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YEAR ENDER 2024: पीटीआर में 6 बाघों के मूवमेंट को किया गया रिकॉर्ड, 2018 में एक भी टाइगर नहीं था - PALAMAU TIGER RESERVE CENTER

पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 6 हो गई. 2018 में यहां कोई बाघ नहीं था, मगर अब यह संख्या लगातार बढ़ रही है.

PALAMAU TIGER RESERVE CENTER
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 29, 2024, 5:49 AM IST

पलामू: 2024 का वर्ष पलामू टाइगर रिजर्व के लिए कई कारणों से खास रहा है. इसी वर्ष देश भर में बाघों के सेन्सस के आंकड़ों को जारी किया गया. वहीं पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 6 बाघों के मूवमेंट को रिकॉर्ड किया गया है. एनटीसीए ने बाघों की संख्या से संबंधित आंकड़ों को जारी किया है. जिसमें पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में तीन बाघों के मौजूद होने के बात कही है.

जानकारी देते पीटीआर के निदेशक (Etv Bharat)

वहीं अगर बाघों के मूवमेंट के आंकड़ों की बात करें तो इसमें यह संख्या छह तक पहुंच गयी है, जिसमें एक बाघ और पांच बाघिन है. 2018 में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने बाघों की गिनती करवाई थी, उस दौरान पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या को शून्य बताया गया था. सभी बाघों के मूवमेंट की शुरुआत नक्सलियों के ट्रेनिंग सेंटर रहे बूढ़ा पहाड़ से सटे हुए इलाकों से हुई है.

400 किलोमीटर के कॉरिडोर को बाघों ने किया एक्टिव

2024 में ही बाघों ने 400 किलोमीटर के अपने कॉरिडोर को फिर से एक्टिव किया है. मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से पलामू टाइगर रिजर्व के बीच 400 किलोमीटर की दूरी है. इस कॉरिडोर पर बाघों का मूवमेंट शुरू हुआ है.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से निकलकर बाघ पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में दाखिल हुए हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष बताते हैं कि 2024 पीटीआर के लिए कई मायने में खास रहा है. 2018 के बाद पहली बार पीटीआर में छह बाघों के मूवमेंट को रिकॉर्ड किया गया है. ट्रांसलोकेशन के बिना बाघों की संख्या बढ़ी है.

उन्होंने बताया कि पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या को बढ़ाने के लिए कई बिंदुओं पर पहल की जा रही है. बाघों के प्रवास को बेहतर करने के लिए कई स्तर पर कार्य हो रहे हैं एवं सॉफ्ट रिलीज केंद्र बनाए गए हैं.

1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है पीटीआर, पर्यटकों की सुविधा के लिए की गई पहल

पलामू टाइगर रिजर्व 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. पीटीआर के अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क में पर्यटकों की सुविधा के लिए कई पहल की गई है. बेतला नेशनल पार्क में जंगल सफारी के लिए शुल्क को बढ़ाया गया है साथ ही कई अतिरिक्त सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं.

2024 के अंतिम महीने में ही पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में हाथी की गिनती हुई है. देश के एकमात्र वुल्फ सेंचुरी में भेड़ियों के व्यवहार का आकलन किया गया है. दोनों की रिपोर्ट जल्द ही जारी की जाएगी.

ये भी पढ़ें-

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पलामू: 2024 का वर्ष पलामू टाइगर रिजर्व के लिए कई कारणों से खास रहा है. इसी वर्ष देश भर में बाघों के सेन्सस के आंकड़ों को जारी किया गया. वहीं पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 6 बाघों के मूवमेंट को रिकॉर्ड किया गया है. एनटीसीए ने बाघों की संख्या से संबंधित आंकड़ों को जारी किया है. जिसमें पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में तीन बाघों के मौजूद होने के बात कही है.

जानकारी देते पीटीआर के निदेशक (Etv Bharat)

वहीं अगर बाघों के मूवमेंट के आंकड़ों की बात करें तो इसमें यह संख्या छह तक पहुंच गयी है, जिसमें एक बाघ और पांच बाघिन है. 2018 में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने बाघों की गिनती करवाई थी, उस दौरान पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या को शून्य बताया गया था. सभी बाघों के मूवमेंट की शुरुआत नक्सलियों के ट्रेनिंग सेंटर रहे बूढ़ा पहाड़ से सटे हुए इलाकों से हुई है.

400 किलोमीटर के कॉरिडोर को बाघों ने किया एक्टिव

2024 में ही बाघों ने 400 किलोमीटर के अपने कॉरिडोर को फिर से एक्टिव किया है. मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से पलामू टाइगर रिजर्व के बीच 400 किलोमीटर की दूरी है. इस कॉरिडोर पर बाघों का मूवमेंट शुरू हुआ है.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से निकलकर बाघ पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में दाखिल हुए हैं. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष बताते हैं कि 2024 पीटीआर के लिए कई मायने में खास रहा है. 2018 के बाद पहली बार पीटीआर में छह बाघों के मूवमेंट को रिकॉर्ड किया गया है. ट्रांसलोकेशन के बिना बाघों की संख्या बढ़ी है.

उन्होंने बताया कि पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या को बढ़ाने के लिए कई बिंदुओं पर पहल की जा रही है. बाघों के प्रवास को बेहतर करने के लिए कई स्तर पर कार्य हो रहे हैं एवं सॉफ्ट रिलीज केंद्र बनाए गए हैं.

1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है पीटीआर, पर्यटकों की सुविधा के लिए की गई पहल

पलामू टाइगर रिजर्व 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. पीटीआर के अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क में पर्यटकों की सुविधा के लिए कई पहल की गई है. बेतला नेशनल पार्क में जंगल सफारी के लिए शुल्क को बढ़ाया गया है साथ ही कई अतिरिक्त सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं.

2024 के अंतिम महीने में ही पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में हाथी की गिनती हुई है. देश के एकमात्र वुल्फ सेंचुरी में भेड़ियों के व्यवहार का आकलन किया गया है. दोनों की रिपोर्ट जल्द ही जारी की जाएगी.

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