777 सीढ़ियां चढ़कर शिव भक्त करते हैं जलाभिषेक, जानिय ब्रम्हा से कैसे जुड़ी है यहां की कहानी - Dhwaja Dhari Ashram Mahashivratri
Published : Mar 7, 2024, 8:42 PM IST
Mahashivratri in Dhwaja Dhari Ashram. कोडरमा: ध्वजाधारी आश्रम में दो दिवसीय शिवरात्रि मेले का आयोजन किया जा रहा है. शिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. यहां दो दिवसीय शिवरात्रि मेले में बिहार-झारखंड और बंगाल से हजारों की संख्या में शिवभक्त पहुंचते हैं और 777 सीढियां चढ़कर पहाड़ की चोटी पर बसे भगवान भोले का जलाभिषेक करते हैं और ऐसी मान्यता हैं कि यहां आने वाले शिवभक्तों की हर मुराद पूरी होती हैं.
बताया जाता है कि द्वापर युग में ब्रम्हा के पुत्र कद्रम ऋषि ने इस पहाड़ पर भगवान शिव की आराधना की थी जिसके बाद भगवान शिव ने उनकी आराधना से प्रसन्न होकर उन्हें ध्वजा और त्रिशूल भेंट की थी तब से इस स्थान का नाम ध्वजाधारी आश्रम पड़ गया. ध्वजाधारी आश्रम में आने वाले शिवभक्त भगवान भोले को ध्वजा और त्रिशूल भी चढ़ाते हैं और जो भी भक्त यहां अपनी मनोकामना लेकर सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती हैं. कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में लगने वाले शिवरात्रि मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
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