हैदराबाद: अंग्रेजी का एक शब्द है लेऑफ (Layoff). पिछले कुछ सालों में आपने इस शब्द को कई बार सुना होगा. इसे हिंदी छंटनी बोलते हैं. जब कोई कंपनी अपने कर्मचारियों को छंटनी करती हैं, तो वहां पर इस शब्द का ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है. पिछले कुछ सालों में कई कंपनियों ने अपने सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की है. अब उस लिस्ट में दुनिया की सबसे लोकप्रिय कंपनियों में से एक मेटा का नाम भी शामिल होने वाला है.
फेसबुक और इंस्टाग्राम को ऑपरेट करने वाली कंपनी मेटा में आज से बड़ी मात्रा में छंटनी होने जा रही है. इसका मतलब है कि फेसबुक को बनाने वाले मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा में काम करने वाले हजारों लोगों को नौकरी से निकाला जाएगा. इस छंटनी को परफॉर्मेंस टर्मिनेशन का नाम दिया गया है. इसके कारण, जिन कर्मचारियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा.
3000 लोगों की लिस्ट तैयार
मेटा ने पिछली बार, जिस दिन छंटनी की थी, उस दिन अपने ऑफिस को बंद रखा था, लेकिन इस बार छंटनी के दिन मेटा ने अपना ऑफिस खुला रखने का फैसला लिया है. यह छंटनी ग्लोबल लेवल पर होगी, लेकिनजर्मनी, फ्रांस, इटली और नीदरलैंड्स के कर्मचारियों पर स्थानीय नियमों के कारण इसका असर नहीं पड़ेगा. 11 फरवरी से 18 फरवरी के बीच में यूरोप, एशिया और अफ्रीका के करीब एक दर्ज़न से भी ज्यादा देशों में लेऑफ नोटिफिकेशन्स भेजे जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने करीब 3000 लोगों की लिस्ट बनाई, जिन्हें नौकरी से निकाला जाएगा. दरअसल, कंपनी ने पिछले महीने बताया था कि वो अपने कंपनी से 5% कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है, जो उनके कुल कर्मचारियों का करीब 3000 होता है.
मेटा के एक प्रमुख अधिकारी, जानेल गेल द्वारा लिखे गए एक पोस्ट के अनुसार, ज्यादातर देशों में सोमवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 5 बजे से कर्मचारियों को उनकी नौकरी जाने के नोटिस भेजे जाएंगे. हालांकि, एक ओर मेटा अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है और वहीं दूसरी ओर मशीन लर्निंग इंजीनियर्स और अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाओं को भरने के लिए नए कर्मचारियों को हायर करने पर भी फोकस कर रहा है.