर आत्महत्या करने का प्रयास करते थे.

हजारों लोगों को डूबने से बचाया: गोताखोर प्रगट सिंह ने कहा कि वह पिछले 24 वर्षों से समाज सेवा कर रहे हैं. जिसके चलते उन्होंने अपने अब तक के जीवन में 17 हजार से ज्यादा नहर में डूबे हुए शवों को बाहर निकाला है. जिनकी पहचान हो गई उनको उनके परिवार को सौंप दिया जाता है और जिन लोगों की पहचान नहीं हो पाती उनको पुलिस को सौंप दिया जाता है. जबकि 3400 से ज्यादा पानी में डूबने वाले लोगों को जिंदा पानी से बाहर निकाला है. उनका जीवन बचाने का काम किया है और उनके परिवार से मिलवाया है.

नहर से गाय का भी किया रेस्क्यू: गोताखोर प्रगट सिंह बताते हैं कि उन्होंने अभी तक 700 से ज्यादा नीलगाय और पालतू गाय नहर से बाहर निकाल कर उनकी भी जान बचा चुके हैं. यह किसी हादसे का शिकार होकर नहर में गिर जाती है या फिर पीछे कुत्ते पढ़ने के बाद यह घबरा कर नहर में कूद जाती है. वहीं, 18 आदमखोर मगरमच्छ को पकड़कर उनका भी रेस्क्यू किया है और वन विभाग की टीम को सौंपा है. कुरुक्षेत्र जिले में आदमखोर मगरमच्छों ने काफी आतंक मचाया है. जिसके चलते लोग खेतों में जाने से भी डरते थे. ऐसे में प्रगट सिंह ने अपनी टीम के साथ आदमखोर मगरमच्छों को जिंदा पकड़कर लोगों को राहत की सांस दिलाई है तो उनको सुरक्षित स्थान पर भी पहुंचने का काम किया है.

सरकार से मिला सम्मान: गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि वह अब अपनी टीम के साथ काम करते हैं. जिसमें उनकी टीम में कई सदस्य हैं. जो उसके साथ मिलकर लोगों को नहर के पानी से बाहर निकालने का काम करते हैं. जिसके चलते उनका जिला प्रशासन सरकार सामाजिक संस्थाओं के द्वारा अभी तक 403 बार सम्मानित किया गया है और उनके काम की प्रशंसा करते हुए उनको प्रशंसा पत्र से नवाजा गया है.

समाज सेवा की नहीं कोई कीमत: गोताखोर प्रगट सिंह मूल रूप से कुरुक्षेत्र के एक गांव के रहने वाले हैं. लेकिन उन्होंने अपनी समाज सेवा का दायरा सिर्फ कुरुक्षेत्र तक ही सीमित नहीं रखा. बल्कि वह हरियाणा के प्रत्येक जिले, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड दिल्ली पंजाब सहित कई राज्यों में फ्री में समाज सेवा करने के लिए जाते हैं. अगर किसी परिवार का कोई सदस्य हादसे के कारण या आत्महत्या करने के चलते नहर में छलांग लगा देता है, तो पीड़ित परिवार के गोताखोर को बुलाया जाता है और वह बिना पैसे लिए दूसरे राज्यों तक फ्री में नहर में डूबे हुए लोगों को बाहर निकालने का काम करते हैं. फिर चाहे उसमें उसको 10 दिन ही क्यों न लग जाए, वह हर किसी की सहायता करने के लिए आगे रहते हैं.

नहीं मिली कोई नौकरी: प्रगट सिंह ने एक सवाल के जवाब में वह एक छोटे किसान का बेटा है. उसके परिवार मे कई सदस्य हैं. जिन का गुजारा केवल खेती से नहीं हो पाता. क्योंकि प्रगट सिंह समाज सेवा के चलते कोई भी अलग से काम नहीं कर पाते. हालांकि उसमें गोताखोर होने का एक बहुत ही बड़ा हुनर है और इसके इस हुनर को हरियाणा ही नहीं विदेशों तक लोग जानते हैं. लेकिन हरियाणा सरकार के द्वारा उसको अभी तक सरकारी नौकरी का ऑफर तक गोताखोर के लिए नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि एक बार 3 महीने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा ब्रह्म सरोवर पर उनको कॉन्ट्रैक्ट बेस पर रखा था. लेकिन 3 महीने के बाद उनको निकाल दिया गया था. अब परिवार की तरफ से थोड़ा ना फिकर होकर समाज सेवा में लगा हुआ है.

सुसाइड के ज्यादा मामले आए सामने: उन्होंने कहा कि जितने भी मामले वह देखते हैं उसमें ज्यादातर मामले सुसाइड के सामने आते हैं. ऐसे में वह समाज को एक संदेश देना चाहते हैं कि अपने परिवार के सदस्यों के साथ हमेशा प्यार से मिलकर रहें. हालांकि वह समाज सेवा जरूर कर रहे हैं, लेकिन उनको इस समाज सेवा करते हुए भी बहुत दुखों का सामना करना पड़ता है.

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Last Updated : Jun 27, 2024, 1:55 PM IST
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