इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदना है? तो सितंबर का महीना है बिल्कुल सही, मिलेगा सरकार की इस स्कीम का फायदा - Discount on Electric Scooters - DISCOUNT ON ELECTRIC SCOOTERS
अगर आप एक नया इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदना चाहते हैं, तो सितंबर माह आपके लिए बिल्कुल सही रहेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में चुनिंदा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीद पर 10,000 रुपये छूट देने की स्कीम शूरू की थी और यह 30 सितंबर 2024 तक के लिए लागू है.
इलेक्ट्रिक स्कूटर पर मिल रही छूट (फोटो - Bajaj, Vida, Ather Energy)
हैदराबाद: केंद्र सरकार लंबे समय से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए सरकार ने की तरह की योजनाएं भी चला रखी हैं, जिनमें से सबसे परिचित फेम-II योजना है. लेकिन भारी उद्योग मंत्रालय ने इस साल मार्च के अंत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन के लिए एक और स्कीम शुरू की थी, जिसका नाम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) है.
बजाज चेतक इलेक्ट्रिक (फोटो - Bajaj Auto)
इस योजना के तहत चुनिंदा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीद पर उनकी एक्स-शोरूम कीमत पर 10,000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही थी. यह सब्सिडी केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही है. हालांकि, यह योजना सरकार द्वारा केवल 30 सितंबर, 2024 तक के लिए ही चलाई थी, जिसकी अवधि अगले माह समाप्त होने वाली है.
टीवीएस आईक्यूब (फोटो - TVS Motor)
ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार की ओर से इस स्कीम के विस्तार की भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इसलिए, यदि आप एक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यही सही समय है, जब आप इलेक्ट्रिक स्कूटर पर अतिरिक्त डिस्काउंट का लाभ उठा सकते हैं.
एथर रित्जा (फोटो - Ather Energy)
संदर्भ के लिए, भारत में मौजूदा समय में बिक्री पर उपलब्ध कुछ प्रीमियम इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर जो केंद्र सरकार की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम के तहत आते हैं, उनमें Ather 450X, Ather Rizta, Ola S1 Pro, TVS iQube, Bajaj Chetak और Vida V1 Pro शामिल हैं.
विदा वी1 प्रो (फोटो - Hero Vida)
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा ईएमपीएस के एक हिस्से के रूप में, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए 778 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था. इसमें 5,00,080 ईवी शामिल थे, जो सब्सिडी का लाभ उठा सकते थे. हालांकि उक्त राशि संभावित ईवी खरीदारों के लिए थोड़ी राहत प्रदान करती है, लेकिन यह देखना अभी बाकी है कि भारी उद्योग मंत्रालय इसे आगे बढ़ाएगा या कोई नई योजना पेश करेगा.