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दिल्‍ली की इन आठ सीटों पर है पंजाबी वोटर्स का दबदबा, तय करते हैं उम्मीदवारों की किस्मत! - INFLUENCE OF PUNJABI VOTERS DELHI

दिल्ली की आठ सीटों पर प्रत्याशियों के हार-जीत तय करते हैं पंजाबी वोटर्स, जानिए इस बार कौन-कौन से प्रत्याशी हैं चुनावी मैदान में...

दिल्‍ली की इन आठ सीटों पर है पंजाबी वोटर्स का दबदबा
दिल्‍ली की इन आठ सीटों पर है पंजाबी वोटर्स का दबदबा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 27, 2025, 4:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पांच फरवरी को होने वाले मतदान में चंद दिन बचे हैं. सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बीते दिनों अपना संकल्प पत्र जारी कर मतदाताओं के सामने वादों की बौछार लगा दी. तो आज आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली की जनता को केजरीवाल की 15 गारंटी के नाम से अपना घोषणा पत्र जारी किया है. कुल मिलाकर राजनीतिक दलों द्वारा अलग-अलग वर्ग के मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कवायत जारी है.

देश की राजधानी में आजादी के बाद पंजाबी समुदाय का कभी दबदबा था. आज भी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 8 सीटों पर पंजाबी समुदाय के मतदाता जीत और हर को प्रभावित करने में सक्षम हैं. तिलक नगर, कृष्णा नगर, राजौरी गार्डन आदि पंजाबी बहुल सीटें हैं. केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने दो दिन पहले राजौरी गार्डन विधानसभा में एक सभा को संबोधित किया. वहां पंजाबी समुदाय के लोगों की तादाद अच्छी है. पार्टी ने इस बार मनजिंदर सिंह सिरसा को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने अपने संबोधन में आम आदमी पार्टी की विफलताओं को तो गिनाया ही, साथ ही दिल्ली के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार की विफलताओं को गिनाया.

''दिल्ली में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री पंजाबी समुदाय से ही मदनलाल खुराना बने थे. इस बार मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना को पार्टी ने टिकट देकर मोती नगर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. पूरी दिल्ली की बात करें तो चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 18 फीसद से अधिक पंजाबी समुदाय से लोग ताल्लुक रखते हैं और अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में चुनाव नतीजे को भी प्रभावित करने में सक्षम हैं. इसलिए आम आदमी पार्टी हो या बीजेपी या फिर कांग्रेस पंजाबी बहुल सीटों पर पंजाबी समुदाय के ही नेता को ही टिकट देते हैं, ताकि वह अपने-अपने पक्ष में मतदाताओं को कर सकें.''- राज खुराना, राजनीति विश्लेषक

दिल्ली में पंजाबी मतदाता बहुल विधानसभा सीटें और प्रत्याशी:

विधानसभा सीट आम आदमी पार्टी भाजपा कांग्रेस
तिलक नगर जरनैल सिंह श्वेता सैनी पीएस बावा
राजौरी गार्डन धनवती चंदेलामनजिंदर सिरसाधर्मपाल चंदेला
मोती नगर शिवचरण गोयल हरीश खुरानाराजेंद्र नामधारी
जंगपुरा मनीष सिसोदिया तरविंदर सिंह फरहाद सूरी
जनकपुरी प्रवीण कुमार आशीष सूद हरबानी कौर
हरीनगर सुरेंद्र सेतिया श्याम शर्मा प्रेम शर्मा
कृष्णा नगर विकास बग्गा अनिल गोयल गुरुचरण सिंह
करोल बाग विशेष रवि दुष्यंत गौतम राहुल धनक

वर्तमान समय में किस पार्टी का है कब्जा: आम आदमी पार्टी दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी की स्थिति में आने से पहले पंजाबी मतदाता अकाली दल को अपना वोट डालते थे. कांग्रेस के पक्ष में भी मतदाता गए. कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार में अरविंदर सिंह लवली कभी बड़ा कांग्रेस चेहरा थे, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. हालांकि वर्तमान में वह बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. वर्ष 2015 से 2024 के बीच जितने भी विधानसभा व लोकसभा चुनाव हुए हैं उनमें अधिकांश पंजाबी मतदाता अभी तक आम आदमी पार्टी को वोट देते आ रहे हैं. नतीजा है कि सभी पंजाबी मतदाता वाली सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है. यही कारण है कि इस बार भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान दिल्ली में डेरा डाले हैं और वह जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पांच फरवरी को होने वाले मतदान में चंद दिन बचे हैं. सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बीते दिनों अपना संकल्प पत्र जारी कर मतदाताओं के सामने वादों की बौछार लगा दी. तो आज आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली की जनता को केजरीवाल की 15 गारंटी के नाम से अपना घोषणा पत्र जारी किया है. कुल मिलाकर राजनीतिक दलों द्वारा अलग-अलग वर्ग के मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कवायत जारी है.

देश की राजधानी में आजादी के बाद पंजाबी समुदाय का कभी दबदबा था. आज भी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 8 सीटों पर पंजाबी समुदाय के मतदाता जीत और हर को प्रभावित करने में सक्षम हैं. तिलक नगर, कृष्णा नगर, राजौरी गार्डन आदि पंजाबी बहुल सीटें हैं. केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने दो दिन पहले राजौरी गार्डन विधानसभा में एक सभा को संबोधित किया. वहां पंजाबी समुदाय के लोगों की तादाद अच्छी है. पार्टी ने इस बार मनजिंदर सिंह सिरसा को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने अपने संबोधन में आम आदमी पार्टी की विफलताओं को तो गिनाया ही, साथ ही दिल्ली के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार की विफलताओं को गिनाया.

''दिल्ली में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री पंजाबी समुदाय से ही मदनलाल खुराना बने थे. इस बार मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना को पार्टी ने टिकट देकर मोती नगर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. पूरी दिल्ली की बात करें तो चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 18 फीसद से अधिक पंजाबी समुदाय से लोग ताल्लुक रखते हैं और अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में चुनाव नतीजे को भी प्रभावित करने में सक्षम हैं. इसलिए आम आदमी पार्टी हो या बीजेपी या फिर कांग्रेस पंजाबी बहुल सीटों पर पंजाबी समुदाय के ही नेता को ही टिकट देते हैं, ताकि वह अपने-अपने पक्ष में मतदाताओं को कर सकें.''- राज खुराना, राजनीति विश्लेषक

दिल्ली में पंजाबी मतदाता बहुल विधानसभा सीटें और प्रत्याशी:

विधानसभा सीट आम आदमी पार्टी भाजपा कांग्रेस
तिलक नगर जरनैल सिंह श्वेता सैनी पीएस बावा
राजौरी गार्डन धनवती चंदेलामनजिंदर सिरसाधर्मपाल चंदेला
मोती नगर शिवचरण गोयल हरीश खुरानाराजेंद्र नामधारी
जंगपुरा मनीष सिसोदिया तरविंदर सिंह फरहाद सूरी
जनकपुरी प्रवीण कुमार आशीष सूद हरबानी कौर
हरीनगर सुरेंद्र सेतिया श्याम शर्मा प्रेम शर्मा
कृष्णा नगर विकास बग्गा अनिल गोयल गुरुचरण सिंह
करोल बाग विशेष रवि दुष्यंत गौतम राहुल धनक

वर्तमान समय में किस पार्टी का है कब्जा: आम आदमी पार्टी दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी की स्थिति में आने से पहले पंजाबी मतदाता अकाली दल को अपना वोट डालते थे. कांग्रेस के पक्ष में भी मतदाता गए. कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार में अरविंदर सिंह लवली कभी बड़ा कांग्रेस चेहरा थे, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. हालांकि वर्तमान में वह बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. वर्ष 2015 से 2024 के बीच जितने भी विधानसभा व लोकसभा चुनाव हुए हैं उनमें अधिकांश पंजाबी मतदाता अभी तक आम आदमी पार्टी को वोट देते आ रहे हैं. नतीजा है कि सभी पंजाबी मतदाता वाली सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है. यही कारण है कि इस बार भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान दिल्ली में डेरा डाले हैं और वह जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

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