लोहरदगा: साल 2024 लोहरदगा के लिए राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण रहा. लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव के परिणाम ने यहां पर राजनीति की एक नई दिशा तय की है. उम्मीद के विपरीत मतदाताओं ने यह बता दिया कि हवा नहीं, बल्कि उनका वोट यहां का राजनीतिक भविष्य तय करेगा.
कांग्रेस पार्टी पूरे दमखम के साथ लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र के साथ-साथ लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र में भी मजबूती के साथ उभरी. लोहरदगा लोकसभा सीट में भारतीय जनता पार्टी ने सुदर्शन भगत का टिकट काटकर पूर्व राज्यसभा सांसद समीर उरांव को दिया था. इस चुनाव में समीर उरांव को कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुखदेव भगत ने करारी मात दी.
इस चुनाव में सुखदेव भगत को 4,83,038 वोट और समीर उरांव को 3,43,900 वोट मिले थे. एक बड़े अंतर से भारतीय जनता पार्टी को लोहरदगा लोकसभा सीट में हार का सामना करना पड़ा था. यह कुछ हद तक अपेक्षित भी था और कुछ हद तक चौंकाने वाला भी. लोहरदगा लोकसभा की सीट को भारतीय जनता पार्टी का मजबूत सीट माना जाता है. इसके बावजूद यहां पर पिछले तीन चुनाव के विजेता रहे सुदर्शन भगत का टिकट काटकर भाजपा ने समीर उरांव को टिकट दे दिया था.
विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने एनडीए प्रत्याशी आजसू नेत्री नीरू शांति भगत को हराकर फिर एक बार लोहरदगा सीट पर अपनी धाक जमा दी. कांग्रेस के रामेश्वर उरांव 34670 वोटों से विजयी हुए. आजसू पार्टी को फिर से शिकस्त का सामना करना पड़ा.
एसीबी की कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों पर अंकुश
वर्ष 2024 को लोहरदगा में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई के लिए भी याद किया जाएगा. आठ मार्च 2024 को लोहरदगा जिले के सदर अंचल के हलका नंबर दो के राजस्व कर्मचारी रामा महतो को लोहरदगा शहरी क्षेत्र के कोर्ट मोड़ के समीप स्थित मकान में जमीन म्यूटेशन के नाम पर छह हजार रुपये रिश्वत लेते एसीबी ने गिरफ्तार किया था. पांच दिसंबर 2024 को लोहरदगा के समेकित ग्रामीण विकास अभिकरण में पदस्थापित प्रधान लिपिक राजेंद्र उरांव को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया.
साल 2024 में हुई कई घटनाएं
लोहरदगा में साल 2024 में कई घटनाएं हुईं. विगत 23 मार्च को कुडू के टाटी के समीप बस और ट्रक की टक्कर में तीन बच्चों की मौत हो गई थी. यह हादसा काफी दर्दनाक था. विगत 13 सितंबर को लोहरदगा जिला के कुडू थाना क्षेत्र के मकरा गांव में कुएं से महिला और उसके तीन बच्चों का शव मिला था. शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई थी. घटना को लेकर लोगों के होश उड़ गए थे.
28 अक्टूबर को लोहरदगा जिला के सेन्हा थाना क्षेत्र के नंदगांव में कोयल नदी में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी. इस हृदयविदारक घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया था. 23 मई को लोहरदगा में एक बड़ा हादसा हुआ था. लोहरदगा जिला के सेन्हा थाना क्षेत्र के चितरी अंबा टोली गांव में खुदाई के दौरान मनरेगा सिंचाई दीवार के ध्वस्त होने से चार मजदूर मिट्टी के अंदर दब गए थे. जिससे उनकी मौत हो गई थी.
30 अप्रैल को लोहरदगा जिला के सेन्हा थाना क्षेत्र के वन विभाग डिपो के समीप कार दुर्घटना में दो युवकों की मौत हो गई थी. इसी साल 15 नवंबर को अंधविश्वास की वजह से एक अधेड़ की लात-घूसों से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी. यह घटना लोहरदगा जिला के कैरो थाना क्षेत्र की थी. इसके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं रही, जिसके लिए साल 2024 को याद रखा जाएगा.
लोहरदगा में साल 2024 राजनीतिक दृष्टिकोण के साथ-साथ अपराध के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण रहा. भ्रष्टाचार पर एसीबी की कार्रवाई ने भ्रष्टाचारियों को सख्त संदेश दिया. वहीं कई घटनाओं में बच्चों की मौत ने लोगों को रुला दिया. राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह साल बेहद खास रहा.
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