हाथरस/लखनऊःसिकंद्राराऊ के फुलराई गांव में सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि कई लोग घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. हादसे के बाद सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के नेता घायलों और मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंच रहे हैं. इसके साथ इस हादसे पर राजनीति भी शुरू हो गई है. इसी कड़ी में बुधवार को कांग्रेस प्रदेश के अध्यक्ष अजय राय बागला जिला अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की. प्रदेश अध्यक्ष गांव सोखना भी पहुंचे जहां एक ही परिवार में तीन महिलाओं की मौत हुई थी. अजय राय ने विश्वास दिलाया कि पूरा कांग्रेस परिवार इस दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ा है.
मृतकों के परिजनों एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए
इस दौरान अजय राय ने कहा कि योगी सरकार की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरा है. योगी सरकार जिन लोगों ने अपने परिवार के लोग खोए हैं, उनके दर्द को समझें और एक करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी, घायलों को 25 लाख दें. उन्होंने कहा कि योगी सरकार पूरी तरह से विफल है. पूरे देश में यह पहली ऐसी घटना होगी, जिसमें इतने लोग एक साथ मृत्यु हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. घटना के बाद से जनपद का एक-एक पार्टी कार्यकर्ता लोगों की मदद करने के काम कर रहा है.
घायलों के इलाज के लिए नहीं पर्याप्त सुविधाएं और डॉक्टर नहीं
हाथरस के बाद लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में अजय राय ने इस हादसे पर योगी सरकार को जमकर घेरा. अजय राय ने कहा कि यूपी के इतिहास में सबसे दुःखद और बड़ी घटना हाथरस की हुई है. इतनी बड़ी घटना आज तक न सुना न देखा है. मैं स्वयं वहां गया था, अस्पताल देखा, लोगों से मिला. अधिकतर गरीब अनुसूचित जाति के लोग मरने वालों में से है. 80 हजार भीड़ की अनुमति मिली थी, लेकिन 2.5 लाख की भीड़ थी. सत्संग स्थल पर सिर्फ 40 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी, अस्पताल में कोई व्यवस्था नही थी. ऑटो टैम्पू से लोगों को अस्पताल ले जाया गया. शासन के संज्ञान में घटना के 2 से 3 घण्टे बाद आई, एम्बुलेंस तक मौजूद नही थी. एम्बुलेंस तक कि किल्लत इस प्रदेश में है, ये घटना यूपी सरकार की नाकामी है.
मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम में बात नहीं हो रही
अजय राय ने कहा कि जब मैं वहां पहुंचा तो सीएम मौजूद थे, डिप्टी सीएम, सीएम के साथ नही गए. आपस की लड़ाई में अब पूरा प्रदेश पिस रहा है. कई विसंगतिया वहां अभी भी मौजूद है. डेड बॉडी कही और भेजी जा रही थी. सरकारी लिस्ट में घायलों के इलाज के लिए मुआवजा के लिस्ट तैयार किया है. उसमें भी गड़बड़ी की गई है. जो लिस्ट बनाई गई है उसमें मृतकों को शामिल नहीं किया गया. एक परिवार की तीन-तीन लोगों की मौत हुई हैं लेकिन लिस्ट में उनके नाम गायब है. आरोपी बाबा को सरकार बचाने की कोशिश कर रही है. इस पूरे मामले की जांच सिटिंग जज से कराई जाए. इस मामले में जो भी अधिकारी आरोपी हैं, उन पर कार्रवाई की जाए. ये लोग असंवेदनशील हार्टलेस लोग है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बहुत कम मुआवजा दिया गया है. किसी का परिवार उजड़ गया और सरकार ने झुनझुना पकड़ा दिया. प्रशासन शासन की लापरवाही सामने आई है. जंगलराज यूपी में कायम है. भाजपा के लोग सिर्फ इवेंट करते हैं और फ़ोटो खिंचवाते है.